Respiratory Inhibitors in Hindi श्वसन संदमक
श्वसन संदमक (Respiratory Inhibitors in Hindi) – परिभाषा, प्रकार, क्रियाविधि, उदाहरण
प्रस्तावना
श्वसन (Respiration) सभी जीवों की एक मूलभूत जैविक प्रक्रिया है, जिसमें जैव-अणुओं के ऑक्सीकरण द्वारा ऊर्जा (ATP) का निर्माण होता है। यह प्रक्रिया मुख्यतः माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) में होती है और इसमें इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला (Electron Transport Chain – ETC) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
लेकिन कुछ विशेष रासायनिक पदार्थ इस श्रृंखला को अवरुद्ध कर देते हैं, जिससे ATP का निर्माण रुक जाता है। इन्हें ही श्वसन संदमक (Respiratory Inhibitors) कहा जाता है।
श्वसन संदमक क्या हैं? (What are Respiratory Inhibitors?)
परिभाषा:
वे रासायनिक पदार्थ जो श्वसन की उपापचयी क्रियाओं (Metabolic Reactions) में बाधा डालते हैं और इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला के किसी न किसी चरण को ब्लॉक करके ऊर्जा निर्माण को रोकते हैं, श्वसन संदमक कहलाते हैं।
ये मुख्यतः माइटोकॉन्ड्रिया की भीतरी झिल्ली (Inner Membrane) में कार्य करते हैं और इलेक्ट्रॉन फ्लो (Electron Flow) को बाधित करते हैं।
🔹 मुख्य प्रभाव:
- ATP संश्लेषण रुक जाना
- ऑक्सीजन उपभोग कम या बंद हो जाना
- कोशिकीय कार्यों में रुकावट
- गंभीर मामलों में कोशिका मृत्यु
प्रमुख श्वसन संदमक (Major Respiratory Inhibitors)
1. सायनाइड (Cyanide – CN⁻)
- स्थान: कॉम्प्लेक्स IV (Cytochrome c Oxidase)
- क्रिया: Fe³⁺ आयन से जुड़कर इलेक्ट्रॉनों के ऑक्सीजन में स्थानांतरण को रोक देता है।
- परिणाम: ऑक्सीजन का उपयोग रुक जाता है और ऊर्जा निर्माण पूरी तरह ठप हो जाता है।
- टिप्पणी: पादपों (Plants) में इसका प्रभाव अपेक्षाकृत कम होता है।
2. सोडियम एजाइड (Sodium Azide – N₃⁻)
- स्थान: कॉम्प्लेक्स IV
- क्रिया: सायनाइड की तरह साइटोक्रोम ऑक्सीडेज को ब्लॉक करता है।
- प्रभाव: श्वसन क्रिया रुक जाती है और कोशिका मृत्यु हो सकती है।
3. कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
- स्थान: कॉम्प्लेक्स IV
- क्रिया: Fe²⁺ से बंधकर इलेक्ट्रॉन ट्रांसफर को रोकता है।
- विशेष: रक्त में हीमोग्लोबिन के साथ भी उच्च संबद्धता रखता है, जिससे ऑक्सीजन परिवहन भी प्रभावित होता है।
4. हाइड्रोजन सल्फाइड (H₂S)
- स्थान: साइटोक्रोम ऑक्सीडेज
- क्रिया: एंजाइम के सक्रिय केंद्र को ब्लॉक कर देता है।
5. रोटेनोन (Rotenone)
- स्थान: कॉम्प्लेक्स I (NADH डिहाइड्रोजनेज)
- क्रिया: Coenzyme Q (Ubiquinone) तक इलेक्ट्रॉनों का परिवहन रोक देता है।
- स्रोत: एक प्राकृतिक पौध-आधारित विष।
6. एंटीमाइसिन A (Antimycin A)
- स्थान: कॉम्प्लेक्स III (Cytochrome bc₁ complex)
- क्रिया: CoQH₂ से Cyt c तक इलेक्ट्रॉन फ्लो को रोकता है।
- उपयोग: मुख्यतः शोध में इलेक्ट्रॉन ट्रांसपोर्ट चेन के अध्ययन हेतु।
7. एमाइटल (Amytal)
- स्थान: कॉम्प्लेक्स I
- क्रिया: NADH डिहाइड्रोजनेज से CoQ तक इलेक्ट्रॉन के प्रवाह को रोकता है।
8. मैलोनेट (Malonate)
- स्थान: सुक्सिनेट डिहाइड्रोजनेज (Complex II)
- क्रिया: सुक्सिनेट का प्रतिस्पर्धी अवरोधक (Competitive inhibitor) है।
सायनाइड प्रतिरोधी श्वसन (Cyanide Resistant Respiration)
कुछ पौधों और सूक्ष्मजीवों में, सायनाइड की उपस्थिति के बावजूद श्वसन चालू रहता है।
क्रिया:
- सामान्य मार्ग में साइटोक्रोम ऑक्सीडेज अवरुद्ध होने पर, माइटोकॉन्ड्रिया में यूबीक्विनोन (Ubiquinone) से फ्लेवोप्रोटीन (Flavoprotein) तक इलेक्ट्रॉनों का परिवहन एक वैकल्पिक मार्ग से होता है।
- इस मार्ग को वैकल्पिक ऑक्सीडेज पाथवे (Alternative Oxidase Pathway) कहा जाता है।
- यह ऊर्जा उत्पादन में कम कुशल होता है, लेकिन श्वसन को पूरी तरह रुकने से बचाता है।
श्वसन संदमकों की क्रियाविधि (Mechanism of Respiratory Inhibitors)
1. कॉम्प्लेक्स I अवरोधक
- उदाहरण: एमाइटल, रोटेनोन
- क्रिया: NADH → CoQ के बीच इलेक्ट्रॉन ट्रांसफर को ब्लॉक करते हैं।
2. कॉम्प्लेक्स II अवरोधक
- उदाहरण: मैलोनेट
- क्रिया: सुक्सिनेट के ऑक्सीकरण को बाधित करता है।
3. कॉम्प्लेक्स III अवरोधक
- उदाहरण: एंटीमाइसिन A
- क्रिया: CoQH₂ से Cyt c तक इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह को रोकता है।
4. कॉम्प्लेक्स IV अवरोधक
- उदाहरण: सायनाइड, सोडियम एजाइड, CO, H₂S
- क्रिया: साइटोक्रोम ऑक्सीडेज को ब्लॉक करके O₂ तक इलेक्ट्रॉनों का ट्रांसफर रोकते हैं।
ऊर्जा-स्थानांतरण (Energy Transfer) के अवरोधक
इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला के अलावा कुछ रसायन ATP संश्लेषण को भी सीधे रोकते हैं:
- Oligomycin – ATP synthase को ब्लॉक करता है
- Dicyclohexylcarbodiimide – Proton channel को अवरुद्ध करता है
- Aurovertin – ATP synthase के F₁ भाग को बाधित करता है
- Atractyloside – ADP/ATP translocase को ब्लॉक करता है
- Dio-9 – Proton leakage कराता है, जिससे ATP नहीं बनता
SH-ब्लॉकिंग एजेंट्स
- Ethylmaleimide और Mersalyl – सल्फहाइड्रिल समूहों को ब्लॉक करके एंजाइम की सक्रियता कम करते हैं।
सारणी – श्वसन संदमक और उनका कार्यस्थल
संदमक | लक्ष्य स्थल | प्रभाव |
---|---|---|
रोटेनोन | कॉम्प्लेक्स I | NADH से CoQ तक इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह रोकना |
एमाइटल | कॉम्प्लेक्स I | इलेक्ट्रॉन फ्लो ब्लॉक |
मैलोनेट | कॉम्प्लेक्स II | सुक्सिनेट ऑक्सीकरण अवरोध |
एंटीमाइसिन A | कॉम्प्लेक्स III | CoQH₂ से Cyt c तक इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह रोकना |
सायनाइड | कॉम्प्लेक्स IV | इलेक्ट्रॉनों का O₂ में ट्रांसफर रोकना |
सोडियम एजाइड | कॉम्प्लेक्स IV | सायनाइड जैसा प्रभाव |
CO | कॉम्प्लेक्स IV | इलेक्ट्रॉन ट्रांसफर और ऑक्सीजन बाइंडिंग ब्लॉक |
H₂S | कॉम्प्लेक्स IV | ऑक्सीजन उपयोग अवरुद्ध |
- Three inhibitors of the respiratory chain – rotenone, antimycin A and cyanide
- Five inhibitors of energy-transfer reactions– oligomycin, dicyclohexylcarbodiimide, aurovertin, atractyloside and Dio-9)
- Two SH blocking agents – ethylmaleimide and mersalyl
निष्कर्ष (Conclusion)
श्वसन संदमक जीवविज्ञान और जैवरसायन में एक महत्वपूर्ण अध्ययन का विषय हैं।
ये न केवल कोशिकीय ऊर्जा उत्पादन को प्रभावित करते हैं, बल्कि विषविज्ञान (Toxicology), कृषि विज्ञान, और औषधि विज्ञान में भी महत्वपूर्ण हैं।
इनकी समझ हमें न केवल जीवों की श्वसन प्रक्रिया को बेहतर ढंग से जानने में मदद करती है, बल्कि विभिन्न विषाक्तता और उपचार विधियों को विकसित करने में भी सहायक है।।
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