प्रक्षेपण गति (Projectile Motion)
Projectile Motion in Hindi (प्रक्षेपण गति)
जब कोई वस्तु किसी बाहरी बल द्वारा प्रारंभिक वेग प्राप्त करने के बाद, गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में एक निश्चित पथ पर चलती है, तो उसे प्रक्षेप्य (Projectile) कहते हैं, और उसकी गति को प्रक्षेपण गति (Projectile Motion) कहते हैं। इस गति का विश्लेषण दो आयामों में किया जाता है: ऊर्ध्वाधर (vertical) और क्षैतिज (horizontal)। प्रक्षेप्य का पथ सामान्यतः परवलयाकार (parabolic trajectory) होता है।
उदाहरण (Examples):
- फेंकी गई गेंद (Thrown Ball): जब कोई गेंद हवा में फेंकी जाती है, तो वह परवलयाकार पथ पर चलती है।
- धधकते तारे का मार्ग (Path of a Shooting Star): आकाश में जलते हुए धूमकेतु या उल्का पिंड का पथ भी परवलयाकार होता है।
- तोप से दागी गई गोली (Projectile Fired from a Cannon): तोप से निकली हुई गोली भी इसी तरह की गति करती है।
- फाउंटेन से बाहर निकलता पानी (Water Ejected from a Fountain): पानी की धारा भी गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में एक पथ का अनुसरण करती है।
- विमान से गिराया गया बम (Bomb Dropped from an Airplane): बम का पथ भी गुरुत्वाकर्षण के अधीन परवलयाकार होता है।
मान्यताएं (Assumptions):
- वायु प्रतिरोध नगण्य (Negligible Air Resistance): हवा के घर्षण या वायु प्रतिरोध का प्रभाव नहीं माना जाता है।
- स्थिर गुरुत्वाकर्षण त्वरण (Constant Gravitational Acceleration): गुरुत्वाकर्षण त्वरण को पृथ्वी पर स्थिर और नीचे की ओर माना जाता है।
प्रक्षेपण गति का विश्लेषण (Analyzing Projectile Motion):
1. ऊर्ध्वाधर घटक (Vertical Component or y-component):
यह घटक गुरुत्वाकर्षण बल के कारण प्रभावित होता है। ऊर्ध्वाधर घटक में गति एक सीधी रेखा में होती है और यह समय के साथ धीमी होती है जब तक कि यह अधिकतम ऊंचाई तक नहीं पहुँचती, और फिर तेजी से गिरती है।
परिभाषाएँ (Definitions):
- प्रारंभिक ऊर्ध्वाधर वेग (Initial Vertical Velocity): यह प्रक्षेप्य का प्रारंभिक वेग है जब इसे ऊपर की दिशा में फेंका जाता है।
- अंतिम ऊर्ध्वाधर वेग (Final Vertical Velocity): यह समय t के बाद प्रक्षेप्य का ऊर्ध्वाधर वेग है।
समीकरण (Equations):
ऊर्ध्वाधर वेग का समीकरण (Equation for Vertical Velocity):
ऊर्ध्वाधर विस्थापन का समीकरण (Equation for Vertical Displacement):
ऊर्ध्वाधर वेग का दूसरा समीकरण (Second Equation for Vertical Velocity):
उदाहरण (Examples):
Example 1: एक गेंद को 30 m/s की प्रारंभिक ऊर्ध्वाधर वेग से ऊपर फेंका जाता है। t = 2s के बाद इसका वेग ज्ञात करें।
Solution:
Example 2: एक प्रक्षेप्य 45° के कोण पर 20 m/s की गति से छोड़ा जाता है। इसकी अधिकतम ऊंचाई और क्षैतिज विस्थापन क्या होगा?
Solution for Maximum Height:
2. क्षैतिज घटक (Horizontal Component or x-component):
यह घटक किसी भी क्षैतिज बल के अभाव में स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ता है और इसे एक समान गति माना जाता है।
परिभाषाएँ (Definitions):
- प्रारंभिक क्षैतिज वेग (Initial Horizontal Velocity): यह प्रक्षेप्य का प्रारंभिक क्षैतिज वेग है जब इसे फेंका जाता है।
- अंतिम क्षैतिज वेग (Final Horizontal Velocity): क्षैतिज गति में वेग अपरिवर्तित रहता है।
समीकरण (Equation):
क्षैतिज विस्थापन का समीकरण (Equation for Horizontal Displacement):
उदाहरण (Examples):
Example 1: एक गेंद 5 m/s की गति से फेंकी जाती है और 3 s बाद इसका क्षैतिज विस्थापन ज्ञात करें।
Solution:
प्रक्षेप्य पथ का समीकरण (Equation of Trajectory):
प्रक्षेप्य का पथ परवलय का अनुसरण करता है। यह समीकरण हमें x और y के बीच का संबंध बताता है।
प्रक्षेपण गति के विशेष बिंदु (Key Points in Projectile Motion):
1. उड़ान का समय (Time of Flight) T:
प्रक्षेप्य के धरातल पर वापस आने में लगा समय:
2. अधिकतम ऊंचाई (Maximum Height) H:
3. क्षैतिज पारास (Range) R:
अधिकतम क्षैतिज दूरी जो प्रक्षेप्य द्वारा तय की जाती है:
प्रक्षेपण गति का विश्लेषण भौतिकी के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण होता है। यह हमें दो-आयामी गति को समझने और व्यवहारिक जीवन में विभिन्न समस्याओं को हल करने में मदद करता है, जैसे कि बैलिस्टिक्स, खेल विज्ञान, और इंजीनियरिंग।
प्रक्षेपण गति नत-तल पर (Projectile Motion on an Inclined Plane)
1. तल पर परास (Range on an Inclined Plane):
प्रक्षेप्य की परास (Range) प्रक्षेपण बिंदु और लक्ष्य के बीच की क्षैतिज दूरी होती है। नत-तल पर, यह दूरी \(x\)-अक्ष में विस्थापन के बराबर होती है। इस स्थिति में, प्रक्षेप्य के उड़ान के दौरान \(x\)-अक्ष में किया गया कुल विस्थापन ही इसकी परास कहलाता है। समीकरण द्वारा परास को निम्नलिखित रूप में व्यक्त किया जाता है:
जहाँ:
- u = प्रारंभिक वेग
- θ = प्रक्षेपण कोण
- α = ढलान का कोण
- g = गुरुत्वाकर्षण त्वरण
2. प्रक्षेप्य पथ का विश्लेषण (Trajectory Analysis on Inclined Plane):
नत-तल पर प्रक्षेपण के दौरान, प्रक्षेप्य का पथ (Trajectory) एक परवलयाकार (parabolic) आकृति का अनुसरण करता है। दो प्रकार के ढलान हो सकते हैं:
1. समान ढाल वाली पहाड़ी: इसका समीकरण y = mx + c से व्यक्त किया जा सकता है। यहाँ, m ढाल है और c प्रारंभिक बिंदु।
2. असमान ढाल वाली पहाड़ी: इसका समीकरण y = f(x) से व्यक्त किया जा सकता है।
प्रक्षेप्य का लक्ष्य बिंदु P, प्रक्षेप्य पथ और ढलान के समीकरण के प्रतिच्छेदन बिंदु पर स्थित होता है। इसे गणितीय रूप से हल करके के निर्देशांक ज्ञात किए जा सकते हैं।
3. उड्डयन काल (Time of Flight):
प्रक्षेप्य का उड्डयन काल वह समय होता है जब तक वह हवा में रहता है और अपने लक्ष्य पर पहुँचता है। क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर घटकों के आधार पर, इसे निम्नलिखित समीकरण द्वारा व्यक्त किया जा सकता है:
जहाँ प्रक्षेप्य का क्षैतिज विस्थापन है।
उदाहरण:
एक कण 60° के कोण पर 30 m/s की वेग से 30° ढाल वाले नत-तल पर फेंका जाता है। इसकी परास, उड्डयन काल और टकराने के कोण की गणना कीजिए।
हल:
निर्देशांक प्रणाली के अनुसार:
उड्डयन काल:
परास:
टकराने का कोण (β):
4. कार्तीय घटकों के उपयोग से विश्लेषण (Analysis Using Cartesian Components):
प्रक्षेपण के दौरान, प्रक्षेप्य के वेग और त्वरण के घटकों को x और y अक्षों में विभाजित किया जाता है:
– x-अक्ष के अनुदिश गति का घटक:
– y-अक्ष के अनुदिश गति का घटक:
यह समीकरण हमें प्रक्षेप्य के गति के विभिन्न बिंदुओं पर स्थिति, वेग, और समय का विश्लेषण करने में सक्षम बनाते हैं।