अपघटन के प्रकार और चरण
Decomposition in Hindi
परिभाषा (Definition of Decompostion in Hindi)
अपघटन वह प्रक्रिया है जिसमें जटील कार्बनिक यौगिकों को सरल पदार्थों में तोड़ा जाता हैं। यह प्रक्रिया पोषक तत्वों को पुनः चक्रित करने और पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
इसमें अजैविक (अनिर्जीव) और जैविक (सजीव) कारक योगदान करते हैं, जो विभिन्न चरणों में विभाजित किया जा सकता है।
अपघटन के प्रकार (Types of Decomposition)
- अजैविक अपघटन
- जैविक अपघटन
1. अजैविक अपघटन
यह प्रक्रिया अनिर्जीव कारकों, जैसे रासायनिक या भौतिक प्रक्रियाओं द्वारा होती है।
उदाहरण के लिए, जंगल की आग पौधों के अपघटन का कारण बनती है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) जैसी गैसें निकलती हैं और खनिज मृदा में जमा हो जाते हैं।
2. जैविक अपघटन
यह जैविक प्रक्रियाओं के माध्यम से होता है, इसमें सुक्ष्मजीव मुख्य रूप से जीवाणु और कवक जैसे अपघटक शामिल होते हैं। ये जीव जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल पदार्थों में तोड़ते हैं और अंततः उन्हें अकार्बनिक पोषक तत्वों में परिवर्तित करते हैं।
उदाहरण के लिए, जब कोई पौधा या जन्तु की मृत्यु होती है, तो अपघटक बची हुई सामग्री को तोड़ते हैं और आवश्यक पोषक तत्वों को पारिस्थितिकी तंत्र में पुनः छोड़ देते हैं।
अपघटन के चरण (Steps of Decomposition)
अपघटन की प्रक्रिया पाँच प्रमुख चरणों में होती है:
1. खंडन
2. निक्षालन
3. अपचयन (Catabolism)
4. ह्यूमिभवन (Humification)
5. खनिजीभवन (Mineralisation)
1. खंडन (Fragmentation)
अपरदहारी (जैसे कीड़े, केंचुए) कार्बनिक पदार्थ को छोटे टुकड़ों में तोड़ते हैं। इससे सूक्ष्मजीवों को काम करने के लिए सतह का क्षेत्र बढ़ जाता है, जिससे अपघटन तेजी से होता है।
2. निक्षालन (Leaching)
अपघटित होने वाली सामग्री से घुलनशील कार्बनिक और अकार्बनिक यौगिकों को पानी घोल कर आसपास की भुमि में पहुंचाता है।
3. अपचयन (Catabolism)
सूक्ष्मजीव एंजाइम स्रावित करते हैं जो जटिल अणुओं (जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट) को सरल यौगिकों में तोड़ते हैं।
4. ह्यूमिभवन (Humification)
कार्बनिक पदार्थ आंशिक रूप से अपघटित होकर गहरे रंग के ह्यूमस बनाते हैं, जो मिट्टी की उर्वरता और संरचना में सुधार करता है।
5. खनिजीभवन (Mineralisation)
सूक्ष्मजीव कार्बनिक पदार्थ को अकार्बनिक पोषक तत्वों (जैसे नाइट्रेट, फॉस्फेट) में परिवर्तित करते हैं, जो पौधों द्वारा अवशोषित किए जा सकते हैं। परन्तु यह लम्बी प्रक्रिया है।
अपघटन और खनिजकरण
जहां पूरे कार्बनिक पदार्थ को तोड़ने की प्रक्रिया को अपघटन कहते है, वहीं खनिजकरण इस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें सूक्ष्मजीव कार्बनिक पदार्थ में उपस्थित तत्वों को जल में घुलनशील अकार्बनिक रूपों में बदलते हैं। यह अपघटन एक विशिष्ट चरण है। खनिजकरण पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, और सल्फर जैसे आवश्यक पोषक तत्वों को पौधों के लिए उपलब्ध कराता है।
Decomposition in Hindi
अपघटन दर को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Decomposition)
कई जैविक और अजैविक कारक अपघटन की दर को प्रभावित करते हैं जो निम्न प्रकार है:
A. जैविक कारक
ये कारण निम्न प्रकार है
पदार्थ की गुणवत्ता और मात्रा
सरल यौगिकों से समृद्ध कार्बनिक पदार्थ तेजी से अपघटित होते हैं, जबकि लिग्निन जैसे जटिल यौगिकों वाला पदार्थ धीरे-धीरे अपघटित होता है।
सूक्ष्मजीव समुदाय
अपघटकों का आकार और संरचना अपघटन की दर को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
B. अजैविक कारक
ये कारण निम्न प्रकार है
तापमान
गर्म जलवायु में अपघटन तेज होता है क्योंकि सूक्ष्मजीवों की सक्रियता बढ़ जाती है।
नमी
उचित नमी अपघटकों का समर्थन करती है, लेकिन बहुत अधिक पानी अवायवीय परिस्थितियां पैदा कर सकता है, जिससे प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
pH
अधिकांश अपघटक तटस्थ से हल्के अम्लीय मिट्टी में पनपते हैं।
विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों में अपघटन
पारिस्थितिक तंत्रों में अपघटन की दर भिन्न होती है:
गर्म और नम परिस्थितियों में अपघटन तेजी से होता है, जिससे पोषक तत्वों का त्वरित पुनर्चक्रण होता है और जंगल के फर्श पर कार्बनिक पदार्थ का थोड़ा संचय होता है।
समशीतोष्ण वनों में अपघटन धीमी गति से होता है, जिससे मिट्टी पर कार्बनिक सामग्री की एक मोटी परत जमा हो जाती है।
बहुत शुष्क (जैसे रेगिस्तान) या अत्यधिक गीली (जैसे जलभराव वाली मिट्टी) स्थितियों में अपघटन धीमा हो जाता है, क्योंकि सूक्ष्मजीव सक्रिय नहीं हो पाते हैं।
अपघटन का महत्व (Importance of Decomposition)
अपघटन पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण और पारिस्थितिक तंत्र की उत्पादकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मृत कार्बनिक पदार्थों को तोड़कर, अपघटक आवश्यक पोषक तत्वों को मिट्टी में वापस छोड़ते हैं, जिससे वे पौधों और अन्य जीवों के लिए उपलब्ध हो जाते हैं। यह निरंतर पोषक चक्र पारिस्थितिक तंत्र की उत्पादकता और स्वास्थ्य का समर्थन करता है, जिससे नए जीवन का विकास संभव हो पाता है।
इन्हें भी पढ़े
- Productivity उत्पादकता क्या है?
- पारिस्थितिकी तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह (Energy Flow in an Ecosystem)
बाहरी कड़ियाँ
Decomposition in Hindi