डीएनए की संरचना, रासायनिक प्रकृति, भौतिक प्रकृति तथा प्रकार

Hey Biology lovers, आज के हमारे ब्लॉग का शीर्षक है। डीएनए की संरचना जिसमें हम डीएनए की रासायनिक प्रकृति तथा भौतिक प्रकृति की जानकारी प्राप्त करेंगे।


डीएनए की संरचना का परिचय (Introduction):-


कोशिका में केंद्रक (Nucleus) होता है इस केन्द्रक में गुणसूत्र Choromosome पाये जाते हैं, जिनमें जीन होते हैं।

जीन आनुवंशिक सूचना के वाहक होते हैं। जीन स्वयं DNA का छोटा खण्ड है।

जीवाणुभोजी (Bacteriophage) 174 में 5386 न्यूक्लियोटाइड पाए जाते हैं।

जीवाणुभोजी लैब्डा में 48502 क्षार युग्म (base pair) जीवाणु इस्चेरिचया कोलाई में 4.6×106 क्षार युग्म व मनुष्य के अगुणित डीएनए में 3.3×109 क्षार युग्म होते है।


डीएनए की रासायनिक प्रकृति (The Chemical Nature of DNA)


डीएनए का पूरा नाम डिऑक्सीराइबोज न्यूक्लिक अम्ल (Deoxyribose Nucleic Acid) है। यह आनुवंशिक पदार्थ है। जो सभी जीवों की कोशिकाओं में पाया जाता है। प्रोकेरियोट में यह वृताकार (Circular) जबकि यूकेरियोट में यह रैखिक (Linear) होता है।

DNA एक बहुलक (Polymer) है। जो  पॉलीन्यूक्लियोटाइड की दो श्रृंखलाओं का बना होता है। पॉलीन्यूक्लियोटाइड श्रृंखलाएं न्यूक्लियोटाइड इकाइयों से मिलकर बनी होती है। प्रत्येक न्यूक्लियोटाइड की तीन उप इकाइयाँ होती है।

  1. पेण्टॉज शर्करा (5कार्बन शर्करा) (Pantose Sugar)

यह 5C युक्त कार्बोहायड्रेट है। इसे डिऑक्सीराइबोज शर्करा भी कहते हैं, क्योंकि राइबोज शर्करा के दूसरे कार्बन पर -OH (हाइड्रोक्सिल) की जगह पर केवल -H (हाइड्रोजन) पाया जाता है। इसको β-2′ डिऑक्सीराइबोज शर्करा भी कह सकते है।

डीएनए की संरचना, रासायनिक प्रकृति, भौतिक प्रकृति तथा प्रकार

  1. नाइट्रोजन क्षार (Nitrogen Base)

ये दो प्रकार के होते है-

A) प्यूरीन क्षार (Purine):-

ये नाइट्रोजन युक्त दो वलय से बनी होती है। जिनमें एक हेक्सा वलय जिसे पाइरिमिडीन वलय तथा दूसरी वलय पेण्टा वलय होती है। जिसे इमीडीजोल वलय कहते है।  ऐडेनीन (A) तथा ग्वानीन (G) प्यूरीन क्षार के अंतर्गत आते है।

Adenin

     Adeninडीएनए की संरचना, रासायनिक प्रकृति, भौतिक प्रकृति तथा प्रकार  Guanine

              

B) पाइरिमिडीन क्षार (Pyrimidine): –

इनमें केवल एक वलय हेक्सा वलय (पाइरिमिडीन वलय ) पायी जाती है।  इसमें  थाइमीन (T), साइटोसीन (C), तथा युरेसिल (U) सम्मिलित है।

पेण्टॉज शर्करा तथा नाइट्रोजन क्षार ग्लाइकोसिडिक बंध (glycosidic bond) द्वारा जुड़कर न्यूक्लियोसाइड का निर्माण करते हैं।

डीएनए की संरचना, रासायनिक प्रकृति, भौतिक प्रकृति तथा प्रकार

Cytosine

डीएनए की संरचना, रासायनिक प्रकृति, भौतिक प्रकृति तथा प्रकार                                                                                   Thymine

डीएनए की संरचना, रासायनिक प्रकृति, भौतिक प्रकृति तथा प्रकार

पेण्टॉज शर्करा + नाइट्रोजन क्षार = न्यूक्लियोसाइड

उदाहरण-

  • डिऑक्सीराइबोज शर्करा + एडिनिन = डिऑक्सीएडिनोसिन (DNA)
  • डिऑक्सीराइबोज शर्करा + ग्वानिन = डिऑक्सीग्वानोसिन (DNA)
  • डिऑक्सीराइबोज शर्करा + साईटोसिन = डिऑक्सीसाईटीडीन (DNA)
  • डिऑक्सीराइबोज शर्करा + थायमिन = डिऑक्सीथायमिडीन (DNA)

डीएनए की संरचना

 

Nitrogen Base + Pentose Sugar – Nucleoside
Ex. – Deoxyaenosine, Deoxyguanosine, Deoxycytidine, uridine, Deoxythymidine
RNA में ये अनुक्रम निम्न प्रकार होते है-

 

  • राइबोज शर्करा + एडिनिन = एडिनोसिन (DNA)
  • राइबोज शर्करा + ग्वानिन     = ग्वानोसिन (DNA)
  • राइबोज शर्करा + साईटोसिन   = साईटीडीन (DNA)
  • राइबोज शर्करा + युरेसिल   = युरीडीन (DNA)

 

 

 

 

 

              3. फॉस्फेट समूह (PO4 ) (Phosphate Group)-

यह  H3PO4 से प्राप्त होता है। न्यूक्लियोसाइड फॉस्फोरिक अम्ल से फॉस्फोएस्टर बंध से जुड़कर कर न्यूक्लिओटाइड बनते  है।

पेण्टॉज शर्करा + नाइट्रोजन क्षार + फॉस्फेट समूह = न्यूक्लिओटाइड

उदाहरण –

  • डिऑक्सीएडिनिलिक अम्ल or Deoxyadenylate
  • डिऑक्सीग्वानिलिक अम्ल or Deoxythymidylate
  • डिऑक्सीसाईटीडीलिक अम्ल or Deoxycytidylate
  • डिऑक्सीथायमिडीलिक अम्ल or Deoxyguanylate

Nitrogen Base + Pentose Sugar + Phosphate Group –Nucleotide
Ex. – Deoxyadenylate, Deoxyguanylate, Deoxycytidylate, Deoxythymidylate

 

 

पॉलीन्यूक्लियोटाइड (Polynucleotide): –

दो न्यूक्लियोटाइड आपस में 3’-5’ फॉस्फोडाईएस्टर बंध से जुड़कर डाईन्यूक्लियोटाइड का निर्माण करते है, और कई न्यूक्लियोटाइड आपस में फॉस्फोडाईएस्टर बंध द्वारा जुड़कर पॉलीन्यूक्लियोटाइड का निर्माण करते है। दो पॉलीन्यूक्लियोटाइड श्रृंखलाओं के प्युरिन तथा पाइरिमिडीन एक दूसरे से हाइड्रोजन बंध से जुड़कर कुंडलित होकर डीएनए बनाते है।

एडिनिन, थायमिन से दो हाइड्रोजन बंध के द्वारा तथा ग्वानिन, साईटोसिन से तीन हाइड्रोजन बंध के द्वारा जुड़ा होता है।

 

डीएनए की संरचना, रासायनिक प्रकृति, भौतिक प्रकृति तथा प्रकार


DNA की भौतिक संरचना (The Physical Structure of DNA)


DNA अणु त्रिविमीय होता है। और दो रज्जुक (Strain)) ओं से बना होता है। जो कि एक दूसरे के चारों ओर कुंडलित होते हैं। आल्टमान ने इनको न्यूक्लिक अम्ल नाम दिया फ्रैंकलिन और विल्किन्स ने DNA के X किरण विवर्तन के अध्ययन से यह दर्शाया है। कि DNA द्विकुंडिलत होता है। 1953 में जेम्स वाटसन व फैंसिस क्रिक को DNA की संरचना की खोज करने के लिये नोबेल पुरस्कार दिया गया। वाटसन और क्रिक मॉडल के अनुसार-

  1. DNA अणु दो कुंडलियों (DOUBLE HELIX ) से निर्मित हैं जिसमें DNA के दो रज्जुक (Strain) होते हैं। दोनों रज्जुक (Strain) प्रतिसमांतर रूप में रहते हैं जिसका आशय यह हुआ कि एक रज्जुक (Strain) में न्यूक्लियोटाइड का अनुक्रम 5’ से 3’ की दिशा में और दूसरे रज्जुक (Strain)) में 3’ से 5’ की दिशा में होता है। (3’ व 5’ का आशय उन कार्बन परमाणुओं से है। जिससे फॉस्फेट समूह जुड़े रहते हैं।)
  2. कुण्डली का आधार शर्करा फॉस्फेट से निर्मित होता है। और नाइट्रोजन क्षार शर्करा से सहलग्न होते हैं।
  3. दोनों रज्जुकों (Strain) के क्षार हाइड्रोजन बंधों द्वारा जुड़े होते हैं।
  4. चारगाफ के नियमानुसार क्षार युग्मन अति विशिष्ट होता है। एक एडेनीन (ADENINE) प्यूरीन क्षार सदैव थाइमीन (THYMINE) – पिरिमिडीन क्षार के साथ युग्मित होता है। प्यूरीन क्षार ग्वानीन (GUANINE) – पिरिमिडीन क्षार, साइटोसीन (CYTOSINE) के साथ संयुक्त होता है। क्षार के ये युग्म पूरक क्षार (COMPLEMENTARY BASE) कहलाते हैं।
  5. A व T के बीच दो हाइड्रोजन बंध तथा G व C के बीच तीन हाइड्रोजन बंध होते हैं। एक DNA कुण्डली में एक पूरा कुण्डलीय घुमाव 3.4Nm (नैनोमीटर) या 34 Å के लम्बा होता है। इस पूरे घुमाव में 10 क्षार युग्म होते हैं। प्रत्येक क्षार युग्म परस्पर 0.34 nm (3.4Å) दूरी से पृथक्कृत होते हैं। दोहरे कुण्डलित DNA अणु का व्यास 2nm होता है। वाटसन व क्रिक मॉडल इस बात की भलीभाँति व्याख्या करता है। कि किस प्रकार अणु DNA के दो रज्जुक (Strain), प्रतिकृति (REPLICATION) व अनुलेखन (TRANSCRIPTION) के दौरान पृथक होकर पुनः कुंडलित हो सकते हैं।डीएनए की संरचना, रासायनिक प्रकृति, भौतिक प्रकृति तथा प्रकार

डीएनए के प्रकार (Type of DNA) –


जीवों में मुख्यतः तीन प्रकार के DNA पाये जाते है –

A-DNA –

इस प्रकार के DNA का कुंडलित रज्जुक छोटा, चौड़ा, तथा एक गहरे बड़े व छोटे उथले खांच युक्त होता है। इसमें दोनों खांचो की गहराई समान होती है। A-DNA वामावर्त कुंडलित होता है। इसमें प्रत्येक कुंडलन में 10.9 / 11 क्षार युग्म पाये जाते है। तथा क्षार, कुंडलन की मुख्य अक्ष से 13० दूरी पर होते है।

B-DNA –

इस प्रकार के DNA का कुंडलित रज्जुक पतला व लम्बा होता है। इसमें एक खांच गहरी तथा दूसरी उथली होती है। B-DNA वामावर्त कुंडलित होता है। इसमें प्रत्येक कुंडलन में 10.9 / 11 क्षार युग्म पाये जाते है। तथा क्षार, कुंडलन की मुख्य अक्ष से 2० दूरी पर होते है।

Z-DNA –

इस प्रकार के DNA का कुंडलित रज्जुक पतला, लम्बा, तथा एक गहरी खांच युक्त होता है। Z-DNA  दक्षिणावर्त कुंडलित होता है। इसमें प्रत्येक कुंडलन में 12 क्षार युग्म पाये जाते है। यह टेढ़ा-मेढ़ा दिखाई देने के कारण इसे Z-DNA कहते है।

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डीएनए की संरचना


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डीएनए की संरचना


Reference and Source :-

NCERT Books

BSER Books

Princhipal of biochemistry- Lehninger


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2 Comments
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