डीएनए फिंगरप्रिंटिंग

DNA Fingerprinting in Hindi

डीएनए फिंगरप्रिंटिंग की खोज एलेक जेफ़्रिज ने 1985  में  की थी।  इसके द्वारा मानव के डीएनए की पहचान की जाती है।   मानव के जीनोम में 99. 9% डीएनए समान होता है, केवल 0. 1 % डीएनए अलग-अलग होता है।  इसी विभिन्नता को डीएनए बहूरूपता  या डीएनए पॉलीमोरफ़िज्म (DNA Polymorphism) कहा जाता है।  मानव के डीएनए में पाई जाने वाली यह विभिन्नता विभिन्न प्रकार के अनुक्रम के कारण आती है।  जिन्हें पुनरावृति अनुक्रम (Repetitive Sequence) कहते हैं।  यह अनुक्रम बार-बार दोहराए जाते हैं, इसलिए इनको पुनरावृति अनुक्रम कहते हैं।

 

डीएनए फिंगर प्रिंटिंग का सिद्धांत (Principle of DNA Fingerprinting)

डीएनए फिंगर प्रिंटिंग के सिद्धांत के बारे में अधिक जानने से पहले हमें डीएनए के बारे में थोड़ा संक्षेप में जाना होगा। डीएनए में दो प्रकार के अनुक्रम पाए जाते हैं।

कुछ अनुक्रम ऐसे होते हैं, जो प्रोटीन के कूटलेखन (Coding of protein) में भाग लेते हैं। जिनको एक्सॉन (Exon) कहा जाता है। तथा कुछ अनुक्रम ऐसे होते हैं. जो डीएनए प्रोटीन के कूटलेखन में भाग नहीं लेते। इनको इन्ट्रोन (Intron) कहा जाता है।

डीएनए का अधिकतर भाग इंट्रोन से ही बना होता है। इंट्रोन पर पुनरावृति अनुक्रम (Repetitive Sequence) पाए जाते हैं। जो डीएनए की पहचान करने का आधार होते हैं।

डीएनए फिंगर प्रिंटिंग के लिए चार प्रकार के डीएनए अनुक्रम काम में लिए जाते हैं। जिनको डीएनए मार्कर कहते हैं। जो निम्नलिखित है-

प्रतिबंधन खण्ड लम्बाई बहुरूपता / रिस्ट्रिक्शन फ्रेगमेंट लेंथ पॉलीमोरफ़िज्म Restriction Fragment Length Polymorphism (RFLP)

डीएनए को रिस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लीऐज एंजाइम के द्वारा छोटे-छोटे खंडों में बाँटा जाता है।  डीएनए में पाई जाने वाली विभिनता के कारण रिस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लीऐज एंजाइम के द्वारा अलग-अलग आकार और अलग-अलग संख्या में डीएनए को काटा जाता है जिसके आधार पर इनकी पहचान की जाती है।

source Biotechnology U. staynaranan

उदाहरण हमारे पास दो व्यक्तियों के डीएनए डीएनए1 तथा डीएनए2 है। इनको जब प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लीऐज एंजाइम R1 R2 तथा R3 के द्वारा काटा जाता है। डीएनए1 में केवल R1 तथा R2 से काटने के लिए पहचान स्थल होंगे डीएनए2 में R1 तथा R2 से काटने के लिए पहचान स्थल होते हैं। तो इनमें अलग-अलग लंबाई के अलग-अलग संख्या में डीएनए के छोटे प्राप्त होते हैं। जिनके आधार पर इनकी पहचान की जा सकती है।

अनुषंग (Satellite)

जब सिजियम क्लोराइड के विलियन में डीएनए के घनत्व प्रवणता अपकेंद्रण अथार्त डेंसिटी ग्रेडियंट सेंट्रीफ्यूजीएशन किया जाता है। तो डीएनए के दो बैंड प्राप्त होते हैं। एक मुख्य बड़ा बैंड होता है। तथा एक छोटा बैंड होता है। जो छोटा बैंड होता है उसे सेटेलाइट कहा जाता है।

इस सेटेलाइट में पुनरावृति डीएनए (Repetitive DNA) उपस्थित होता है। यह सैटेलाइट को दो भागों में विभक्त किया जा सकता है-

  1. मिनी सैटेलाइट
  2. माइक्रोसैटलाइट

 

मिनी सैटेलाइट

इसको वेरिएबल नंबर टैंडेम रिपीट / Variable Number Tandem Repeats (VNTR) भी कहते हैं।

 

DNA Fingerprinting in Hindi डीएनए फिंगरप्रिंटिंग

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डीएनए में कुछ विशिष्ट अनुक्रम बार-बार पुनरावृति होते हैं। इनकी की पुनरावृति की संख्या अलग-अलग व्यक्तियों के डीएनए में अलग-अलग प्रकार से हो सकती है। जिन्हें वेरिएबल नंबर ऑफ टैंडेम रिपीट कहा जाता है। इसका उपयोग डीएनए फिंगरप्रिंटिंग में किया जाता है। इसे मिनी सेटेलाइट (Mini satellites) भी कहा जाता है।

 

माइक्रोसैटलाइट

इनको Simple Tandem Repeats (STR) भी कहते हैं।

कुछ डाइन्यूक्लियोटाइड अथवा ट्राइन्यूक्लियोटाइड की 10-30 बार पुनरावृत्ति होती है। इन की पुनरावृति की संख्या अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग प्रकार से हो सकती है। इनका उपयोग भी डीएनए फिंगर प्रिंटिंग में किया जा सकता है। इनको माइक्रोसैटलाइट भी कहा जाता है।

एकल न्यूक्लियोटाइड बहुरूपता (Single Nucleotide Polymorphism)

डीएनए में एकल न्यूक्लियोटाइड की भी विभिन्नता पाई जाती है। जैसे कि किसी व्यक्ति के डीएनए में गुआनीन बार-बार दोहराए जा रहे हैं तो किसी अन्य व्यक्ति के डीएनए में साइटोसिन से बार-बार दोहराए जाते हैं। इनका उपयोग भी डीएनए की पहचान करने तथा डीएनए फिंगर प्रिंटिंग में किया जाता है।

उपरोक्त सभी चार प्रकारों को डीएनए मार्कर कहा जाता है क्योंकि इनका उपयोग डीएनए की पहचान करने में होता है।

 

डीएनए फिंगरप्रिंटिंग की क्रियाविधि (Mechanism of DNA Fingerprinting)

  1. किसी कोशिका से डीएनए का विलगन (Isolation of DNA) किया जाता है।
  2. विलगित  डीएनए को रिस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लीऐज  द्वारा छोटे-छोटे खंडों (Fragmentation of DNA) में बाँटा जाता है।
  3. डीएनए के खण्डों  इलेक्ट्रोफॉरेसिस द्वारा पृथक  किया जाता है।
  4. पृथक किए हुए डीएनए खंडों को ब्लोटिंग प्रक्रिया द्वारा नाइट्रोसैलूलोज की झिल्ली पर स्थानांतरित किया जाता है। जहां पर डीएनए प्रोब को जोड़कर ऑटोरेडियोग्राफी द्वारा इसकी पहचान की जाती है।

डीएनए फिंगर प्रिंटिंग का उपयोग (Uses of DNA Fingerprinting)

  1. इनका उपयोग आपराधिक मामलों में किया जाता है।
  2. इसका उपयोग पैतृकता संबंधी मामलों में माता-पिता की पहचान करने में किया जाता है।
  3. यह विभिन्न जातियों के मध्य आपसी संबंध ज्ञात करने में उपयोग में लिया जाता है।
  4. इसके द्वारा डीएनए की पहचान की जा सकती है।

 

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