क्रिस्टलों का X-किरण अध्ययन (X-Ray Study of Crystals in Hindi)
क्रिस्टल की आन्तरिक संरचना का अध्ययन X-किरणों द्वारा किया जाता है।
जब X-किरणें क्रिस्टल में से गुजरती है तो किरणें हर जालक तल में उपस्थित कणों से परावर्तित होती है। चूंकि क्रिस्टल में भिन्न-भिन्न जालक तल आपतित किरणों के संदर्भ में भिन्न-भिन्न कोणों पर स्थित होते हैं इसलिये किरणें भी भिन्न-भिन्न कोणों पर परावर्तित होती है। इन्हें फोटो प्लेट पर अंकित किया जा सकता है। इसकी सहायता से क्रिस्टल के दो तलों के बीच की दूरी की गणना की जा सकती है।
डब्ल्यू. एच. बैग तथा डब्ल्यू. एल. बैग ने 1913 में X-किरणों की तरंग दैर्ध्य (2) तथा जालक तलों के बीच की दूरी (d) में एक सम्बन्ध स्थापित किया जिसे बैग समीकरण bragg’s equation) कहते है जो निम्न है-
n\lambda = 2d\sin\theta
यहाँ n – एक पूर्णांक है (1, 2, 3 ….)
-
n = परावर्तन का क्रम (पूर्णांक: 1, 2, 3, …)
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λ (लैम्ब्डा) = आपतित एक्स-किरणों की तरंग दैर्ध्य
-
d = क्रिस्टल समतल के बीच की दूरी
- θ (थीटा) = आपतन कोण (ब्रैग कोण)
उपरोक्त सम्बन्ध को निम्न प्रकार से प्रतिपादित किया जा सकता है।
माना कि किसी क्रिस्टल के दो जालक तलों (lattice planes) के मध्य की दूरी d है।
X-किरणों एक समानान्तर किरण पुंज जिसकी तरंग लम्बाई λ है क्रिस्टल पर θ कोण बनाता हुआ टकराता है।
कुछ X-किरणें पहले तल को भेद कर इससे नीचे वाले दूसरे तल पर बिन्द से परावर्तित होती है। इसी प्रकार अन्य तलों से भी X-किरणें परावर्तित होती है। (चित्र)।
इस प्रकार क्रमागत तलों से परावर्तित किरणें जब एक ही कला (phase) में होती है तो यह आवश्यक है कि दोनों किरणों का पथान्तर किरणों की तरंग लम्बाई λ का बहुसमाकल (integral multiple) हो अर्थात् पथान्तर nλ हो, यहाँ n एक पूर्णांक है।

किरण AOD तथा किरण BNE का पथान्तर ज्ञात करने के लिये बिन्दु O से OL तथा OM लम्ब डालते हैं। इन दो किरणों का पथान्तर (LN + NM) होगा।
यहाँ
\frac{LN}{ON} = \sin\theta \quad \text{तथा} \quad \frac{NM}{ON} = \sin\theta
चूंकि ON = d, अत: LN = d sin θ तथा NM = d sin θ
इसलिये पथान्तर (LN + NM) = 2d sin θ
इस प्रकार क्रमागत तलों से परावर्तित किरणें जब समान कला में होती हैं तो संपोषी व्यतिकरण (constructive interference) द्वारा फोटो प्लेट पर धब्बे प्राप्त होते हैं।
संपोषी व्यतिकरण (constructive interference) लिये यह आवश्यक है कि दोनों किरणों का पथान्तर किरणों की तरंग लम्बाई (2) का बहुसमाकल हो। इस शर्त के अनुसार,
nλ = 2d sin θ
यह समीकरण बैग समीकरण (bragg’s equation) कहलाता है। इस समीकरण की सहायता से क्रिस्टल के दो जालक तलों के मध्य की दूरी ज्ञात की जा सकती है।