केंचुआ का वर्गीकरण, आवास तथा बाह्य आकारिकी

Earthworm in Hindi, केंचुआ का वर्गीकरण, आवास तथा बाह्य आकारिकी

केंचुए का वर्गीकरण (Classification of Earthworm)

  1. जगत (Kingdom) – एनिमेलिया (Animalia)
  2. संघ (Phylum) – एनेलिडा (Annelida)
  3. वर्ग (Class) – ओलिगोकीटा (Oligochaeta)
  4. गण (Order) – ओपिस्थोपोरा (Opisthopora)
  5. कूल (Family) – मेगास्कोलेसिडी (Megascolecidae)
  6. वंश (Genes) – फेरेटिमा (Pheretima)
  7. जाति (Species) – पॉस्थुमा (Poshtums)

केंचुएँ के विभिन्न प्रकार होते हैं। भारत में केंचुएँ का प्रमुख वंश फेरेटिमा है, जिसका वैज्ञानिक नाम फेरेटिमा पॉस्थुमा (Pheretima poshtuma) तथा यूरोप में लुम्ब्रिकश है। फेरेटिमा की 500 जातियाँ है, जिसमें से 13 भारत में पाई जाती है।

केंचुएँ का वैज्ञानिक नाम क्या है?

उत्तर- फेरेटिमा पॉस्थुमा (Pheretima poshtuma)

आवास एवं स्वभाव (Habitat and Habit)

केंचुआ नम (moist) भूमि में बिल (Burrow) बना कर रहता है। दिन के समय या अत्यधिक तापमान होने पर भूमि में गहराई में चला जाता है। और रात्रि के समय बाहर आता है। अतः यह रात्रिचर या निशाचर (Nocturnal) जंतु है।

यह खेत की मृदा को खोदकर नीचे से ऊपर ले आता है, सूखी पत्तियों को खाकर खाद (Compost) का निर्माण करता है, इसलिए इन्हें किसान का मित्र (Friends of farmer) कहते हैं।

किसान का मित्र  किसे (Friends of farmer) कहते हैं?

केंचुए की बाह्य आकारिकी (Morphology of earthworm)

केंचुए का शरीर लंबा (long), बेलनाकार (Cylindrical), द्विपार्श्वसमित‌ (Bilateral) तथा कृमिरूपी (Worm like) होता है। इसकी लंबाई 15-20 सेंटीमीटर होती है। यह चमकीले भूरे रंग का होता है। इसका यह रंग पोरफायरिन वर्णक (Porphyrin Pigment) के कारण होता है। जो पराबैंगनी किरणों (UV rays) से सुरक्षा करता है।

इसके शरीर में पृष्ठ (Dorsal) तथा अधर (Ventral) होते है। पृष्ठ भाग में पृष्ठ रुधिर वाहिनी (Dorsal Blood Vessels) पाई जाती है। जो प्रथम सिरे से अंतिम सिरे तक फैली रहती है।

अधर सतह (Ventral surface) की पहचान जनन छिद्रों (Genital Openings) की उपस्थिति है।

केंचुए का शरीर 100-120 खंडों से बना होता है जिन्हें मेटामियर्स (Metameres) कहते हैं।

 

earthworm in hindi केंचुए का चित्र

इसके प्रथम खंड (First segment) पर मुख (Mouth) होता है। मुख के आगे की ओर एक पाली पाई जाती है जिसे पुरोमुख (Prostomium) कहते हैं, तथा प्रथम खंड को परिमुख (Perostomium) कहते हैं।

शरीर का अंतिम खंड (Last segment) पाइजिडीयम (Pygidium) कहलाता है।

प्रयाणिका या क्लाइटेलम (Clitellum)

केंचुए के 14,15, 16 खंड का रंग गहरा भूरा होता है। इन खंडों को क्लाइटेलम कहते हैं। यह ग्रंथिल (Glandular) भाग है।

क्लाइटेलम के आधार पर केंचुए को तीन भागों में बांटा जाता है-

  1. प्रीक्लाइटेलम (Precitellum)
  2. क्लाइटेलम (Clitellum)
  3. पोस्टक्लाइटेलम (Postcitellum)

 

शुक या सिटी (Setae)

केंचुए के प्रथम अंतिम तथा क्लाइटेलम खंडो को छोड़कर शेष खंडों में S आकार के काइटिन के बने शुक पाए जाते हैं। जो गति में सहायता करते हैं।

रंध्र (Pores)

  • केंचुए में प्रथम दो खंडों को छोड़कर शेष खंडों में अनेक सूक्ष्म छिद्र पाए जाते हैं। जो नेफ्रिडियोपोर (Nephridiopore) कहलाते हैं। प्रत्येक खण्ड में 200-250 नेफ्रिडियोपोर (Nephridiopore) होते है जबकि क्लाइटेलम के प्रत्येक खण्ड में 2000 नेफ्रिडियोपोर (Nephridiopore) होते है जिसे नेफ्रिडियोपोर का जंंगल कहते है।
  • पांचवें से नौवें खंड के अंतर खण्डिय खांच (Intersegment) में 4 जोड़ी शुक्रग्राहिका छिद्र (Spermathecal pore) पाए जाते हैं।
  • 14 वे खंड में एक मादा जनन छिद्र (Female germ pore) होता है।
  • 18 खंड में 1 जोड़ी नर जनन (Male germ pore) होता है।
  • शरीर के अंतिम खंड (segment) में गुदा (Anus) पाया जाता है।

 

केंचुए की देह भित्ति (Body Cavity of Earthworm)

केंचुए की देह भित्ति चार स्तरों से बनी होती है-

  1. उपत्वचा (Cuticle)
  2. अधिचर्म (Epidermis)
  3. पेशी स्तर (Muscle Layer)
  4. उपकला (Epithelium)

उपत्वचा या क्यूटिकल (Cuticle)

यह सबसे बाहरी आवरण है। जो कैलोजन तंतु से बना होता है। यह लचीला होता है। इसमें कोशिकाएं नहीं पाई जाती।

अधिचर्म या एपिडर्मिस (Epidermis)

यह स्तंभाकार कोशिकाओं (Columnar Cells) का बना होता है। इनमें चार प्रकार की कोशिकाएं होती है-

  1. अवलंबन कोशिकाएं (Supporting Cells)
  2. आधारी कोशिकाएं (Basal Cells)
  3. ग्रंथिल कोशिकाएं (Glandular Cells)
  4. संवेदी कोशिकाएं (Sensory Cells)
अवलंबन कोशिकाएं (Supporting cells)

अधिचर्म (Epidermis) के अधिकांश भाग का निर्माण अवलंबन कोशिकाएं (Supporting cells) करती है।

आधारी कोशिकाएं (Basal Cells)

ये शंक्वाकार (Cone Shaped) कोशिकाएं हैं। जो प्रतिस्थापन कोशिकाएं भी कहलाती है। क्योंकि यह पुरानी अवलंबन तथा ग्रंथिल कोशिकाओं का स्थान ले लेती है।

ग्रंथिल कोशिकाएं (Glandular Cells)

ग्रंथिल कोशिकाओं के रूप में त्वचा को नम बनाए रखने के लिए श्लेष्मा कोशिकाएं (Mucus cells) और भ्रूण को पोषण प्रदान करने वाली एल्बुमिन कोशिकाएं (Albumen Cells) पाई जाती है।

संवेदी कोशिकाएं (Sensory Cells)

संवेदी कोशिकाओं में संवेदी रोम (Sensory hair) पाए जाते हैं। जो बाह्य उद्दीपन (Stimulation) को ग्रहण करती है।

केंचुए का चित्र

 

Earthworm in Hindi

पेशी स्तर (Muscle Layer)

केंचुए के पेशी स्तर में तीन प्रकार की पेशीया पाई जाती है। सबसे बाहर की ओर वर्तुल पेशियां (Circular muscles), मध्य में अनुदैर्ध्य (Longitudinal muscles) तथा सबसे अंदर की ओर वर्तुल पेशियां (Circular muscles) होती है।

वर्तुल पेशियों (Circular muscles) के कारण शरीर लंबा और पतला हो जाता है। जबकि अनुदैर्ध्य पेशियों (Longitudinal muscles) के कारण शरीर सिकुड़ कर मोटा और छोटा हो जाता है।

उपकला (Epithelium)

उपकला यह सब से आंतरिक स्तर है, जो पेरीटोनियम (Peritoneum) भी कहलाता है यह उपकला ऊतकों (Epithelium tissue) का बना होता है।

केंचुए की देहगुहा (Body cavity or coelom of earthworm)

देह भित्ति (Body wall) तथा आहारनाल (Alimentary canal)  के बीच का खाली भाग देहगुहा (Body cavity) कहलाता है। इसमें विभिन्न प्रकार के आंतरिक अंग (Internal organ) उपस्थित होते हैं। यह मिजोडर्म द्वारा ढकी रहती है। यह अलग-अलग को कोष्टो में बैठी रहती है।

इस गुहा में दूधिया रंग का क्षारीय (Alkaline) द्रव भरा रहता है। जिसके दो भाग होते हैं-

  1. प्लाज्मा (Plasma)
  2. कोशिकाएं (Cells)

प्लाज्मा मानव के रक्त के समान भाग है। जिसमें जल, प्रोटीन तथा लवण (Salt) पाए जाते हैं।

कोशिकाओं के रूप में इसमें फेगोसाइट कोशिकाएं (Phagocytes cells), क्लोरोगोगन कोशिकाएं (Chlorogogen cells), म्यूकोसाइट कोशिकाएं (Mucocytes) और सर्कुलर कोशिकाएं (Circular cells) पाई जाती है।

क्लोरोगोगन कोशिकाएं (Chlorogogen cells) मानव के यकृत के समान है जो प्रोटीन का डिएमिनेशन तथा भोजन को इक्क्ठा करती है।

Earthworm in Hindi

 

 

इन्हें भी पढ़ें

  1. केंचुए का पाचन तंत्र
  2. संयोजी ऊत्तक का संघटन एवं प्रकार
  3. अस्थि एवं उपास्थि
  4. पकला उत्तक एवं इसके विभिन्न प्रकार
  5. रक्त की संरचना एवं संघठन
  6. कोशिका का सामान्य परिचय संरचना तथा प्रकार (Cell in Hindi)
  7. कोशिका सिद्धांत (cell theory)
  8. जीवद्रव्य सामान्य परिचय एवं प्रकृति
  9. कोशिका भित्ति (Cell Wall) एवं कोशिका झिल्ली (Cell Membrane)
  10. कोशिका झिल्ली (Plasma Membrane in Hindi)
  11. डीएनए की संरचना, रासायनिक प्रकृति, भौतिक प्रकृति तथा प्रकार
  12. डीएनए की संरचना (structure), डीएनए की प्रतिकृति (Replication) एव अनुलेखन (Transcription)
  13. अनुवादन, रूपांतरण या प्रोटीन संश्लेषण

 

बाहरी कड़ियां

 

ऑनलाइन लेक्चर वीडियो

 

Earthworm in Hindi

 

 

Hamid Ali
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