आरएनए की संरचना, प्रकार तथा उनके कार्य

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Hey Biology Lovers, आज के हमारे ब्लॉग का शीर्षक है तीन प्रकार के RNA एवं उनका कार्य , 3 types of rna and their functions 

 

RNA का पूरा नाम राईबोज न्यूक्लिक अम्ल होता (Ribose Nucleic Acid ) है। यह एकल पॉलीराईबोन्यूक्लियोटाइड श्रृंखला (Single Polyribonucleotide Chain) का बना होता है। इसमें राईबोन्यूक्लियोसाइड (Ribonucleoside) तथा राईबोन्यूक्लियोटाइड  (Ribonucleotide) होते है। राईबोन्यूक्लियोटाइड चार प्रकार के होते है –

  • एडीनिलिक अम्ल Adenylic Acid (AMP)
  • ग्वानिलिक अम्ल Guanylic Acid (GMP)
  • साईटीडीलिक अम्ल Cytidylic Acid (CMP)
  • युरिडीलिक अम्ल Uridylic Acid (UMP)

3 types of rna and their functions

RNA तीन प्रकार का होता है –


1. mRNA या संदेशवाहक RNA (Messenger RNA): –


mRNA या संदेशवाहक RNA प्रोटीन संश्लेषण के लिये केन्द्रक (Nucleus) में स्थित DNA से प्रोटीन संश्लेषण के स्थान तक सूचना प्राप्त करता हैं। mRNA का निर्माण DNA के रज्जु को टेम्पलेट के रूप में प्रयोग करके किया जाता है। जिसके कारण mRNA में पूरक क्षार (Complimentory Base) होते है। एक कोशिका में कुल RNA का 3-5% भाग t-RNA होता है।

 

प्रोकेरियोटिक कोशिकाओं में एक ही mRNA से एक से अधिक पॉलीपेप्टाइड श्रृंखलाओं (Polypeptide Chain) का निर्माण होता है। इसलिए इन mRNA को पॉलीसिस्ट्रोनिक (Polycistronic) RNA कहते है। जबकि युकेरियोटिक कोशिका में एक mRNA से केवल एक ही पॉलीपेप्टाइड श्रृंखला बनाने के संश्लेषण के लिए सूचनाएँ होती है। जिसे मोनोसिस्ट्रोनिक (Monocistronic)  RNA कहते है।


2. tRNA या ट्रांसफर RNA (Transfer RNA) :-


यह सबसे छोटा RNA है। जिसमें 75-95 राईबोन्यूक्लियोटाइड पाये जाते है। यह प्रोटीन के संश्लेषण के समय राइबोसोम के A-स्थल में अमीनो अम्ल का स्थानांतरण करता है। प्रत्येक 20 amino acids के लिए विशिष्ट tRNA होते है। प्रत्येक tRNA एक ही अमीनो अम्ल के लिये विशिष्ट होता है। और प्रोटीन संश्लेषण के लिए अमीनो अम्ल को कोशिका द्रव्य से  राइबोसोम में ले जाता है। अतः एक कोशिका में tRNA या ट्रांसफर RNA को घुलनशील (Soluble RNA) या Adaptor RNA भी कहा जाता है। एक कोशिका में कुल RNA का 16-18% भाग t-RNA होता है।

रोबर्ट हॉली ने tRNA की क्लोवर लीफ (Clover Leaf) संरचना प्रस्तुत की जिस के अनुसार tRNA में चार भुजाएँ होती है –

  • ग्राही भुजा (Acceptor Arm) –

इस भुजा से 5’ तथा 3’ सिरे होते है। 3’ सिरे पर CCA (साइटोसिन-साइटोसिन एडेनिन) क्षार होते हैं तथा 5’ सिरे पर G(ग्वानिन) होता है।। अमीनो अम्ल का कार्बोक्सिल समूह (-COOH) है। 3’ सिरे पर CCA के एडेनोसिन के द्वारा जुड़ता है।

  • प्रतिकोडॉन भुजा (Anticodon Arm) –

यह भुजा ग्राही भुजा के विपरीत भुजा होती है। इस पर तीन क्षार का एक विशेष अनुक्रम होता है। जिसे प्रतिकोडॉन कहते है। ये प्रतिकोडॉन mRNA पर स्थित कोडॉन के पुरक होते है। जैसे यदि mRNA पर AUG कोडॉन होते है तो tRNA UAG कोडॉन होंगे।

  • TψC भुजा (TψC Arm) –

यह भुजा tRNA को राइबोसोम से जोड़ने में सहायता करती है।

  • DHU भुजा (DHU Arm) –

यह भुजा एंजाइम से जुड़ने में सहायता करती है। यह DHU का पूरा नाम डाइहाइड्रोयूरिडीन है, जो एक असामान्य क्षार है।

tRNA में कुछ असामान्य क्षार होते हैं जैसे इनोसिन (Inosine) व डाइहाइड्रोयूरिडीन (Dihydrouridine) आदि।


3. rRNA या राइबोसोमल RNA (Ribosomal RNA): –


rRNA राइबोसोम का एक घटक है। यह Ribosome का 80% भाग बनता है। राइबोसोम राइबोन्यूक्लियो प्रोटीन तथा rRNA से मिलकर बना होता है।। rRNA का संश्लेषण क्रोमोसोम के न्यूक्लिओलर आर्गनाइजर क्षेत्र में पायी जाने वाली राइबोसोमल जीनों में निहित सूचना से होता है।। एक कोशिका में पाये जाने वाले कुल RNA का 80% भाग rRNA होता है।

प्रोकेरियोटिक कोशिका, माइटोकांड्रिया, तथा लवक में 70s प्रकार का ribosome पाया जाता है। जो दो उप-इकाइयों 50s तथा 30s से मिलकर बना होता है।

50s राइबोसोम में 23s rRNA, 5s rRNA होता है। जबकि 30s राइबोसोम में 16s rRNA होता है।

23s rRNA में लगभग 3000 राईबोन्यूक्लियोटाइड, 5s rRNA में लगभग 120 राईबोन्यूक्लियोटाइड 16s rRNA 1500 राईबोन्यूक्लियोटाइड पाये जाते है।

 

युकेरियोटिक कोशिका में 80s प्रकार का ribosome पाया जाता है। जो दो उप-इकाइयों 60s तथा 40s से मिलकर बना होता है।

60s राइबोसोम में 28s, 5.8s तथा 5s rRNA होता है। जबकि 40s राइबोसोम 18s rRNA होता है। 28s rRNA में 5000 राईबोन्यूक्लियोटाइड, 5.8s rRNA में 160 राईबोन्यूक्लियोटाइड, 5s rRNA में 120 राईबोन्यूक्लियोटाइड पाये जाते है। जबकि 18s rRNA में 1800 राईबोन्यूक्लियोटाइड होते है।

 

rRNA संरचनात्मक अणु (Structural Molecule) है। जबकि tRNA तथा rRNA क्रियात्मक अणु (Functional Molecule) है।

राइबोसोम की इकाइयों व इनमें पाये जाने वाले rRNA को स्वेदवर्ग इकाई (Swedberg Unit) (S) द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। यह इन अणुओं की अवसादन दरों (Sedimentation Rate) को प्रदर्शित करते है।


3 types of rna and their functions


अन्य प्रकार के RNA –

  • snRNA – Small Nuclear RNA
  • scRNA – Small Cytoplasmic RNA
  • Ribozyme – RNA एंजाइम की भांति कार्य करता है।
  • miRNA – MicroRNA
  • piRNA – Piwi-interacting RNA
  • snoRNA – Small Nucleolar RNA
  • hnRNA – Hetero Nuclear RNA

3 types of rna and their functions

डीएनए की संरचना, रासायनिक प्रकृति, भौतिक प्रकृति तथा प्रकार

 


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5 Comments
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  1. Bihar

  2. bhai content tgda likhe ho …sabse acha apka yeh article lga mujhe ..

    fan ho gya apka guru i really like ur content

  3. […] (Pre-RNA) को संशोधित किया जाता है। इस चरण को RNA प्रसंस्करण (RNA processing) या अनुलेखन (Transcription) […]

  4. […] RNA में उपस्थित आनुवंशिक सूचनाओं (Genetic Information) का उपयोग करके एक प्रोटीन का संश्लेषण (Synthesis) करना किसी एक भाषा को दूसरे भाषा में अनुवाद (Translate) करने की तरह है। […]

  5. […] पश्च विषाणु (Retro virus) है।  क्योंकि ये अपने आरएनए से पश्च अनुलेखन (Reverse Transcription) द्वारा […]

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