वर्ग एम्फिबिया

वर्ग एम्फिबिया (Class Amphibia hindi) amphibians(

वर्ग एम्फिबिया (Class Amphibia in Hindi)

Amphibia ग्रीक भाषा के दो शब्दों Amphi (दोनों) तथा Bios (जीवन) से बना है। Amphibians ऐसे जीव हैं जो जल और स्थल दोनों पर जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

वर्ग एम्फिबिया के सामान्य लक्षण (Common Characteristics of Class Amphibia)

  • ये जल (Aquatic) तथा स्थल (Terrestrial) दोनों पर निवास करते हैं।
  • शरीर सिर और धड़ में विभाजित होता है। पूंछ उपस्थित या अनुपस्थित हो सकती है।
  • दो जोड़ी पाँच अंगुलियों वाले पाद पाए जाते हैं – अग्र पाद (Forelimb) में 4 तथा पश्च पाद (Hind limb) में 5 अंगुलियाँ।
  • त्वचा शल्कविहीन (Scaleless), नम एवं ग्रंथिल होती है। इसमें बहुकोशिकीय श्लेष्मा ग्रंथियाँ (Cutaneous glands) पाई जाती हैं।
  • कुछ Amphibia की त्वचा पर विष ग्रंथियाँ (Poison glands) भी होती हैं।
  • ये असमतापी (Poikilothermal) होते हैं।
  • इनमें 10 जोड़ी कपाल तंत्रिकाएँ (Cranial Nerves) पाई जाती हैं।
  • कपाल ऑटोस्टाइलिक होता है, जिसमें 2 Occipital condyles पाए जाते हैं।
  • श्वसन फेफड़े और नम त्वचा द्वारा, जबकि लार्वा में गिल्स द्वारा होता है।
  • हृदय तीन कोष्ठकीय (Two atria + One ventricle) होता है।
  • ये युरियोटेलिक (Ureotelic) होते हैं और यूरिया का उत्सर्जन करते हैं।
  • Ureter, Reproductive duct और Rectum एक ही छिद्र Cloaca में खुलते हैं।
  • इनमें रंग बदलने की क्षमता (Metachrosis) होती है।
  • ये एकलिंगी (Unisexual) होते हैं, Copulatory organ अनुपस्थित होता है और ये अंडज (Oviparous) होते हैं।
  • अंडे जेली जैसे आवरण से ढके रहते हैं।
  • निषेचन बाह्य (External Fertilization) द्वारा होता है तथा विकास अप्रत्यक्ष (Indirect development) होता है।

वर्ग एम्फिबिया का वर्गीकरण (Classification of Class Amphibia)

एम्फिबिया वर्ग को तीन मुख्य गणों (Orders) में विभाजित किया गया है:

  1. एपोडा (Apoda)
  2. युरोडेला (Urodela)
  3. एन्यूरा (Anura)

गण एपोडा (Order Apoda / Gymnophiona)

  • लंबे, कृमि (Worm) जैसे, पाद एवं पूंछ विहीन होते हैं।
  • अंधे और बिलकारी (Burrowing) होते हैं।
  • नर में मैथुन अंग उपस्थित होता है।
  • उदाहरण: Ichthyophis

गण युरोडेला (Order Urodela / Caudata)

  • इनमें पूंछ उपस्थित होती है।
  • लार्वा बिना कायांतरण (Metamorphosis) के ही लैंगिक परिपक्वता प्राप्त कर लेता है (Neoteny)।
  • श्वसन बाह्य गिल्स द्वारा होता है।
  • उदाहरण: Salamander, Proteus, Necturus, Triton, Siren, Ambystoma

गण एन्यूरा (Order Anura / Salientia)

  • इनमें पूंछ अनुपस्थित होती है।
  • श्वसन फेफड़ों और त्वचा द्वारा, लार्वा में गिल्स द्वारा होता है।
  • इस गण में मेंढक और टॉड सम्मिलित हैं।
  • उदाहरण: Rana tigrina, Bufo (Toad), Hyla (Treefrog), Xenopus, Alytes, Pipa

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