बुद्धि की परिभाषाएं, प्रकार एवं इससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

बुद्धि (Intelligence)

सीखने (learning), समझने (understanding) या नई कोशिश करने (trying new), परिस्थितियों (Dealing with situations) से निपटने आदि की क्षमता को बुद्धि कहा जाता है।

बुद्धि की परिभाषाएं

रोस (Ross) के अनुसार

विभिन्न प्रकार परिस्थितियों में चेतन अनुकूलन (conscious adaptation) को ही बुद्धि कहा जाता है। दुसरे शब्दों में नई परिस्थितियों के प्रति सचेत अनुकूलन (conscious adaptation) बुद्धिमत्ता है।

मन (Mann) के अनुसार

विपरीत परिस्थितियों को झेलने की मस्तिष्क की नियति या नम्यता (Flexibility) ही बुद्धिमत्ता है।

वुड्रो (Woodrow) के अनुसार

बुद्धिमत्ता ज्ञान प्राप्त करने की क्षमता है।

बकिंघम (Buckingham) के अनुसार

सीखने की क्षमता (ability to learn) ही बुद्धिमत्ता है।

वुडवर्थ (Woodworth) के अनुसार

यह कार्य (Acting) करने का नया तरीका है।

टर्मन (Terman) के अनुसार

बुद्धिमत्ता, अमूर्त चिंतन (adstract ideas) या विचारों के संदर्भ में सोचने की क्षमता है।

बर्ट (Burt) के अनुसार

बुद्धि अच्छी तरह से निर्णय लेने (Judge well), अच्छी तरह से समझने (Comprehend well) तथा तर्क करने (reason well) की योग्यता को कहते है।

बिने (Binet) के अनुसार

समझ (comprehension), आविष्कार (invention), निर्देशन (direction) और आलोचना (criticism) चार शब्द बु द्धि में होते है।

रेबर्न (Reyburn) के अनुसार

इंटेलिजेंस वह शक्ति है जो हमें समस्या को हल करने और हमारे उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाती है।

बुद्धि की विशेषताएं

सीखने की योग्यता को ही बुद्धि कहते है। यह जीवन पर्यन्त सीखे गये अनुभवों से लाभ उठाने की योग्यता है।

यह एक जन्मजात (inborn) योग्यता है। यह आनुवांशिक रूप से प्राप्त होती है। यह वंशानुक्रम एवं वातावरण का परिणाम होती है।

यह तर्क (Reasoning,), चिंतन (thinking), मनन (contemplation) तथा निर्णय लेने (decision making) की योग्यता  है।

उदग्रबुद्धि (Vertical intelligence) 18 से 12 वर्ष तक बढ़ती है लेकिन क्षैतिजबुद्धि (Horizontal intelligence) उम्र भर तक बढ़ती रहती है। अथार्त शारीरिक रूप से  इसका विकास रूक जाता है लेकिन कौशल एवं अनुभवों से इसका विकास होता रहता है।

यह विपरीत परिस्थितियों में सफलता प्राप्त करने में मदद करती है। जिससे समस्या समाधान की योग्यता (Problem Solving Ability) में वृद्धि होती है।

बुद्धि के प्रकार (Types of intelligence)

थर्स्टोन ने निम्नलिखित क्षमता के आधार पर बुद्धि का वर्गीकरण किया हैं –

  1. स्थानिक या स्थान सम्बन्धी योग्यता (Spatial)
  2. अवधारणात्मक या प्रत्यक्षीकरण की योग्यता (Perceptual)
  3. स्मृति या याद रखने की योग्यता (Memory)
  4. संख्या सम्बन्धी योग्यता (Number)
  5. मौखिक योग्यता (Verbal)
  6. शब्द-प्रवाह की योग्यता (Word-fluency)
  7. तर्क-वितर्क योग्यता (Reasoning)

गैरेट तथा थार्नडाइक के अनुसार

गैरेट तथा थार्नडाइक के अनुसार (According to Garrett and Thorndike)  इसके तीन प्रकार हैं-

  1. मूर्त  (Tangible or Real intelligence)
  2. अमूर्त (Abstract intelligence)
  3. सामाजिक (Social intelligence)

 

मूर्त बुद्धि

इसे यांत्रिक बुद्धि (mechanical intelligence) या ठोसबुद्धि (Concrete intelligence) भी कहते है। इस बुद्धि के धनी व्यक्ति वस्तुओं को मूर्त (Real, actual) रूप में देख कर ही अपनी राय प्रकट करते हैं और उनका संबंध मूर्त प्रत्यक्षीकरण (Tangible disclosure) से है। जैसे- कारीगर, इंजीनियर, मिस्त्री, किसान आदि।

इनका सम्बन्ध मशीनों या उपकरणों से होता है।

 

अमूर्त बुद्धि

इसका संबंध अमूर्त तार्किक चिंतन (Logical thinking), मनन (Reasning) तथा कल्पनाशीलता (Creativity) से है। जैसे- वकील, गणितज्ञ, साहित्कार, कवि, दार्शनिक, वैज्ञानिक, डॉक्टर आदि।

इनका सम्बन्ध पुस्तक आधारित ज्ञान से होता है।

 

सामाजिक बुद्धि

यह  व्यक्ति को सामाजिक परिवेश (Social environment) में रहने के अनुकूलित बनाती है, जिसके कारण वह समाज में सफलतापूर्वक रह सकता है। जैसे- सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारी, शिक्षक, राजनेता, मंत्री आदि।

का संबंध समाज के साथ संबंधों से है।

 

कैटल के अनुसार

कैटल के अनुसार बुद्धि दो प्रकार की होती हैं-

  1. आनुवांशिक (Genetic intelligence)
  2. अर्जित (Acquired intelligence)

 

आनुवांशिक बुद्धि

यह पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशागत होती है। इसे तरल बु द्धि भी कहा जा सकता है। यह आनुवांशिक लक्षणों के रूप में वंशागत होती है।

 

अर्जित बुद्धि

वहबुद्धि जो सामाजिक परिवेश, वातावरण, अनुभव शिक्षा आदि के द्वारा अर्जित की जाती है। इसे ठोसबुद्धि भी कहा जाता है।

 

बुद्धि के अध्ययन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

1885 में इंग्लैंड के फ्रांसिस गाल्टन (Francis Galton) ने “बुद्धि(Intelligence)” शब्द दिया। इनसे पहले मनोवैज्ञानिक इसके के संबंध में एकमत नहीं थे। उनके विचारों में भिन्नता पाई जाती थी।

1890 में लन्दन के पेंसिलवेनिया के प्रोफेसर केटल ने अपनी पुस्तक “(Mental test and Measurement)  मानसिक परीक्षण एवं मापन” में मानसिक परीक्षण (Mental Test) शब्द का उपयोग किया।

1904 में फ्रांस में अल्फ्रेड बिने (Alfred binet) की अध्यक्षता में “बिने आयोग (Binet commission)” का गठन किया गया। अल्फ्रेड बिने ने सर्वप्रथम मानसिक आयु (Mental age) शब्द का प्रयोग किया। अलफ्रेड बिने (Alfred binet) को “बुद्धिका पुरोगामी (Proponent of wisdom)” कहा जाता है।

1905 में साइमन के जुड़ने पर इसे “बिने साइमन आयोग” कहा जाने लगा। बिने साइमन आयोग के द्वारा पहली बुद्धिमापनी (Intelligence scale) बनाई गयी जिसे “बिने साइमन बुद्धिमापनी” कहा जाता है। इसमें 30 प्रश्नावलीओं (questionaries) को शामिल किया गया।

1911 में बिने साइमन बुद्धिमापनी में परिवतर्न हुआ और प्रश्नावली (questionary) की संख्या 54 कर दी गई।

1911 में ही बिने के द्वारा सामाजिक आयु (Social age) शब्द का प्रयोग किया गया।

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