संघ मोलस्का

संघ मोलस्का (Phylum Mollusca Hindi)

संघ मोलस्का (Phylum Mollusca) Mollusca ग्रीक भाषा के शब्द Mollis से बना है जिसका अर्थ है कोमल शरीर (Soft Bodied)। यह आर्थोपोडा के बाद एनिमेलिया जगत का दूसरा सबसे बड़ा संघ है। मेयर के अनुसार इसकी लगभग 80,000 प्रजातियाँ ज्ञात है। इस संघ की स्थापना जोनसटन (Johnztone,1605) ने की थी।   संघ मोलस्का का सामान्य … Read more

संघ आर्थोपोडा

संघ – आर्थोपोडा  (Phylum Arthopoda in Hindi)

संघ आर्थोपोडा  (Phylum Arthropoda) Arthropoda शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों Arthros (Joint) सन्धि या जोड़ तथा podos (limb) उपांग से बना है जिसका अर्थ सन्धियुक्त उपांग (jointed appendages) है। ये जन्तु जगत का सबसे बड़ा संघ है। मेयर के अनुसार इन की लगभग 9 लाख जातियाँ ज्ञात है। इस संघ की स्थापना 1845 में … Read more

राजस्थान के प्रमुख मेले

राजस्थान के प्रमुख मेले (Rajasthan Ke Mele)

राजस्थान के प्रमुख मेले (Rajasthan Ke Mele) राजस्थान के सभी जिलों को सात संभाग में बाँटा गया है। और यहाँ पर राजस्थान के प्रमुख मेले का वर्णन संभाग के आधार पर किया गया है। बीकानेर संभाग के मेले जयपुर संभाग के मेले जोधपुर संभाग के मेले भरतपुर संभाग के मेले अजमेर संभाग के मेले कोटा … Read more

राजस्थान के प्रमुख संत सम्प्रदाय

Rajasthan Ke Pramukh Sant Sampraday

राजस्थान के प्रमुख संत सम्प्रदाय (Rajasthan Ke Pramukh Sant Sampraday) प्रमुख सम्प्रदाय वल्लभ सम्प्रदाय रामानन्दी सम्प्रदाय निम्बार्क सम्प्रदाय शैव सम्प्रदाय दादू सम्प्रदाय जसनाथी सम्प्रदाय विश्नोई सम्प्रदाय रसिक सम्प्रदाय गौडीय सम्प्रदाय रामस्नेही सम्प्रदाय लालदासी सम्प्रदाय अलखिया सम्प्रदाय नाथ सम्प्रदाय गुदड सम्प्रदाय निष्कलंक सम्प्रदाय परनामी सम्प्रदाय निरंजनी सम्प्रदाय चरणदासी सम्प्रदाय राजाराम सम्प्रदाय दासी सम्प्रदाय तेरापंथी सम्प्रदाय   … Read more

राजस्थान के लोक देवता

rajasthan ke lok devta

राजस्थान के लोक देवता (Rajasthan Ke Lok Devta) रामदेव जी जन्म व जन्म स्थान ये कृष्ण के अवतार माने जाते है। इनका जन्म भाद्रशुक्ल द्वितीया (बाबेरी बीज) को उपडुकासमेर गाँव, शिव तहसील (बाड़मेर) में 1352 ईस्वी में हुआ। 1385 ईस्वी भाद्र शुक्ल एकादशी को रामसरोवर (रुणेचा) में समाधि ली। परिवार ये तवंर वंशीय राजपूत थे। … Read more

राजस्थान के प्रमुख संत

rajasthan ke pramukh sant

राजस्थान के प्रमुख संत (Rajasthan Ke Pramukh Sant) वल्लभाचार्य रामानुजाचार्य चेतन्य महाप्रभु दादूदयाल हरिदास मीराबाई आचार्य भिक्षु स्वामी रामचरण दास चरणदास जसनाथ मावजी पीपा जी धन्ना रज्जब रैदास भक्त कवि दुर्लभ स्वामी लालगिरी जांभोजी प्राणनाथ जी गवरी बाई जी लालदास जी दरियाव जी हरिराम दास जी रामदास जी सुन्दरदास जी     (1) वल्लभाचार्य  इन्होंने वल्लभ … Read more

राजस्थान की चित्रशैलियाँ (Rajasthan Ki Chitrakala)

राजस्थान की चित्रशैलियाँ Rajasthan Ki Chitrakala

राजस्थान की चित्रशैलियाँ (Rajasthan Ki Chitrakala) [wpsm_titlebox title=”Contents” style=”1″][contents h2 h3][/wpsm_titlebox] राजस्थान के सर्वाधिक प्राचीन चित्रित ग्रन्थ “ओध निर्युत्की वृति तथा दस वैकालिका सूत्र चूर्णी” जैसलमेर में मिले जो 1060 ईस्वी में रचित है। राजस्थान की चित्रशैलियों को चार शैलियों में विभक्त किया जाता है। जो निम्न हैं- मेवाड़ शैली मारवाड़ शैली हाडौती शैली ढूढाड शैली … Read more

संघ-ऐनेलिडा

संघ ऐनेलिडा (Phylum Annelida in Hindi )

संघ ऐनेलिडा (Phylum Annelida) लिनीयस ने इनको वर्मीस समूह में रखा। 1801 में लैमार्क ने ऐनेलिडा संघ की स्थापना की। ऐनेलिडा शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों Annulus (Little ring) सुक्ष्म वलय तथा Eidos (form) धारण करना। यानी ऐनेलिडा  का अर्थ सुक्ष्म वलयों को धारण करने वाला जंतु है। मेयर के अनुसार इस संघ की … Read more

संघ – प्लेटीहेल्मिन्थिज

संघ – प्लेटीहेल्मिन्थिज (Phylum Platyhelminthes)

संघ – प्लेटीहेल्मिन्थिज (Phylum Platyhelminthes) संघ – प्लेटीहेल्मिन्थिज के सामान्य लक्षण (Common Characteristic of Phylum Platyhelminthes) Platyhelminthes शब्द ग्रीक भाषा के Platys – Flat (चपटे) Helmins – Worm (कृमि/कीड़े) इसलिए इनको इन्हे चपेटकृमि भी कहा जाता है।   ये बहुकोशिक (Multicelluar), द्विपाशर्व सममिति (Bilateral Symmetry), त्रिकोरिकी (Triploblastics), अगुहीय (Acoelomate) तथा अंग स्तर का शारीरिक संगठन … Read more

संघ सीलेन्ट्रेटा या नाइडेरिया

संघ सीलेन्ट्रेटा या नाइडेरिया ( Phylum Coelenterata or Cnidaria)

इस लेख में संघ सीलेन्ट्रेटा या नाइडेरिया (Phylum Coelenterata or Cnidaria) के बारे में जानेगे। संघ सीलेन्ट्रेटा या नाइडेरिया (Phylum Coelenterata or Cnidaria) सीलेन्ट्रेटा में आंत्र ही शरीर की एक मात्र गुहा होती है इसलिए इनको सीलेन्ट्रेटा कहा जाता है। (coel-cavity, enteron-intestine) सन् 1847 ईस्वी  में ल्यूकर्ट ने सीलेन्ट्रेटा (coel-cavity, enteron-intestine) संघ की स्थापना की।  हेरचेक ने 1878 में इस संघ का … Read more