संघ पोरिफेरा या स्पंज का संघ (Phylum-Porifera or Sponge Hindi)

इस लेख में  संघ पोरिफेरा या स्पंज (Phylum-Porifera or Sponge Hindi) के बारे में जानेगे।


संघ पोरिफेरा के सामान्य परिचय (Introduction of Porifera)

Porifera शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों Poros मतलब “छिद्र” तथा Fero मतलब “धारण करना” से बना है। अतः पोरिफेरा का मतलब “छिद्रों को धारण करने वाला।

इनके शरीर पर असंख्य सूक्ष्म छिद्र पाए जाते है, इसलिए इनको स्पंज के रूप में जाना जाता है, इन सूक्ष्म छिद्र होत को ओस्टिया (Ostia) कहा जाता है। ओस्टिया (Ostia) के माध्यम से बाहर से पानी को शरीर में खींचा जाता है।

रॉबर्ट ग्रांट ने स्पंजो को जंतुओं में सम्मिलित किया गया और इनको ‘पोरिफेरा (Porifera)’ नाम दिया।


संघ पोरिफेरा के सामान्य लक्षण (Common Characteristics of Porifera)

  1. ये बहुकोशिकीय जन्तु अर्थात मेटाजोआ है।
  2. इनका शारीरिक संगठन कोशिकीय स्तर (Celluar level) तक का होता है। इनमें ऊतकों का अभाव होता है।
  3. सभी स्पंज जलीय, अपने स्थान पर चिपके रहने वाले (स्थानबद्ध Sessile), असममित (Asymmetrical) होते हैं।
  4. ये डिप्लोब्लास्टिक होते है। मतलब इनमें एक्टोडर्म तथा एन्डोडर्म दोनों जनन स्तर पाए जाते है।  एक्टोडर्म द्वारा पिनैकोडर्म (Pinacoderm) और एन्डोडर्म द्वारा कोएनोडर्म (Choanoderm) बनाया जाता है।
  5. इनमें अन्तः कंकाल कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) तथा सिलिका (SiO2) से बने कंटको (Spicules) तथा स्पोंजिन तंतुओं (Spongin fibers) का बना होता है।
  6. इनके शरीर में नाल तंत्र प्रणाली (Canal system) पाई जाती है।
  7. इनमें अलैंगिक (asexsual) तथा लैंगिक (sexsual) दोनों प्रकार का जनन पाया जाता है।
  8. उद्विकास की दृष्टि से इनको अन्धी गली (evolutionary dead end) कहा जाता है।

संघ पोरिफेरा या स्पंज (Phylum-Porifera or Sponge Hindi)


संघ पोरिफेरा का शारीरिक संगठन (Anatomy of Porifera)

स्पंज की देहभित्ति में पाए जाने वाले सूक्ष्म छिद्रों को ओस्टिया कहते है। जो मध्य में स्पंजगुहा (spongocoel) में खुलते है। ये गुहा शीर्ष पर उपस्थित एक बड़े छिद्र में खुलती है। जिसे प्रास्य या ऑस्कुलम (Osculum) कहते है। स्पंज की देहभित्ति दो परतो पिनैकोडर्म तथा कोएनोडर्म से बनी होती है। जिनके बीच में जैली समान मीसेन्काइमा (Mesochyma or Mesogloea) पाया जाता है।

(1) बाह्य त्वचीय उपकला (Dermal Epithelium) या पिनैकोडर्म (Pinacoderm)

यह स्तर संकुचनशील, चपटी पिनैकोसाइट्स कोशिकाओं से बना हैं। Pinacocyte में Pinaco का अर्थ त्वचा (derm) तथा Cyte का अर्थ कोशिका (Cell) है। ये कोशिकाए एक-दूसरे से सटी हुई रहती हैं।

(2) गैस्ट्रोडर्म या कोएनोडर्म (Gastroderm or Choanoderm)

यह स्तर छोटी, अण्डाकार, कीपनुमा कोशिकाओं का बना होता है। इन कोशिकाओं को कोएनोसाइट, कॉलर कोशिका या कीप कोशिका कहते है। ये कोशिकाए स्पंजगुहा (spongocoel) को ढके रखती है।

ये कोशिकाएँ पोरिफेरा में जल परिवहन, भोजन ग्रहण एवं लैंगिक जनन आदि कार्य करती हैं।

(3) मध्य श्लेष्मक स्तर या मेसोहाइल (Mesogloea or Mesohyl)

पिनैकोडर्म तथा कोएनोडर्म के बीच में रंगहीन, जेली जैसा पदार्थ होता है। जिसमें विभिन्न प्रकार की अमीबोसाइट्स (amoebocytes, अमीबा के समान) कोशिकाएँ तथा कंटक (spicules) पाए जाते हैं। अमीबोसाइट्स कार्य के आधार पर कॉलेनसाइट्स (Collencytes), क्रोमोसाइट्रस (Chromocytes),थीसोसाइट्रस (Thesocytes), मायोसाइट्स (Myocytes), आर्किओसाइट्स (Archaeocytes), कैल्कोब्लास्ट या स्क्लेरोब्लास्ट (Calcoblast or Scleroblast) आदि प्रकार की होती हैं।

रन्ध्र कोशिकाएँ या पोरोसाइट्स (Porocytes) –

पिनैकोडर्म से कोएनोडर्म तक स्पंज में क्षैतिज रूप में रन्ध्र कोशिकाएँ पायी जाती हैं। ये कोशिकाए जल-प्रवाह को बनाए रखती हैं। ये प्रास्य या ऑस्टियम (ostium) द्वारा खुलती हैं।

संघ पोरिफेरा या स्पंज (Phylum-Porifera or Sponge Hindi)


संघ पोरिफेरा में नाल तंत्र (Canal system in Porifera)

पॉरीफेरा की नाल तंत्र प्रणाली, पोषण, श्वसन और उत्सर्जन में मदद करती है। संघ पोरिफेरा में चार प्रकार का नाल तंत्र पाया जाता हैं-

  1. एस्कॉन
  2. साइकॉन
  3. ल्यूकॉन
  4. रैगॉन

एस्कॉन प्रकार का नाल तन्त्र (Ascon type of canal system)

यह सबसे सरल प्रकार का नाल तन्त्र है। उदाहरण- ल्यूकोसोलेनियों (Leucosolenia) ओलेनथस (Olenthus)

साइकॉन प्रकार का नाल तन्त्र (Sycon type of canal system)

यह नाल तन्त्र साइकॉन (Sycon) स्पंजों में पाया जाता है। उदाहरण स्काईफा (Scypha)  ग्रेंशिया (Grantia)

ल्यूकॉन प्रकार का नाल तन्त्र (Leucon type of canal system)

यह सबसे जटिल प्रकार का नाल तन्त्र है। उदाहरण Plakina, Geodia, Spongilla Oscarella

रैगॉन प्रकार का नाल तन्त्र (Rhagon type of canal system)

यह ल्यूकॉन प्रकार के नाल तन्त्र का ही रूप है। उदाहरण डेमोस्पोंजिया के लार्वा जैसे Spongilla का लार्वा

संघ पोरिफेरा या स्पंज (Phylum-Porifera or Sponge Hindi)


संघ पोरिफेरा में पोषण (Nutritions in Porifera)

स्पंजो में अन्तः कोशिकीय पाचन (intracellular digestion) ही होता है। इनमें पाचन कोशिकाओं के अन्दर होता है। इनका भोजन सूक्ष्म जीव होते है। स्पंजो में भोजन ग्रहण करने का पथ निम्न प्रकार का होता है।

सुक्ष्म जीव युक्त जल > ओस्टिया > स्पंज गुहा > ओस्कुलम

 

 


संघ पोरिफेरा में जनन (Reproduction in Porifera)

पोरिफेरा में अलैंगिक एवं लैंगिक जनन दोनों पाया जाता है। अलैंगिक जनन पुनरुदभवन (Regeneration) तथा जेम्युल (Gemmule) के द्वारा होता है। ये उभयलिंगी (Hermaphrodite or monoecious) होते है। इनमें स्वनिषेचन या परनिषेचन पाया जाता है।

पोरिफेरा में परिवर्धन अप्रत्यक्ष होता है। इनमें एम्फीब्लास्टुला या पैरेन्काइमुला लार्वा पाया जाता है।


संघ पोरिफेरा का वर्गीकरण (Classification of Porifera)

स्पन्जों को तीन वर्गों में बंटा गया है-

  1. वर्ग- कैल्केरिया या कैल्सीस्पोंजिया (Class- Calcarea or Calcispongiae)
  2. वर्ग- हेक्साक्टिनेलिडा या हाइलोस्पोंजिया (Hexactinellida or Hyalospongiae)
  3. वर्ग- डेमोस्पॉन्जिया (Class- Demospongiae)

वर्ग- कैल्केरिया या कैल्सीस्पोंजिया (Class- Calcarea or Calcispongiae)

कैल्केरिया शब्द Calcarius से बना है। जिसका अर्थ कैल्शियम है। इनका अन्तःकंकाल (Endoskeleton) कैल्शियम कार्बोनेट से बनी कंटिकाओं का बना होता है। इनको चॉक स्पंज भी कहते है। इनमें एस्कॉन, साइकॉन (Sycon), ल्यूकॉन प्रकार का नाल तंत्र होता है।

उदाहरण: साइकोन, ल्यूकोसोलेनिया, ग्रेसिया क्लेथ्रिना, स्काइफा तथा ल्युसिया

 

वर्ग- हेक्साक्टिनेलिडा या हाइलोस्पोंजिया (Hexactinellida or Hyalospongiae)

हेक्साक्टिनेलिडा शब्द हेक्सा यानि छह, एक्टिन यानि अरीय किरण तथा इडीया सिरे से बना है। इनमें अन्तःकंकाल छः अरीय सिलिका कंटिकाओं का बना होता है। इनको ग्लास स्पंज भी कहते है। इनमें केवल साइकॉन (Sycon) प्रकार का नाल तंत्र होता है।

उदाहरण: यूप्लेक्टेला (इसको वीनस की पुष्प मजुषा या वीनस की फूलों की टोकरी venus flower basket भी कहते है), हायोलोनेमा (इसको  ग्लास रोप स्पंज भी कहते है), फेरोनेमा (इसको कटोरीनुमा स्पंज कहते है)

 

वर्ग- डेमोस्पॉन्जिया (Demospongiae)

डेमोस्पॉन्जिया शब्द डेमो से बना जिसका अर्थ होता है। लोग यानी डेमोस्पॉन्जिया का अर्थ लोगों की स्पंज है। इनमें अन्तःकंकाल मुलायम स्पोंजिन तंतुओं का बना होता है। इनको बाथ स्पंज भी कहते है। इनमें केवल ल्यूकॉन प्रकार का नाल तंत्र होता है। स्पंजोसील (Spongocoel) गुहा अनुपस्थित होती है।

उदाहरण: यूस्पोंजिया (बाथ स्पंज), स्पंजिला (स्वच्छ जलीय स्पंज) चैलाइना (जलपरी के दस्ताने gloves of mermaid) हिप्पोस्पोंजिया (हॉर्स स्पंज) हैलीकोंडरिय (ब्रेड स्पंज), क्लायोना (छेदक स्पंज)


संघ पोरिफेरा का आर्थिक महत्त्व (Economic importance of Porifera)

स्पंजों का आर्थिक महत्त्व (Economic importance of Porifera) निम्न है –

  1. यूस्पोंजिया (बाथ स्पंज) तथा स्पंजिला के अन्तः कंकाल स्पोंजिन (spongin) नामक सल्फर युक्त स्क्लेरोप्रोटीन के बने होते हैं, इनका उपयोग स्नान करने में किया जाता है।
  2. स्पंज कीमती होने के कारण इनको पाला जाता है। जिसे स्पंज कल्चर या स्पंज संवर्धन कहते है। इनमें सबसे कीमती टर्किश वाथ स्पंज (Sporgio officirtualis) होता है।
  3. जापान में विवाह के अवसर पर युप्लेक्टेला (Euplectella) स्पंज को भेंट करते हैं।
  4. क्लायोना (Cliorug) सीपियों के कवच में छेद करके खोलों को नष्ट करते हैं।

 


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