निषेचन की क्रियाविधि
निषेचन (Fertilization in women)
शुक्राणु (Sperm) तथा अण्डाणु (Ovum) के संलयन (Fusion) से द्विगुणित युग्मनज (zygote) का निर्माण होना निषेचन (Fertilization) कहलाता है।
निषेचन दो प्रकार का होता है-
- बाह्य निषेचन (External Fertilization)
- आंतरिक निषेचन (Internal Fertilization)
बाह्य निषेचन (External Fertilization)
जब निषेचन की प्रक्रिया मादा शरीर के बाहर जल या किसी अन्य माध्यम में होती है तो इसे बाह्य निषेचन कहते है।
मादा के द्वारा जल में अंडाणुओं को छोड़ा जाता है, जिसे स्पोनिंग (spawing) कहते है। इन अंडाणुओं पर नर शुक्राणुओं को छोड़ता है, जिससे निषेचन होता है।
ऐसा जलीय अशेरुकियों, अस्थिल मछलियों (bony fish) तथा उभयचर (Amphibia) में होता है।
आंतरिक निषेचन (Internal Fertilization)
जब निषेचन की प्रक्रिया मादा शरीर के अन्दर होती है तो इसे आंतरिक निषेचन कहते है।
ऐसा उपास्थिल मछलियों, रेप्टाइल, एवीज तथा मेमेलिया में होता है।
मानव में निषेचन की क्रियाविधि (Fertilization in Human)
शुक्राणु गति करते हुए अंडवाहिनी (Fellopian tube) तक पहुँचते है। जहाँ निषेचन होता है।
शुक्राणु (Sperm) तथा अण्डाणु (Ovum) के सम्पर्क में आने पर अण्डाणु (Ovum) के कोरोना रेडिएटा पर फर्टीलाइजीन प्रोटीन पाया जाता है इसके विपरित शुक्राणु (Sperm) पर एंटीफर्टीलाइजीन पाया है।
फर्टीलाइजीन एक ग्लाइकोप्रोटीन है। जो एमिनो अम्ल तथा कार्बोहाइड्रेट का बना होता है।
फर्टीलाइजीन तथा एंटीफर्टीलाइजीन जाति विशिष्ट होते (Species specific) है। जो ताला-चाबी सिद्धांत पर कार्य करते है| इस प्रकार शुक्राणु (Sperm) की पहचान होती है।
शुक्राणु (Sperm) की पहचान होने के पश्चात एक्रोसोम के द्वारा स्पर्मलाइसिन एंजाइम हाइलुरीडीनेज स्त्रावित किए जाते है।
हाइलुरीडीनेज कोरोना रेडिएटा में पाए जाने वाले हाइलुरोनिक अम्ल का पाचन करता है
हाइलुरोनिक अम्ल के पाचन से जोना पेलुसिडा में छेद करके शुक्राणु (Sperm) का शीर्ष भाग अण्डाणु (Ovum) के जीवद्रव्य में प्रवेश करता है।
शुक्राणु (Sperm) के अण्डाणु (Ovum) में प्रवेश होने के पश्चात पोलीस्पर्मी को रोकने के लिए जोनाप्लेसुडा के स्तर में बदलाव आ जाता है।
जब शुक्राणु (Sperm) अण्डाणु (Ovum) में प्रवेश कर जाता है तो शुक्राणु (Sperm) द्वितीयक अण्डक में अर्द्धसूत्री विभाजन -II को प्रेरित करता है।
अर्द्धसूत्री विभाजन -II से एक अण्डाणु (Ovum) व एक धुर्वीय पिण्ड बनता है।
शुक्राणु (Sperm) अण्डाणु (Ovum) के अगुणित केन्द्रक के साथ संलयित हो जाता है जिससे द्विगुणित युग्मनज का निर्माण होता है।
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निषेचन से सम्बंधित शब्दार्थ (Terms Related to Fertilization)
केरियोगेमी – युग्मकों के केन्द्रकों का संलयन (Fusion) होना। [Karyo – केन्द्रक gamy – संलयन ]
साइटोगेमी – युग्मकों के कोशिकाद्रव्यों का संलयन (Fusion) होना। [Cyto – कोशिका gamy- संलयन ]
आइसोगमी – समान आकार के युग्मकों का संलयन होना। [Iso – समान ]
एनआइसोगमी – असमान आकार के युग्मकों का संलयन (Fusion) होना। [an अ/ नहीं – iso – समान]
एम्फीमिक्सिंग – युग्मकों के गुणसूत्र समुच्चय का संलयन होना। [Apmhi – उभय ]
पोलीस्पर्मी – एक से अधिक शुक्राणु (Sperm)ओं का अण्डाणु (Ovum) में प्रवेश होना।
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निषेचन की खोज सर्वप्रथम किसने की थी
Aristotle in animals, Strasberger in plants, and triple fusion by Nawaschin
[…] 1 से 5th दिन के मध्य होती है। निषेचन की प्रक्रिया नहीं होने पर अनिषेचित […]
[…] ये एकलिंगी (unisexual), निषेचन बाह्य (External fertilization), परिवर्धन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष […]
[…] एकलिंगी (Unisexual), आंतरिक निषेचन (internal fertilization) तथा प्रत्यक्ष परिवर्धन (Direct development) करने […]
[…] निषेचन के पश्चात बनने वाले युग्मनज में विदलन के द्वारा 2,4,8,16 कोशिकाओं का निर्माण होता है। इन कोशिकाओं को कोरकखण्ड या ब्लास्टोमियर कहते है। इस 8-16 कोरक खण्ड युक्त संरचना को तुतक या मोरुला कहते है। […]