
आदर्श शिक्षक के गुण (Qualities of an ideal teacher)
आदर्श शिक्षक के गुण (Qualities of an ideal teacher in Hindi)
अमेरिका में बागले और कीथ के अध्ययन ने उपर्युक्त गुणों में कुछ और गुणों का समावेश किया, जैसे चातुर्य (Skill), नेतृत्व की क्षमता (Leadership Capacity), और अच्छा स्वर (Good Voice)। इन गुणों को तैयार करते समय विद्वानों ने केवल विद्यालय के प्रधानाचार्यों, निरीक्षकों और अधीक्षकों की राय को महत्व दिया था। उन्होंने छात्रों के दृष्टिकोण को ध्यान में नहीं रखा था। हालांकि, बॉसिंग ने छात्रों की राय को भी अपने अध्ययन का हिस्सा बनाया और इसके आधार पर शिक्षक के गुणों की सूची में विनोदप्रियता (Sense of Humor) और छात्रों के प्रति मैत्रीपूर्ण दृष्टिकोण (Friendly Attitude Towards Students) जैसे गुणों को जोड़ा।
रेमॉन्ट का यह मानना है कि आदर्श शिक्षक को तुच्छ एवं हीन बातों से परे रहना चाहिए। एक शिक्षक को मनुष्यों का निर्माता और राष्ट्र-निर्माता होना चाहिए क्योंकि छात्र उसी के आदर्शों को देखते हैं और अपने जीवन में उन्हें अपनाते हैं। महात्मा गांधीजी ने भी इस बात पर अफसोस व्यक्त किया था कि शिक्षकों के आदर्शों और उनके व्यवहार में अक्सर सामंजस्य नहीं होता। वे कुछ कहते हैं और करते कुछ और हैं।
डॉ. F. L. क्लैप अच्छे शिक्षक के दस गुण बताए है-
- सम्बोधन (Addressing),
- वैयक्तिक आकृति (Personal Appearance),
- आशावादिता (Optimism),
- संयम (Self-control),
- उत्साह (Enthusiasm),
- मानसिक निष्पक्षता (Mental Impartiality),
- शुभचिन्तन (Goodwill),
- सहानुभूति (Empathy),
- जीवन शक्ति (Vitality),
- विद्वत्ता (Scholarship)।
आदर्श शिक्षक के गुण (Qualities of an ideal teacher) को दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: वैयक्तिक गुण (Personal Qualities) और व्यावसायिक गुण (Professional Qualities)।
(अ) वैयक्तिक गुण
(i) उत्तम स्वास्थ्य एवं जीवन-शक्ति (Good Health and Vitality)
शिक्षक के लिए उत्तम स्वास्थ्य अत्यंत आवश्यक है। यह सिद्ध किया गया है कि स्वस्थ शरीर का स्वस्थ मस्तिष्क से गहरा संबंध होता है। हरबर्ट स्पेन्सर का कथन है, “जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए एक अच्छा प्राणी होना आवश्यक है,” अर्थात यदि शिक्षक का स्वास्थ्य खराब होता है, तो वह न केवल खुद का प्रदर्शन कर पाएगा बल्कि छात्रों को भी प्रेरित करने में असफल रहेगा। स्वास्थ्य शिक्षक के कार्य में स्फूर्ति, उत्साह और जीवन शक्ति लाता है, जिससे वह अपने छात्रों को प्रेरित कर सकता है और उनका मार्गदर्शन कर सकता है।
(ii) संवेगात्मक संतुलन (Emotional Balance)
शिक्षक में संवेगात्मक संतुलन का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि शिक्षक खुद भावनात्मक रूप से असंतुलित होता है, तो वह छात्रों की भावनाओं को समझने और उनका सही मार्गदर्शन करने में असमर्थ रहेगा। इसके परिणामस्वरूप न केवल छात्रों का मानसिक और भावनात्मक विकास अवरुद्ध होगा, बल्कि विद्यालय के वातावरण में भी अव्यवस्था फैल सकती है। इसलिए शिक्षक को अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है ताकि वह छात्रों के साथ सही तरीके से संवाद कर सके और उन्हें सकारात्मक दिशा दे सके।
(iii) सामाजिक गुण (Social Qualities)
शिक्षक का सामाजिक समझ और व्यवहार समाज के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाता है। सामाजिक गुण, जैसे कि सामाजिक चातुर्य, अच्छे निर्णय की क्षमता, साहस, परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता, और मिलजुल कर काम करने की क्षमता, शिक्षक के व्यक्तित्व का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए। इन गुणों से शिक्षक न केवल कक्षा में, बल्कि समाज में भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। शिक्षक को सामाजिक संबंधों को समझना और अच्छे कार्यक्षेत्र और व्यक्तिगत संबंधों के निर्माण के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।
आदर्श शिक्षक के गुण (Qualities of an ideal teacher)
(iv) उच्च चरित्र एवं दृढ़ संकल्प (High Character and Strong Determination)
एक शिक्षक का चरित्र उच्च और सशक्त होना चाहिए, क्योंकि शिक्षक राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उच्च आदर्शों और स्थिर चरित्र के बिना शिक्षक छात्रों को नैतिक और मानसिक दिशा नहीं दे सकता। दृढ़ संकल्प और सच्चाई की नींव पर आधारित शिक्षक न केवल स्वयं को बल्कि अपने छात्रों और समाज को भी सही मार्ग पर ले जाता है। शिक्षक का चरित्र और उसकी निष्ठा एक आदर्श जीवन जीने का उदाहरण प्रस्तुत करती है।
(v) नेतृत्व की क्षमता (Leadership Ability)
शिक्षक में नेतृत्व की क्षमता होना एक आवश्यक गुण है। लेकिन, शिक्षक का नेतृत्व उस प्रकार का होना चाहिए जो दूसरों को प्रेरित कर सके और उन्हें सामान्य ध्येय की ओर अग्रसर कर सके। शिक्षक का नेतृत्व उसके व्यक्तिगत गुणों, शक्ति, प्रभावकारिता और सम्मान पर आधारित होता है। शिक्षक का नेतृत्व पथ-प्रदर्शन करने और समूह को सही दिशा में अग्रसर करने की क्षमता पर निर्भर करता है। एक शिक्षक का नेतृत्व छात्रों को उनकी पूरी क्षमता के अनुसार निखारने का माध्यम बनता है।
(vi) मित्रता और सहानुभूति (Friendliness and Empathy)
शिक्षक को अपने छात्रों के साथ मित्रवत और सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करना चाहिए। यह छात्रों के विश्वास को जल्दी से अर्जित करने में मदद करता है। साथ ही, एक सहानुभूतिपूर्ण शिक्षक छात्रों को उनके व्यक्तिगत संघर्षों को समझने में सहायता करता है और उन्हें बेहतर व्यक्तित्व बनाने के लिए मार्गदर्शन करता है। शिक्षक को सहृदय और समझदार होना चाहिए ताकि वह छात्रों के मानसिक और भावनात्मक विकास में योगदान दे सके।
(ब) व्यावसायिक गुण
(i) विषय का पूर्ण ज्ञान (Complete Knowledge of Subject)
शिक्षक के लिए यह आवश्यक है कि वह अपने विषय का सम्पूर्ण ज्ञान रखता हो। एक शिक्षक जो अपने विषय में सक्षम नहीं है, वह छात्रों को सटीक ज्ञान नहीं दे सकता और उनका सही मार्गदर्शन भी नहीं कर सकता। शिक्षक को अपने विषय के हर पहलू से अवगत होना चाहिए, और उसे अपने ज्ञान को निरंतर अद्यतन करने की आवश्यकता है। एक अच्छे शिक्षक को हमेशा सीखने के लिए तत्पर रहना चाहिए, ताकि वह छात्रों के सामने एक आदर्श प्रस्तुत कर सके।
(ii) व्यावसायिक प्रशिक्षण (Professional Training)
शिक्षक के लिए यह आवश्यक नहीं है कि वह केवल यह जानता हो कि “क्या पढ़ाना है”, बल्कि यह भी जानना आवश्यक है कि “कैसे पढ़ाना है” और “किसे पढ़ाना है”। व्यावसायिक प्रशिक्षण शिक्षक को शिक्षण के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराता है। यह प्रशिक्षण शिक्षक को बच्चों की मानसिकता, उनकी शिक्षा की आवश्यकता, और शिक्षण विधियों से अवगत कराता है। इसके अलावा, व्यावसायिक प्रशिक्षण में शिक्षक को मनोविज्ञान, विद्यालय प्रशासन, शिक्षण सिद्धांतों, और अन्य संबंधित विषयों का अध्ययन कराया जाता है।
(iii) व्यावसायिक निष्ठा (Professional Integrity)
व्यावसायिक निष्ठा शिक्षक के जीवन का आधार है। शिक्षक को अपने पेशे और विषय में निष्ठावान होना चाहिए। निष्ठा से ही शिक्षक अपना कार्य पूरी ईमानदारी और लगन से करता है। अगर शिक्षक अपने काम के प्रति निष्ठावान नहीं है, तो वह न केवल अपने छात्रों का विकास अवरुद्ध करेगा, बल्कि अपने पेशे का भी अपमान करेगा। इसलिए एक अच्छा शिक्षक अपने कार्य में पूरी निष्ठा और समर्पण से काम करता है।
(iv) पाठ्यक्रम सहगामी क्रियाओं में रुचि (Interest in Co-curricular Activities)
आजकल शिक्षण का कार्य कक्षा के चारदीवारी तक सीमित नहीं रह गया है। शिक्षक से यह अपेक्षाएँ की जाती हैं कि वह खेलकूद, नाटक, संगीत, कला, वाद-विवाद, और अन्य सहगामी क्रियाओं में सक्रिय रूप से भाग ले। यह सहगामी क्रियाएँ छात्रों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसलिए शिक्षक को इन गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए, ताकि वह छात्रों को एक समग्र व्यक्तित्व प्रदान कर सके।
आदर्श शिक्षक के गुण, Qualities of an ideal teacher
(v) प्रयोग और अनुसंधान में रुचि (Interest in Experimentation and Research)
आधुनिक युग में शिक्षक से यह अपेक्षाएँ की जाती हैं कि वह अपने कार्यक्षेत्र में अनुसंधान करने की दिशा में प्रयासरत रहे। शिक्षक को शैक्षिक शोध के माध्यम से कक्षा में समस्याओं के समाधान के लिए नवीनतम विधियों का प्रयोग करना चाहिए। अनुसंधान शिक्षक को अपनी शिक्षण विधियों को सुधारने और विद्यार्थियों की अधिकतम सहायता करने का अवसर प्रदान करता है।
सारांश (Summary)
आदर्श शिक्षक के गुण, Qualities of an ideal teacher
एक आदर्श शिक्षक को निम्नलिखित गुणों पर ध्यान देना चाहिए:
- समयनिष्ठता (Punctuality)
- निष्पक्षता (Impartiality)
- सहृदयता (Kindness)
- छात्रों की राय का सम्मान (Respect for Students’ Opinions)
- चरित्र निर्माण (Character Building)
शिक्षक का व्यक्तित्व केवल उनके ज्ञान पर ही नहीं बल्कि उनके व्यवहार, संवेगात्मक संतुलन और सामाजिक गुणों पर भी निर्भर करता है।
डॉ. बैलार्ड के अनुसार:
“आधुनिक शिक्षक अपने छात्रों के व्यक्तित्व को समझने और उनकी प्रेरणाओं को पहचानने का प्रयास करेगा।”
(The teacher of the future will try to understand the personalities of his pupils and identify their motivations.)
इस प्रकार, शिक्षक को हर स्थिति में एक प्रेरणादायक और आदर्श व्यक्तित्व के रूप में उभरना चाहिए।
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आदर्श शिक्षक के गुण, Qualities of an ideal teacher