जीवद्रव्य सामान्य परिचय एवं प्रकृति

protoplasm in hindi जीवद्रव्य प्रोटोप्लाज्म

जीवद्रव्य को प्रोटोप्लाज्म भी कहा जाता है।  कोशिका द्रव्य और केन्द्रक सहित कोशिका के सभी भाग मिलकर प्रोटोप्लाज्म कहलाते है। यह कोशिका का प्रमुख जीवित द्रव्य है।

प्रोटोप्लाज्म तथा साइटोप्लाज्म भिन्न-भिन्न है।  जैसा की ऊपर बताया गया है की प्रोटोप्लाज्म कोशिका से सभी भाग है लेकिन कोशिका द्रव्य या साइटोप्लास्ज्म कोशिका झिल्ली से ढका हुआ केन्द्रक के बाहर का भाग है।

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प्रोटोप्लाज्म = साइटोप्लाज्म + न्युक्लियोप्लाज्म

  • वोन मोहल ने कोशिका के सभी जीवित भाग को जीवद्रव्य कहा।
  • हेक्सले ने जीवद्रव्य को जीवन का भौतिक आधार कहा।
  • पुरकिंजे ने जीवद्रव्य को प्रोटोप्लाज्म नाम दिया।

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जीवद्रव्य की प्रकृति

जीव-द्रव्य की प्रकृति के बारे में निम्न मत दिये गये-

कुपिका सिद्धांत (ALVEOLAR THEORY)

यह बुचली(BUTCHLLI )द्वारा सुझाई गई थी। उनके अनुसार, जीवद्रव्य एक पायस है जिसमें कई निलंबित बूंदें या एल्वियोली या कुपिका  होते हैं, जो हर जगह फैले रहते हैं

कणिकामय या दानेदार सिद्धांत(GRANULAR THEORY)

ये सिद्धांत ऑल्टमान द्वारा दिया गया था। इसके अनुसार, जीवद्रव्य में कई छोटे कण होते हैं, जैसा कि अमीबा में दिखाया गया है। ऑल्टन ने उन्हें ‘प्राथमिक जीव’, या बायोप्लास्ट (Bioplast) के रूप में पहचाना।

जालिका सिद्धांत(RECTICULAR THEORY)

इसके अनुसार प्रोटोप्लाज्म में तंतु के सघन जालक होते हैं।­

तंतुमय सिद्धांत(FIBRILLAR THEORY)

इसको फ्लेमिंग ने दिया था उनके अनुसार, जीव-द्रव्य में मैट्रिक्स (Matrix, पीठिका) के भीतर धंसे तंतु शामिल हैं।

 

कोलाइडी सिद्धांत(COLLOIDAL THEORY)

जीव-द्रव्य एक जटिल कोलाइडी तंत्र है। इसकी कोलाइडी संरचना फ़िशर और हार्डी द्वारा सुझाई गई थी। इसमें अधिकांश मात्रा में जल शामिल है जिसमें जैविक महत्व के विभिन्न विलायकों जैसे ग्लूकोज, वसा अम्ल, अमिनो अम्ल, खनिज, विटामिन, हार्मोन और एंजाइम्स पाये जाते हैं।

जीव-द्रव्य में जल परिक्षेपण प्रावस्था तथा कोलाइडी कण परिक्षेपित प्रावस्था का निरूपण करते हैं। निम्न गुणों के कारण प्रोटोप्लाज्म को कोलायडी विलयन कहा जा सकता है-

  1. सोल एवं जेल अवस्थाएँ
  2. जीवद्रव्य द्वारा दृश्य प्रकाश का विवर्तन
  3.  कणों की ब्राउनियन गति
  4. स्कंदनशीलता
  5. इसमें संकुचन क्षमता होती है

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जीवद्रव्य के रासायनिक गुणधर्म

जीवद्रव्य में विभिन्न प्रकार ले कार्बनिक तथा अकार्बनिक पदार्थ पाए जाते है। जिनकी प्रतिशत मात्रा निम्न प्रकार है-

  1. जल- 75-85%
  2. प्रोटीन-7-9%
  3. कार्बोहाइड्रेट- 2-2.5%
  4. वसा- 1-1.5%
  5. DNA- 0.7%
  6. RNA- 0.4%
  7. अकार्बनिक पदार्थ- 1-1.5%

जीवद्रव्य में पाए जाने वाले प्रमुख पदार्थ

सिस्टोलिथ (Cystolith) – यह कुछ पादपों की पत्तियों की कोशिकाओं में पाए जाने वाले कैल्शियम कार्बोनेट के क्रिस्टल है। जैसे बरगद, हिविया।

रेफाइडस (Rayphides) – यह कुछ पादपों की पत्तियों की कोशिकाओं में पाए जाने वाले कैल्शियम ऑक्सेलेट के सुई का आकार के क्रिस्टल है। अरबी, जमीकंद, पिस्टिया आदि।

स्फिरेफाइडस (Spherephides)– यह कुछ पादपों की पत्तियों की कोशिकाओं में पाए जाने वाले कैल्शियम ऑक्सेलेट के गोलाकार क्रिस्टल है। इनको ड्रसेस भी कहते है। जैसे पपीता।

रेजिन (Resin) – ये कार्बोहाइड्रेट के व्युत्पन्न है। जो कोशिका द्वारा उत्सर्जित होते है। फेरुला असाफिटडा पादप की जड़ों की कोशिकाओं से स्रावित रेजिन से हींग प्राप्त होता है। तथा कनाडा बालसम एक अभिरंजक है जो रेजिन ही है।

एल्केलोइड्स (Alkaloids) – ये कोशिकाओं द्वारा उत्सर्जित नाइट्रोजनी अपशिष्ट है। जिनका उपयोग औषधि के रूप में होता है। जिसे मॉर्फिन

लेटेक्स या क्षीर (Latex) – ये कोशिकाओं द्वारा उत्सर्जित सफ़ेद या पीले रंग का दूध है। हिविया ब्राजिलिएन्सिस तथा फाइकस इलास्टिका के लेटेक्स से रबर बनाया जाता है।

 

जीवद्रव्य में पाए जाने वाले कोशिकांग

कोशिका में निम्न कोशिकांग पाए जाते हैं-

झिल्ली विहीन कोशिकांग

  1. राइबोसोम
  2. तारककाय

एकल झिल्ली आबंध कोशिकांग

  1. अन्तःप्रद्रव्यी जालिका
  2. गोल्जी काय
  3. लाइसोसोम
  4. सूक्ष्मकाय
  5. सूक्ष्मनलिकाएँ

दोहरी झिल्ली आबंध कोशिकांग

  1. माइटोकोंड्रिया
  2. लवक
  3. केन्द्रक

 

Note- उपरोक्त सभी कोशिकांगों से सम्बंधित लेख का लिंक जोड़ा गया है आप कोशिकांग के नाम पर क्लिक करके सम्बंधित लेख का अध्ययन कर सकते है।

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