Respiratory Quotient in Hindi, श्वसन गुणांक (R.Q.), श्वसन अनुपात
श्वसन गुणांक (Respiratory Quotient, R.Q.) जीव विज्ञान में एक महत्वपूर्ण सूचकांक है, जो यह दर्शाता है कि श्वसन क्रिया में ऑक्सीजन की खपत और कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन के बीच क्या अनुपात है। यह सूचकांक हमें यह समझने में मदद करता है कि कोशिका किस प्रकार के सब्सट्रेट (कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन आदि) का ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयोग कर रही है।
श्वसन गुणांक की परिभाषा
श्वसन क्रिया में ऊत्तकों द्वारा मुक्त CO2 के आयतन और उसी अवधि में अवशोषित O2 के आयतन के अनुपात को श्वसन गुणांक (Respiratory Quotient) कहते हैं।
इसे सूत्र द्वारा इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है:
R . Q .=\frac{\text{मुक्त कार्बन डाई ऑक्साइड के आयतन}}{\text{अवशोषित ऑक्सीजन के आयतन}}
R.Q. का मान 1, 1 से अधिक या 1 से कम हो सकता है। यह मुख्य रूप से ऑक्सीकरण होने वाले क्रियाधार (Substrate) की रासायनिक संरचना पर निर्भर करता है।
R.Q. का मापन
श्वसन गुणांक का मापन गैनोंग्स श्वसन मापी (Ganong’s Respirometer) नामक उपकरण की सहायता से किया जाता है। इस उपकरण में एक बंद प्रणाली में जीव या ऊतक को रखा जाता है और O2 के अवशोषण तथा CO2 के उत्सर्जन की माप की जाती है।
R.Q. को प्रभावित करने वाले कारक
- क्रियाधार (Substrate) का प्रकार
- श्वसन की पूर्णता या अपूर्णता
- पादप या जीव का प्रकार
- प्रकाश व अंधकार की अवस्था
- पादप का शारीरिक व पारिस्थितिकीय स्वरूप (जैसे– मांसल पादप, तेलीय बीज आदि)
विभिन्न क्रियाधारों के लिए श्वसन गुणांक
1. कार्बोहाइड्रेट का श्वसन गुणांक
जब श्वसन क्रियाधार के रूप में कार्बोहाइड्रेट होता है, तो R.Q. का मान लगभग 1 होता है। यह इसलिए क्योंकि ग्लूकोज के ऑक्सीकरण में जितनी मात्रा में O2 खपत होती है, उतनी ही मात्रा में CO2 उत्सर्जित होती है।
उदाहरण – अंकुरित होते अनाज के बीज, अंधेरे में रखी पत्तियां, पुष्प एवं कार्बोहाइड्रेट से भरपूर फल।
समीकरण:
C_6H_{12}O_6 + 6O_2 \rightarrow 6CO_2 + 6H_2O R . Q .=\frac{6 \mathrm{CO}_2}{6 O_2}=1
2. वसा का श्वसन गुणांक
तेलीय बीजों (जैसे– अरंडी, तिल, सरसों, अलसी) में वसा के ऑक्सीकरण के दौरान संरचनात्मक O2 की मात्रा कम होती है, इसलिए ऑक्सीजन की खपत अधिक होती है और CO2 का उत्सर्जन तुलनात्मक रूप से कम होता है। परिणामस्वरूप R.Q. का मान 1 से कम होता है, सामान्यतः 0.7 के आसपास।
उदाहरण – ट्राइपाल्मिटिन (Tripalmitin) का ऑक्सीकरण:
2C_{51}H_{98}O_6 + 145O_2 \rightarrow 102CO_2 + 98H_2O R . Q .=\frac{102 \mathrm{CO}_2}{145 O_2}= 0.7
3. प्रोटीन का श्वसन गुणांक
प्रोटीन में ऑक्सीजन की तुलना में कार्बन का अनुपात अधिक होता है। प्रोटीन के ऑक्सीकरण में R.Q. का मान 0.5–0.9 के बीच होता है। उदाहरण – अंकुरित होते दलहन बीज।
4. मांसलोद्भिदों (Xerophytes) में रात के समय R.Q.
ब्रायोफिलम और ऑपुंशिआ जैसे CAM पादप रात में रंध्र खोलते हैं और कार्बोहाइड्रेट का अपूर्ण ऑक्सीकरण करते हैं। इस अवस्था में CO2 का उत्सर्जन नहीं होता, इसलिए R.Q. का मान 0 हो जाता है।
3C_6H_{12}O_6 + 3O_2 \rightarrow 3C_4H_6O_5 + 3H_2O R . Q .=\frac{0 \mathrm{CO}_2}{3 O_2}= 0
5. कार्बनिक अम्लों का श्वसन गुणांक
मांसल पादपों (जैसे – कैक्टस, क्रेसुलेसी) में रात में बनने वाले कार्बनिक अम्ल दिन में ऑक्सीकरण होते हैं। इनमें ऑक्सीजन का अनुपात अधिक होता है, जिससे R.Q. का मान 1 से अधिक होता है।
ऑक्सेलिक अम्ल:
2(COOH)_2 + O_2 \rightarrow 4CO_2 + 2H_2O R . Q .=\frac{4\mathrm{CO}_2}{1 O_2}= 4
मैलिक अम्ल:
3C_4H_6O_5 + 3O_2 \rightarrow 4CO_2 + 3H_2O R . Q .=\frac{4\mathrm{CO}_2}{3O_2}= 1.33
6. अवायवीय श्वसन का R.Q.
जब ऑक्सीजन अनुपस्थित होती है, तो CO2 का उत्सर्जन होता है लेकिन O2 की खपत नहीं होती। इस कारण R.Q. का मान अनंत (∞) होता है।
R . Q .=\frac{2 \mathrm{CO}_2}{0 O_2}= ∞
विशेष परिस्थितियों में R.Q.
- परिपक्व होने वाले तेलीय बीजों का R.Q. 1 से अधिक होता है।
- मिश्रित आहार का R.Q. लगभग 0.85 होता है।
- मुरझाई हुई पत्तियों का R.Q. 1 से कम होता है।
- रंगीन दलों का R.Q. 1 से कम होता है।
R.Q. का जैविक महत्व
- क्रियाधार के प्रकार की पहचान
- ऊर्जा उत्पादन की दक्षता का आकलन
- पौधों में चयापचय की स्थिति का अध्ययन
- प्रकाश संश्लेषण एवं श्वसन के संतुलन का निर्धारण
- कृषि व बागवानी अनुसंधान में उपयोग
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