एंजाइम – NEET Notes

evolution Biology

परिभाषा (Definition)

एंजाइम वे जैव उत्प्रेरक (Biocatalysts) हैं जो किसी भी जैव रासायनिक अभिक्रिया (Biochemical reaction) की गति को कई गुना बढ़ा देते हैं, परंतु स्वयं अभिक्रिया में भाग नहीं लेते अपरिवर्तित रहते है।

👉 अधिकांश एंजाइम प्रोटीन होते हैं, परंतु कुछ RNA एंजाइम की भाँती काम करते है, जिसे राइबोजाइम कहते हैं। जिसकी खोज Thomas Cech and Sidney Altman (Nobel Prize 1989) ने की।


🔹 एंजाइम की प्रकृति और संघटन (Nature & Composition)

एंजाइम रासायनिक रूप से प्रोटीन अणु से बने होते हैं, जो एक या अधिक पॉलीपेप्टाइड श्रृंखलाओं से बने होते हैं।

एंजाइम दो प्रकार के हो सकते हैं –

  1. सरल एंजाइम (Simple enzyme): ये केवल प्रोटीन से ही बने होते है।
  2. संयुग्म एंजाइम (Conjugated enzyme): जिनमें प्रोटीन भाग के साथ-साथ एक गैर-प्रोटीन भाग (Cofactor) भी होता है।

🧩 एंजाइम के भाग:

  1. Apoenzyme: प्रोटीन भाग, निष्क्रिय होता है।
  2. Cofactor: गैर-प्रोटीन भाग जो एंजाइम को सक्रिय करता है।

Cofactor के प्रकार:

प्रकारविवरणउदाहरण
प्रोस्थेटिक समूह (Prosthetic groupये एंजाइम से दृढ़ता से जुड़ा होता हैFAD – Succinate Dehydrogenase में
सह-एंजाइम (Coenzyme)ये एंजाइम से ढीले रूप से जुड़ा, अक्सर विटामिन से बनाNAD⁺, CoA
धातु आयन (Metal ions)ये धातु आयन होते है जो एंजाइम को सक्रिय करते हैंMg²⁺, Zn²⁺, Fe²⁺

👉 Holoenzyme = Apoenzyme + Cofactor (सक्रिय एंजाइम)


🔹 एंजाइमों के गुण (Properties of Enzymes)

  1. उत्प्रेरक दक्षता (Catalytic efficiency):
    एक एंजाइम प्रति सेकंड लाखों क्रियाधार अणुओं पर कार्य कर सकता है। जिसे एंजाइम की उत्प्रेरक दक्षता (Catalytic efficiency) कहते है।
    उदाहरण: Carbonic Anhydrase प्रति सेकंड 6 × 10⁶ CO₂ अणुओं को परिवर्तित करता है।
  2. विशिष्टता (Specificity):
    हर एंजाइम केवल एक विशेष क्रियाधार (Substrate) पर कार्य करता है।
    • पूर्ण विशिष्टता: केवल एक क्रियाधार (Substrate) पर कार्य (जैसे Urease – केवल Urea पर)।
    • समूह विशिष्टता: समान समूह के यौगिकों पर कार्य। जैसे Hexokinase Enzyme सभी हेक्सोज शर्करा पर कार्य करता है।
  3. उत्तम स्थितियाँ (Optimum conditions):
    • तापमान: सभी मानव एंजाइम लगभग 37°C पर सर्वोत्तम कार्य करते है।
    • pH: अलग-अलग एंजाइमों के लिए भिन्न मान होता है जैसे — Pepsin (pH 2), Trypsin (pH 8)।
  4. उच्च आणविक भार (High molecular weight):
    एंजाइम कोलॉइडल प्रोटीन होते हैं। इनका आणविक भार उच्च होता है।
  5. प्रतिक्रिया की पुनर्वर्तनीयता (Reversibility):
    कई एंजाइम अभिक्रियाएँ उत्क्रमित reversible होती हैं।

🔹 एंजाइम की क्रिया विधि (Mechanism of Enzyme Action)

  1. Enzyme–Substrate Complex बनना:
    क्रियाधार (Substrate) एंजाइम के active site से जुड़ता है।
  2. Catalysis:
    यह कॉम्प्लेक्स क्रियाधार (Substrate) को संक्रमण अवस्था (transition state) में लाकर सक्रियण ऊर्जा (Activation Energy) को घटा देता है। यहअभिक्रिया होती है और उत्पाद बनता है।
  3. Product Release:
    उत्पाद अलग हो जाता है और एंजाइम पुनः मुक्त होकर नई अभिक्रिया के लिए तैयार रहता है।

सक्रियण ऊर्जा (Activation Energy)

वह न्यूनतम ऊर्जा की मात्रा है जो किसी रासायनिक अभिक्रिया को प्रारंभ करने के लिए आवश्यक होती है। यह ऊर्जा अणुओं को इतनी गति या ऊर्जा प्रदान करती है कि वे एक-दूसरे से टकराकर उत्पाद (Product) बना सकें।

संक्रमण अवस्था (Transition state) – उच्चतम ऊर्जा अवस्था जहाँ पुराने बंध टूटते हैं और नए बनते हैं।


🔹 एंजाइम क्रिया के सिद्धांत (Models of Enzyme Action)

  1. Lock and Key Model (Emil Fischer, 1894):
    • एंजाइम का active site कठोर होता है।
    • केवल वही क्रियाधार (Substrate) जुड़ सकता है जिसकी आकृति मेल खाती हो।
  2. Induced Fit Model (Koshland, 1958):
    • Active site लचीला होता है।
    • क्रियाधार (Substrate) के जुड़ने पर एंजाइम अपनी आकृति बदल लेता है।

👉 NEET टिप: Induced Fit Model एंजाइम की लचीलापन और transition state को बेहतर ढंग से समझाता है।


🔹 एंजाइम क्रिया को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Enzyme Activity)

कारकप्रभावNEET बिंदु
तापमान (Temperature)तापमान बढ़ाने से गति बढ़ती है, बहुत अधिक ताप पर एंजाइम नष्ट हो जाता है लेकिन कम तापमान पर एंजाइम निष्क्रिय हो जाते हैमानव एंजाइमों का optimum 37°C
pHpH बढ़ाने से एंजाइम की क्रियाशीलता बढ़ती है अत्यधिक pH पर एंजाइम की संरचना बदल जाती हैPepsin pH 2 पर, Trypsin pH 8 पर सक्रिय
Substrate concentration क्रियाधार (Substrate) की सांद्रता बढ़ाने से दर बढ़ती है जब तक कि Vmax न आ जाएVmax के बाद दर स्थिर
Enzyme concentrationप्रारम्भ में अभिक्रिया की दर बढती है लेकिन Vmax के बाद स्थिर हो जाती है S आकार का ग्राफ बनता है
Cofactorsसक्रियता बढ़ाते हैंMg²⁺ – DNA polymerase
Inhibitorsगति घटाते हैंCompetitive या Non-competitive

🔹 एंजाइम निषेध (Enzyme Inhibition)

  1. Competitive Inhibition:
    • Inhibitor की संरचना क्रियाधार (Substrate) के समान होती है और active site पर प्रतिस्पर्धा करता है।
    • अधिक क्रियाधार (Substrate) देने पर inhibition समाप्त हो जाता है।
    • उदाहरण: Malonate द्वारा Succinate Dehydrogenase का निषेध।
  2. Non-Competitive Inhibition:
    • Inhibitor एंजाइम के दूसरे स्थान से जुड़ता है और उसकी आकृति बदल देता है।
    • उदाहरण: Cyanide – Cytochrome oxidase को inhibit करता है।
  3. Allosteric Inhibition:
    • Inhibitor एंजाइम के allosteric site से जुड़कर activity घटाता है।

🔹 एंजाइमों का वर्गीकरण (Classification of Enzymes – IUBMB)

वर्ग संख्याप्रतिक्रिया का प्रकारउदाहरण
1. Oxidoreductaseयह ऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रियाओं (Redox Reaction) में भाग लेता हैDehydrogenase, Oxidase
2. Transferaseयह हाइड्रोजन के अलावा अन्य समूह का स्थानांतरण करता हैTransaminase, Kinase
3. Hydrolaseयह क्रियाधार (Substrate) को जल अपघटन द्वारा तोड़ता हैLipase, Protease
4. Lyaseयह क्रियाधार (Substrate) को बिना जल अपघटन के तोड़ता है Decarboxylase
5. Isomeraseसंरचना में परिवर्तन करके क्रियाधार (Substrate) को उसके समावयवी (Isomere) में बदलता हैMutase, Isomerase
6. Ligase (Synthetase)यह ATP का उपयोग करके दो अणुओं को जोड़ता हैDNA ligase

👉 NEET तथ्य:
हर एंजाइम का एक EC नंबर होता है जैसे – EC 1.1.1.1 (Alcohol Dehydrogenase)


🔹 एंजाइम गतिविज्ञान (Enzyme Kinetics)

Michaelis–Menten समीकरण: [Katex] v=Vmax[S]Km+[S]v = \frac{V_{max}[S]}{K_m + [S]}v=Km​+[S]Vmax​[S]​ [/Katex]

  • Km (Michaelis constant): क्रियाधार की वह substrate concentration जिस पर अभिक्रिया की दर Vmax का आधा होती है।
  • Km जितना कम, एंजाइम की affinity उतनी अधिक।

🔹 महत्वपूर्ण एंजाइम (Important Enzymes for NEET)

एंजाइमसब्सट्रेटउत्पादविशेष तथ्य
AmylaseStarchMaltoseलार में पाया जाता है
PepsinProteinPeptidespH 2 पर सक्रिय
TrypsinProteinPeptidespH 8 पर सक्रिय
LipaseLipidsFatty acids + Glycerol
CatalaseH₂O₂H₂O + O₂सबसे तेज एंजाइम
Carbonic anhydraseCO₂ + H₂OH₂CO₃Zn²⁺ निर्भर
DNA polymeraseNucleotidesDNAMg²⁺ निर्भर
Succinate dehydrogenaseSuccinateFumarateFAD निर्भर

🔹 एंजाइमों का औद्योगिक एवं जैविक महत्व (Importance of Enzymes)

  • चिकित्सा: रोग निदान में (जैसे LDH, SGPT टेस्ट)।
  • औद्योगिक: खाद्य, डिटर्जेंट, औषधि निर्माण में।
  • जैव प्रौद्योगिकी:
    👉 Taq Polymerase (Thermus aquaticus से प्राप्त) – PCR तकनीक में प्रयुक्त।

🧠 NEET के लिए महत्वपूर्ण तथ्य (Quick Revision Facts)

✅ सभी एंजाइम प्रोटीन हैं, परंतु राइबोजाइम RNA आधारित होता है।
Succinate dehydrogenase को Malonate inhibit करता है।
Carbonic anhydrase – शरीर का सबसे तेज एंजाइम।
Pepsin pH 2, Trypsin pH 8 पर सक्रिय।
Taq Polymerase – PCR के लिए ताप-सहिष्णु एंजाइम।
Coenzymes प्रायः विटामिन (Vitamin B complex) से बनते हैं।
Km कम = उच्च affinity
✅ तापमान 10°C बढ़ाने पर दर लगभग दोगुनी हो जाती है (optimum तक)।


🧾 निष्कर्ष (Conclusion)

एंजाइम जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक जैविक अणु हैं जो शरीर में होने वाली सभी रासायनिक क्रियाओं को तीव्र गति से संपन्न करते हैं। उनकी कार्यप्रणाली, संरचना और नियंत्रण को समझना NEET परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।


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