राजस्थान में शिक्षा

राजस्थान में शिक्षा (Education in Rajasthan)

शिक्षा

शिक्षा की मूल परिभाषा सीखना है। शिक्षा शब्द संस्कृत शिक्ष धातु से लिया हुआ है। शिक्षा एक ऐसा धन है। जिसे आपसे कोई नहीं छीन सकता और यह ऐसी चीज जो आपको आगे बढ़ने में हमेशा आपकी मदद करती रहेगी।

आपसे कोई भी कुछ भी ले सकता है। लेकिन आपके पास जो यह धन है। वह हमेशा बांटने से ज्यादा बंटता है।

 

आइये आज आपको राजस्थान के शिक्षा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं –

शिक्षा के प्रकार

राजस्थान में शिक्षा को तीन प्रकार से बांटा गया है। जो इस प्रकार से है।

औपचारिक शिक्षा (Formal Education)

राजस्थान में औपचारिक शिक्षा को ज्यादा महत्व दिया जाता है। यह शिक्षा विद्यालय , महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालयो के माध्यम से ग्रहण की जाती है।  इस शिक्षा के अंदर पाठ्यक्रम पहले से ही निर्धारित किया हुआ होता है।

इस शिक्षा को कोई भी व्यक्ति ग्रहण कर सकता है। इसके अंदर समय सारणी के आधार पर ही शिक्षा ग्रहण की जाती है। ये मनुष्य को जीवन जीने योग्य बनाने की पहली शुरुवात होती है। औपचारिक शिक्षा के द्वारा समाज की सभी आवश्यकताओ को पूरा किया जा सकता है। आज के युग में इसे ग्रहण करने के लिए अधिक व्यय करना पड़ता है।

निरौपचारिक शिक्षा (Non-Formal Education)

इस शिक्षा का मुख्य उद्देश्य यह है। की जो भी व्यक्ति औपचारिक शिक्षा को ग्रहण नहीं कर सकते उन्हें निरौपचारिक शिक्षा दी जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य सामान्य शिक्षा को बढ़ावा देना है।

यह शिक्षा काफी लचीली होती है।  ये मजबूर लोगो के लिए बनाई गई शिक्षा है। जिसे किसी भी समय में ग्रहण किया जा सकता है। इस शिक्षा के विभिन्न रूप होते है। जैसे प्रौढ़ शिक्षा , खुली शिक्षा तथा दूरस्थ शिक्षा

अनौपचारिक शिक्षा (Informal Education)

बिना किसी उद्देश्य, पाठ्यचर्या, योजना और शिक्षण विधियाँ के जो शिक्षा प्राप्त होती है। उसे अनौपचारिक शिक्षा कहते हैं। यह वह शिक्षा है। जो हमें है। हमारे संस्कारों के रूप में जो ज़िंदगी जीने के लिए बेहद जरुरी होती है।

हालाँकि संस्कारों के अलावा दुनिया में आगे बढ़ने के लिए औपचारिक और निरौपचारिक शिक्षा को ग्रहण करना भी बेहद आवश्यक है।, पर इन दोनों ही शिक्षा को प्राप्त करने के लिए एक अच्छे व्यक्तित्त्व की जरुरत होती है। जो किसी को भी बचपन से ही अपने घर पर अनौपचारिक शिक्षा के रूप में मिलती है।

राजस्थान में शिक्षा से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां

राजस्थान में शिक्षा का स्तर काफी अच्छा है। और यंहा लड़के व् लडकियां दोनों में ही शिक्षा को लेकर काफी रूचि देखि गयी है। राज्य की शिक्षा से जुडी कई ऐसी जानकारियां है। जिनके बारे में हमें अभी तक पता भी नहीं है। आइए ऐसी ही कुछ विशेष जानकारियों के बारें में आपको बताते है।

  • जयपुर में सवाई मान सिंह द्वारा उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए मेडिकल कॉलेज 1846-47 में बनवाया गया था।
  • 1875 में इंग्लिश की पढाई में आगे पढ़ने वाले छात्रों के लिए लार्ड मेयो ने मेयो कॉलेज की स्थापना की थी।
  • 1943 में जयपुर की महारानी गायत्री देवी ने लड़कियों के लिए विशेष कॉलेज की शुरुआत की थी जो आज भी जयपुर में एक उच्च कोटि के शिक्षा संसथान के नाम से जाना जाता है।
  • 13 मार्च 1946 में लार्ड वेबेल ने एसएमएस मडिकल कॉलेज की शुरुआत की थी जो आज राजस्थान के सबसे बड़े अस्पतालों की  गिना जाता है।
  • आज़ादी की साल मतलब 1947 में राजपुताना विश्वयविद्यालय जो राजस्थान यूनिवर्सिटी के नाम से भी जाना जाता है। की शुरुआत हुई थी।
  • राजस्थान में वर्तमान में केवल एक ही केन्द्रीय विश्वविद्यालय कार्यरत है।
  • 26 अप्रैल 2011 को कपिल सिब्बल तथा अशोक गहलोत ने अजमेर में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी।
  • राजस्थान में आधुनिक शिक्षा का वास्तविक जनक मार्कस हरे हो कहते है।
  • 1951 में राजस्थान के साक्षरता रेट 8.50 % थी जिसमें पुरुषों की 13.88% की महिलाओं की साक्षरता रेट 2.66% थी।
  • वर्तमानं समय के रिकार्ड्स अनुसार राजस्थान में पुरुषों का साक्षरता में 26वां वंही महिलाओं का 35वां स्थान हैं।
  • 1958 में राजस्थान में संस्कृत भाषा को सबके बीच प्रचलित करने और भाषा को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत निदेशालय की स्थापना की गयी थी।
  • राजस्थान के बीकानेर जिले में 1950 में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की स्थापना की गयी थी। लेकिन 1997 में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के विभाजन के कारण अलग अलग शिक्षा निदेशालय की स्थापना हुई।

राजस्थान के प्रचलित शिक्षण संस्थान

राज्य राजस्थान में अनेक शैक्षणिक संस्थान हैं जो न केवल राजस्थान में बल्कि पुरे  मशहूर है। राजस्थान का जयपुर, उदयपुर, जोधपुर व अजमेर विश्वविद्यालय में कई छात्र व् छात्राएं अपना भविष्य बनाते है। वंही कोटा की ओपन यूनिवर्सिटी में काफी छात्र अपना रजिस्ट्रेशन करवाते है।  पिलानी में बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एण्ड साइन्स और सीकर के लष्मणगढ़ की मोदी इंस्टिट्यूट तो पुरे विश्व में जानी मानी शैक्षणिक संस्थान  की सूचि में आती है।  राजस्थान के अनेक राजकीय अस्पताल, दवाख़ाने, आयुर्वेदिक, यूनानी एवं होमियोपैथी संस्थान हैं जो हर तरह से राज्य में कल्याण कार्यों पर भारी व्यय करती है।।

राजस्थान के कुछ प्रमुख शिक्षण संस्थान निम्न प्रकार है-

  • जयपुर की राजस्थान यूनिवर्सिटी 8 जनवरी 1947 को हुई थी तब इसका नाम राजपुताना यूनिवर्सिटी था।
  • राजस्थान के प्रमुख आयुर्वेदिक कॉलेज सरदारशहर, सीकर, उदयपुर, सादुलपुर और में स्थित हैं।
  • उदयपुर का मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी 1962 में बनी थी।
  • जोधपुर में जयनारायण यूनिवर्सिटी की स्थापना भी 1962 में हुई थी।
  • 1987 में कोटा ओपन यूनिवर्सिटी खोली गयी थी जो आज लोगों के बिच काफी प्रचलीत है।
  • महर्षि दयानन्द यूनिवर्सिटी जो एमडीयू के नाम से काफी प्रचलित है। वो अजमेर में 1987 में  स्थापित की गयी थी।
  • बीकानेर में राज्य का वेटेरनरी एंड एनिमल हस्बंडारय कॉलेज स्थित है।
  • टोंक की वनस्थली विद्यापीठ को 1986 में यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया था।
  • जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय का कार्यक्षेत्र केवल शहर की सीमा में ही सीमित है।

राजस्थान के कुछ प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज

राजस्थान के कुछ प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज निम्न है-

  1. मालवीय रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज, जयपुर
  2. इंजीनियरिंग कॉलेज, बीकानेर
  3. इंजीनियरिंग कॉलेज, अजमेर
  4. एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज, उदयपुर
  5. इंजीनियरिंग कॉलेज, कोटा
  6. एमबीए इंजीनियरिंग कॉलेज, उदयपुर
  7. एमबीए इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर
  8. बिरला इंजीनियरिंग कॉलेज, पिलानी

राजस्थान के प्रमुख मेडिकल कॉलेज

राजस्थान के मेडिकल कॉलेज निम्न है-

  1. एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर
  2. सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज, बीकानेर
  3. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अजमेर
  4. रविंद्रनाथ टैगोर मेडिकल कॉलेज, उदयपुर
  5. सपूर्णनन्द मेडिकल कॉलेज, जोधपुर

राजस्थान लॉ कॉलेज

राष्ट्रिय लॉ यूनिवर्सिटी जोधपुर

राजस्थान के एग्रीकल्चर कॉलेज

राजस्थान के प्रमुख कृषि संस्थान इस प्रकार है-

  1. श्री कर्ण नरेंद्र कृषि यूनिवर्सिटी, जोबनेर
  2. दयानन्द कृषि कॉलेज, अजमेर।
  3. इसके अलावा उदयपुर व् संगरिया में भी कृषि संस्थान है।

राजस्थान के पशु चिकित्सा प्रशिक्षण कॉलेज

कॉलेज ऑफ़ वेटरनरी एंड एनिमल हसबेंडरी (बीकानेर)

राजस्थान के प्रमुख शिक्षण-प्रशिक्षण

  1. रेजिनल कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, अजमेर
  2. विद्या भवन शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, उदयपुर
  3. निम्बार्क शिक्षा महाविद्यालय, उदयपुर
  4. जवाहरलाल नेहरू शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, कोटा
  5. वनस्थली विद्यापीठ, वनस्थली, टोंक
  6. उच्च शिक्षा अध्ययन केंद्र, अजमेर

 राजस्थान के मिलिट्री स्कूल 

भारत में कुल पांच मिलिट्री स्कुल है जिनमें से दो राजस्थान में है, जो अजमेर तथा धौलपुर में है।

खेल विद्यालय 

बीकानेर में शार्दुल खेल विद्यालय स्थित है।

लोक शिक्षा विभाग

राजस्थान में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इसकी स्थापना सन 1844 में की गयी थी।

 

लोक जुम्बिश कार्यक्रम

प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने तथा सुधार करने के लिए, 1992 में लोक जुम्बिश कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। जिसमें स्वीडन का सहयोग प्राप्त है।

राजस्थान में शिक्षा सम्बन्धी आंकड़े (Education related statistics in Rajasthan)

2011 की जनगणना के अनुसार –

  1. राजस्थान की कुल साक्षरता दर 66.11% थी।
  2. पुरुषों की साक्षरता दर 80.51% थी।
  3. महिला साक्षरता दर 52.66% थी।
  4. कोटा की साक्षरता दर सबसे अधिक थी।
  5. झुंझुनू की पुरुष साक्षरता दर सबसे अधिक थी।
  6. जालौर की साक्षरता दर सबसे कम थी।
  7. जालौर की महिला साक्षरता दर सबसे कम थी।
  8.  प्रतापगढ़ की पुरुष साक्षरता दर सबसे कम थी।

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