P-N संधि P-N Junction

P-N Junction in hindi, P-N संधि, विसरण विधि, Diffusion Method in Hindi, वाष्प निक्षेपित विधि, Vapour Deposited Method in hindi, विसरण धारा, अपवहन धारा, Diffusion current in hindi, Drift current in hindi

,

 

P-N संधि (P-N Junction)

P-N संधि (P-N Junction) P प्रकार तथा N प्रकार के अर्द्धचालक (Semiconductor) में अन्तराफलक या संधि है।  यह बहुत सी अर्द्धचालक युक्तियों जैसे डायोड, ट्रांजिस्टर आदि की मूल इकाई है।

 

P-N संधि बनाने की विधियाँ

  1. विसरण विधि (Diffusion Method)
  2. वाष्प निक्षेपित विधि (Vapour Deposited Method)

 

N-प्रकार अर्द्धचालक जैसे n.Ge तथा n.Si के ऊपर त्रिसंयोजी तत्वों जैसे B, Al, Ga, In, Tl का अशुद्धि के रूप में रखकर पिघलाया जाता है जिससे P-N संधि बनती है।

P-N Junction in hindi, P-N संधि, विसरण विधि, Diffusion Method in Hindi, वाष्प निक्षेपित विधि, Vapour Deposited Method in hindi, विसरण धारा, अपवहन धारा, Diffusion current in hindi, Drift current in hindi

P-प्रकार अर्द्धचालक जैसे p.Ge तथा p.Si के ऊपर पाँच संयोजकता वाली अशुद्धियां जैसे फॉस्फोरस (P), आर्सेनिक (As) एंटीमनी (Sb), बिस्मिथ (Bi), में रखकर पिघलाया जाता है जिससे P-N संधि बनती है।

 

 

विसरण विधि (Diffusion Method)

P-प्रकार के अर्द्धचालक को निर्वात में गर्म करके इस पर पांच संयोजी अशुद्धि की वाष्प छोड़ी जाती है जो P- प्रकार के अर्द्धचालक में विसरित हो जाती है व P-N संधि बन जाती है।

 

वाष्प निक्षेपित विधि (Vapour Deposited Method)

p.Si के चिप्स को सिलेन को फास्फोरस की वाष्प के सम्पर्क में रखते है। उच्च ताप द्वारा सिलेन से p.Si पर n.Si की परत बन जाती है इस प्रकार P-N संधि बन जाती है।

 

सिलेन सिलिकॉन का यौगिक जो उच्च ताप पर Si में विघटित हो जाता है।

 

P-N संधि में धारा

इस संधि में दो प्रकार से  धारा प्रवाहित होती है-

  1. विसरण धारा (Diffusion current)
  2. अपवहन धारा (Drift current)

 

विसरण धारा (Diffusion current)

PN संधि में धारा P से N की तरफ प्रवाहित होती है।

अपवहन धारा (Drift current)

PN संधि में धारा P से N की तरफ प्रवाहित होती है।

PN संधि पर कोई अभिनति (Biasing) नहीं दी जाने पर विसरण धारा (diffusion current) तथा अपवहन धारा (drift current) का मान समान होता है, अतः परिणामी धारा शून्य होती है।

 

P-N संधि में धारा का प्रवाह

यह ध्यान रहे की P प्रकार में होल की अधिकता होती है और N प्रकार में इलेक्ट्रॉनों की अधिकता होती है।

p एवं n फलकों के सिरों पर सांद्रता प्रवणता (Concentration gradient) के कारण होल p-फलक से n-फलक (p → n) की ओर विसरित होते हैं तथा इलेक्टॉन n-फलक से pफलक (n → p) की ओर विसरित होते हैं। आवेश वाहकों की इस गति के कारण संधि से एक विसरण धारा प्रवाहित होती है।

उपरोक्त स्थिति के विपरीत जब सांद्रता प्रवणता (Concentration gradient) के उलटे प्रवाहित होते है यानि जब कोई इलेक्टॉन p से n की ओर विसरित (Diffuse) होता है तो वह n-फलक इलेक्टॉन (-) की कमी धन आवेश आ जिससे जाता है। जैसे-जैसे इलेक्टॉन p से n की ओर विसरित होते जाते हैं p-फलक पर ऋण आवेश विकसित होते जाते है।

n-फलक पर धनात्मक स्पेस-चार्ज क्षेत्र तथा n-फलक पर ऋणात्मक स्पेस-चार्ज क्षेत्र विकसित हो जाता है।

संधि के दोनों फलकों पर विकसित इस स्पेस-चार्ज क्षेत्र को ह्रासी क्षेत्र या Depletion Region या अपक्षय परत कहते हैं। इसकी मोटाई माइक्रोमीटर के दसवें भाग की कोटि की होती है।

n-फलक पर धनात्मक स्पेस-चार्ज क्षेत्र तथा n-फलक पर ऋणात्मक स्पेस-चार्ज क्षेत्र होने के कारण विद्युत क्षेत्र विकसित हो जाता है विद्युत क्षेत्र के कारण आवेश वाहकों की गति को अपवाह कहते हैं। इस प्रकार एक अपवाह धारा विसरण धारा के विपरीत होती है।

Keywords –

P-N Junction in hindi,

P-N संधि,

विसरण विधि,

Diffusion Method in Hindi,

वाष्प निक्षेपित विधि,

Vapour Deposited Method in hindi,

विसरण धारा,

अपवहन धारा

Diffusion current in hindi,

Drift current in hindi

 

इन्हें भी पढ़े

 

बाहरी कड़ियाँ

aliseotools.com

image source – researchgate.com

 

लेक्चर विडियो

coming soon

ऑनलाइन टेस्ट

coming soon

We will be happy to hear your thoughts

Leave a reply

Aliscience
Logo
Shopping cart