krebs cycle in hindi, क्रेब्स चक्र, सिट्रिक अम्ल चक्र या ट्राइकार्बोक्सिलिक अम्ल (TCA) चक्र
क्रेब्स चक्र में प्रथम उत्पाद तीन कार्बोक्सिलिक अम्ल युक्त साइट्रिक अम्ल बनता है इसलिए इसको साइट्रिक एसिड चक्र या ट्राइकार्बोक्सिलिक अम्ल (TCA) चक्र के रूप में भी जाना जाता है। यह कोशिकाओं के माइटोकॉन्ड्रिया में होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाओं की एक श्रृंखला है। यह एरोबिक श्वसन में एक प्रमुख चयापचय मार्ग है, जिसके द्वारा कोशिकाएं कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन से ऊर्जा उत्पन्न करती हैं।
क्रेब्स चक्र का स्थान
यह माइटोकॉन्ड्रिया के आधात्री (मैट्रिक्स) में होता है।इसमें ग्लूकोज अणुओं के टूटने से कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) निकलती है, जबकि एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (एटीपी), निकोटिनामाइड एडेनिन डाइन्यूक्लियोटाइड (एनएडीएच), और फ्लेविन एडिनाइन डाइन्यूक्लियोटाइड (एफएडीएच2) जैसे ऊर्जा-समृद्ध अणु उत्पाद के रूप में प्राप्त होते है।
क्रेब्स चक्र की क्रियाविधि
यह निम्न चरणों में सम्प्न्न होता है-
1. एसिटाइल-CoA निर्माण
क्रेब्स चक्र में प्रवेश करने से पहले, ग्लाइकोलाइसिस (ग्लूकोज चयापचय का प्रारंभिक चरण) से उत्पन्न पाइरूवेट अणु एसिटाइल-CoA में परिवर्तित हो जाते हैं। इस प्रक्रियाको पाइरूवेट डीकार्बोक्सिलेशन कहा जाता है।
2. सिट्रिक अम्ल का निर्माण
एसिटाइल-CoA ऑक्सेलोएसिटिक अम्ल नामक चार-कार्बन यौगिक के साथ जुड़कर सिट्रिक अम्ल नामक छह-कार्बन अणु का यौगिक बनाता है। यह प्रतिक्रिया एंजाइम सिट्रेट सिंथेज़ द्वारा उत्प्रेरित होती है।
3. आइसोमेराइजेशन
सिट्रिक अम्ल समावयवीकरण (आइसोमेराइजेशन) प्रतिक्रियाओं की एक श्रृंखला से गुजरता है, इससे यह अपने समावयवी (आइसोमर) क्रमशः सिस एकोनिटिक अम्ल तथा आइसोसिट्रिक अम्ल में परिवर्तित करता है। ये प्रतिक्रियाएं एकोनिटेज और आइसोसिट्रेट डिहाइड्रोजनेज एंजाइम द्वारा उत्प्रेरित होती हैं।
4. आइसोसिट्रिक अम्ल का ऑक्सीकरण
आइसोसिट्रिक अम्ल को आइसोसिट्रेट डिहाइड्रोजनेज एंजाइम द्वारा ऑक्सीकृत किया जाता है, ऑक्सेलोसक्सिनिक अम्ल और एनएडीएच का उत्पादन होता है।
5. प्रथम CO2 अणु का निष्कासन एव्ं α-किटोग्लुटेरिक अम्ल का निर्माण
ऑक्सेलोसक्सिनिक अम्ल का डीकार्बोक्सिलेज एंजाइम द्वारा डीकार्बोक्सिलिकरण होता है जिससे पहला कार्बन डाइऑक्साइड अणु निकलता है। इस चरण में पाँच- कार्बन युक्त α-किटोग्लुटेरिक अम्ल का निर्माण होता है।
इस चरण में NADH और कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न होते हैं।
5. दूसरा CO2 अणु का निष्कासन
α-Ketoglutarate ऑक्सीकृत होता है, दूसरा कार्बन डाइऑक्साइड अणु रिलीज़ करता है। इस दौरान NADH और एक अन्य अणु, succinyl-CoA (चार- कार्बन युक्त) बनते हैं।
इस अभिक्रिया के लिए α-Ketoglutaric dehydrogenase एंजाइम की आवश्यकता होती है।
6. फॉस्फोरिलिकरण
सक्सिनाइल-CoA एंजाइम सक्सिनिल-CoA सिंथेटेज तथा सक्सिनेट थायोकिनेज की सहायता से सक्सिनिक अम्ल (चार- कार्बन युक्त) में परिवर्तित किया जाता है। इस अभिक्रिया के दौरान निकलने वाली ऊर्जा को ग्वानोसिन डाइफॉस्फेट (जीडीपी) को ग्वानोसिन ट्राइफॉस्फेट (जीटीपी) में बदलने में काम में लेते है।
एक अणु GTP एक अणु ATP में बदला जा सकता है।
7. फ्यूमेरिक अम्ल का निर्माण
सक्सिनिक अम्ल (सक्सिनेट) का एंजाइम सक्सिनेट डिहाइड्रोजनेज द्वारा ऑक्सीकरण होता है, और इलेक्ट्रॉन वाहक FADH2 और फ्यूमेरिक अम्ल नामक चार- कार्बन युक्त अणु उत्पन्न होते हैं।
8. मैलेट (मैलिक अम्ल) का निर्माण
फ्यूमेरिक अम्ल हाइड्रेटेड (जल का अणु जुडना) होता है, जिससे मैलेट बनता है। एंजाइम फ्यूमरेज़ इस प्रतिक्रिया को उत्प्रेरित करता है।
9. ऑक्सेलोएसिटिक अम्ल का पुनः निर्माण
मैलिक अम्ल ऑक्सीकृत होता है और ऑक्सेलोएसिटिक अम्ल का पुनः निर्माण करता है, जो फिर से चक्र शुरू करने के लिए एक अन्य एसिटाइल-CoA अणु के साथ संयोजन कर सकता है। इस अंतिम चरण में शामिल एंजाइम मैलेट डिहाइड्रोजनेज है, जो एनएडीएच (NADH) का उत्पादन करता है।
क्रेब्स चक्र NADH और FADH2 जैसे ऊर्जा-समृद्ध अणुओं का उत्पादन करके कोशिकीय श्वसन में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है, जो बाद में एटीपी उत्पन्न करने के लिए इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला के लिए आवश्यक हैं।
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महत्वपुर्ण तथ्य
- इस चक्र की अभिक्रियाओं को सर हेन्स क्रेब्स ने कबूतर की उड़न पेशियों में खोजा था।
- एसिटाइल CoA के प्रत्येक अणु से ATP का एक अणु (प्रत्यक्ष GTP द्वारा), तीन NADH2 एक FADH2 एवं CO2 के दो अणु मुक्त होते हैं।
- श्वसन की इस प्रावस्था के लिए संक्षिप्त समीकरण को निम्न रूप में लिखा जा सकता है-
क्रेब्स चक्र का सारांश
यौगिक |
उत्पाद |
1 एसिटाइल को-एन्जाइम A(C2H3O ~ S – CoA)
1 ऑक्सेलोएसिटिक अम्ल (C4H4O5) 3 NAD+ 1 FAD 4 H2O 1 ADP + 1 फॉस्फेट समूह |
1 को-एन्जाइम A
1 ऑक्सेलोएसिटिक अम्ल (C4H4O5) 3 NADH + H+ 1 FADH2 5 H2O (1 प्रत्यक्ष + 4 उपापचयी जल) 1 ATP 2 CO2 |
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