प्रोटोज़ोआ जनित रोग
Protozoan Diseases in Hindi, प्रोटोज़ोआ जनित रोग
मलेरिया (Malaria)
मलेरिया एक प्रोटोज़ोआ जनित रोग है। जो प्लाज्मोडियम के द्वारा होता है।
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अमीबियासिस (Amoebiasis)
अमीबियासिस एक संक्रामक रोग है जो प्रोटोजोआ एण्टअमीबा हिस्टोलिटिका (Entamoeba histolytica) द्वारा मनुष्यों में होता है। इसे अमीबीय पेचिस (Amoebic Dysentery) भी कहा जाता है।
खोज और इतिहास
एण्टअमीबा हिस्टोलिटिका की खोज सबसे पहले लैम्बल (Lambl, 1859) द्वारा की गई थी। बाद में, रशियन वैज्ञानिक फ्रेडरिक लॉश (Friedrich Lösch, 1875) ने इसे पेचिश के रोगी के मल और आंत्रीय अल्सर में पुनः खोजा और इसे कुत्तों में स्थानांतरित करने में सफलता प्राप्त की।
संरचना और कार्यप्रणाली
एण्टअमीबा हिस्टोलिटिका एक सूक्ष्मदर्शिक अन्तः परजीवी है, जो बड़ी आंत (Large Intestine) के ऊपरी भाग में, विशेष रूप से कोलन (Colon) में पाया जाता है। यह आंत्रीय भित्ति की म्यूकोसा (Mucosa) और सब म्यूकोसा (Sub-Mucosa) पर आक्रमण करता है, जिससे अमीबीय पेचिस और अमीबियासिस होता है।
संक्रमण का तंत्र
परजीवी के ट्रोफोजोइट्स (Trophozoites) आंत्रीय भित्ति की म्यूकोसा में प्रवेश करते हैं और कोशिकीय अपशिष्ट, लिम्फोसाइट्स, रक्त कणिकाओं, और जीवाणुओं को खाते हुए फ्लास्क आकार के अल्सर (Flask-Shaped Ulcers) का निर्माण करते हैं। ट्रोफोजोइट्स सब-म्यूकोसा में भेदन ऊत्तक लयन (Histolysis) और कोशिका लयन (Cytolysis) के माध्यम से करते हैं।
लक्षण और प्रभाव
जब सब म्यूकोसा नष्ट हो जाती है, तो अल्सर फट जाते हैं, और रक्त केशिकाएं फट जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप रक्त और अल्सर का पदार्थ आंत की गुहा में गिर जाता है और मल के साथ बाहर निकलता है। रोगी को रक्त-मिश्रित, चिपचिपे और बदबूदार दस्त आते हैं।
गंभीर संक्रमण
कभी-कभी ट्रोफोजोइट्स रक्त परिसंचरण के माध्यम से मस्तिष्क (Brain), यकृत (Liver), प्लीहा (Spleen), फेफड़ों (Lungs), और जनन ग्रंथियों (Reproductive Glands) में पहुंच जाते हैं और ऊतकों को नष्ट करते हैं, जिससे मवाद युक्त गुहाओं का निर्माण होता है। मस्तिष्क में फोड़े का निर्माण सामान्यतया घातक होता है।
निदान और उपचार
निदान मल के नमूनों में ट्रोफोजोइट्स या पुटियों (Cysts) की सूक्ष्मदर्शिक जांच से होता है। उपचार के लिए इमेटिन (Emetine) और इसके संश्लेषित व्युत्पन्न डिहायड्रोइमेटिन (Dihydroemetine) का उपयोग किया जाता है। मेट्रोनिडेजोल (Metronidazole) और टिनिडाइज़ोल (Tinidazole) आंत्रीय और बाह्य आंत्रीय अमीबियासिस दोनों के विरुद्ध प्रभावी हैं।
रोकथाम
संक्रमण की रोकथाम के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर स्वच्छता का पालन करना आवश्यक है।
जिआर्डिएसिस (Giardiasis)
जिआर्डिएसिस एक प्रोटोजोआ संक्रमण है, जिसे जिआर्डिया इन्टेस्टाइनेलिस (Giardia intestinalis) नामक जूफ्लैजिलेट (Zooflagellate) द्वारा होता है। इसे ‘बैकपैकर रोग’ (Backpacker’s Disease) भी कहा जाता है क्योंकि यात्री इस रोग के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
संरचना और जीवन चक्र
यह प्रोटोजोआ मनुष्य की छोटी आंत (Small Intestine) के ऊपरी भागों, जैसे ग्रहणी (Duodenum) और जेजुनम (Jejunum) में रहता है। परजीवी अपनी आंसजक चक्रिका (Adhesive Disc) के माध्यम से आंत्र की जीवित कोशिकाओं पर चिपका रहता है और भोजन के पोषक तत्वों को अवशोषित करता है।
लक्षण और प्रभाव
जिआर्डिएसिस के कारण एपीगैस्ट्रिक दर्द (Epigastric Pain), पेट में कष्ट (Abdominal Discomfort), डायरिया (Diarrhea), सिरदर्द (Headache), और कभी-कभी ज्वर (Fever) होता है। यह रोग विशेष रूप से पानी जैसे और लगातार दस्त के रूप में प्रकट होता है।
उपचार और रोकथाम
जिआर्डिएसिस का निदान मल में परजीवियों की उपस्थिति से होता है। रोकथाम के लिए स्वच्छ पानी और भोजन का सेवन करना और उचित स्वच्छता बनाए रखना आवश्यक है।
अन्य प्रोटोज़ोआ जनित रोग (Protozoan Diseases in Hindi)
नीचे कुछ ओर प्रोटोजोआ जनित रोगों के नाम दिए गए।परंतु एनसीईआरटी के अनुसार NEET के लिए ज्यादा उपयोगी नहीं है। जो उपयोगी है, उन्हें लाल रंग से चिन्हित किया गया है।
- स्लीपिंग सिकनेस / निद्रालु रोग (Sleeping Sickness)
- Pathogen: ट्रिपैनोसोमा ब्रूसी (Trypanosoma brucei)
- कालाजार (Kala-azar) या विसरल लिश्मानिआसिस (Visceral Leishmaniasis)
- Pathogen: लिश्मानिया डोनोवानी (Leishmania donovani)
- चगास रोग (Chagas Disease)
- Pathogen: ट्रिपैनोसोमा क्रूज़ी (Trypanosoma cruzi)
- बेबेसियोसिस (Babesiosis)
- Pathogen: बेबेसिया माइक्रोटी (Babesia microti), बेबेसिया डाइवर्जेन्स (Babesia divergens)
- टॉक्सोप्लाज़मोसिस (Toxoplasmosis)
- Pathogen: टॉक्सोप्लाज़मा गोंडी (Toxoplasma gondii)
- बालांटिडायसिस (Balantidiasis)
- Pathogen: बालांटिडियम कोली (Balantidium coli)
- क्रिप्टोस्पोरिडियोसिस (Cryptosporidiosis)
- Pathogen: क्रिप्टोस्पोरिडियम परवम (Cryptosporidium parvum)
- ट्राइकोमोनियासिस (Trichomoniasis)
- Pathogen: ट्राइकोमोनास वेजिनालिस (Trichomonas vaginalis)
- इजोसपोरोसिस (Isosporiasis)
- Pathogen: इजोस्पोरा बेली (Isospora belli)
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