राजस्थान के ऊर्जा संसाधन

राजस्थान के ऊर्जा संसाधन (Energy Resources of Rajathan)

ऊर्जा संसाधन का एक परिचय 

विकसित भारत के लिए ऊर्जा का होना बहुत ही महत्वपूर्ण है इससे हर तरीके से उद्योग कारखाना सिंचाई नव निर्माण स्मार्ट सिटी आदि के लिए बहुत ही आवश्यक है भारत के हर राज्य की ओर से नित नए-नए ऊर्जा के आयाम स्थापित किए जा रहे हैं ऊर्जा के आयामों के तहत भारतीय संविधान की समवर्ती सूची में विद्युत को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।

राजस्थान के अंदर किसी भी उधोग के लिए ऊर्जा को एक विकास का आधार माना जाता है । राजस्थान के अंदर विधुत सप्लाई के लिए एक एजेंसी नियुक्त की गयी थी जिसके द्वारा सम्पूर्ण राजस्थान में बिजली पहुंचाई जाती थी लेकिन कुछ समय बाद बिधुत बोर्ड को अधिक मजबूत करने के लिए आरएसइबी को अलग अलग ५ कंपनियों में पुनर्गठित किया गया है जो निम्न प्रकार से है :-

1- राजस्थान बिधुत उत्पादन निगम लिमिटेड

2- राजस्थान बिधुत प्रसारण  निगम लिमिटेड

3- जयपुर बिधुत वितरण निगम लिमिटेड

4- अजमेर बिधुत वितरण निगम लिमिटेड

5- जोधपुर बिधुत वितरण निगम लिमिटेड

राजस्थान में ऊर्जा संसाधन

राजस्थान राजस्थान की निर्माण के बाद यहां 15 छोटे-छोटे विद्युत गृह हुआ करते थे जिनकी क्षमता मात्र 13 पॉइंट 27 मेगावाट थी। 11वीं व 12वीं पंचवर्षीय योजनाओं का मुख्य लक्ष्य राजस्थान में ऊर्जा को बढ़ावा देना था इसके लिए कहीं नीतिगत निर्माण भी किए गए धीरे धीरे राजस्थान ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बढ़ता गया और 2012 में राजस्थान ने 5000 5 करोड़ यूनिट ऊर्जा की उपलब्धि प्राप्त की थी निरंतर बढ़ते बढ़ते आज ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान ने 43.6% की वृद्धि कर ली है।राजस्थान में ऊर्जा विभाग एक महत्वपूर्ण विभागों में से एक है। इस विभाग में 1 जुलाई 1957 को राजस्थान राज्य विद्युत बोर्ड का गठन किया गया। गठन के बाद ही पूरे राज्य में ऊर्जा विभाग की ओर से कई बिजली परियोजनाएं शुरू की गई।  इन परियोजनाओं के अंकेक्षण व इनको मजबूत करने के लिए सन 2000 में पांच अलग-अलग कंपनियों के तहत पुनर्गठित किया गया।

जयपुर में ही दो कम्पनियों का गठन किया गया। जो निम्न प्रकार से हैं

  1. राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड जयपुर
  2. राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड जयपुर

 

वहीं दूसरी ओर 12 जिलों में विद्युत वितरण के लिए जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, जयपुर

  1. 11 जिलों के लिए अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (AVVNL), अजमेर
  2. 10 जिलों के लिए जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL), जोधपुर

सुपर क्रिटिकल पावर स्टेशन

राज्य  राजस्थान में इनके साथ ही दो सुपर क्रिटिकल पावर स्टेशन का भी निर्माण भी प्रस्तावित हैं।पहला सूरतगढ़ एलएंडटी कंपनी की ओर से व वहीं दूसरा छाबड़ा BHEL कम्पनी ने निर्माण शुरू किया है जो कि अभी तक चल रहा हैं।

राजस्थान के ऊर्जा संसाधन

राजस्थान में दो सुपर पावर क्रिटिकल स्टेशन बनाने की परियोजना बना रखी है जो बांसवाड़ा में और दूसरा झालावाड़ की कालीसिंध में है राजस्थान में पारंपरिक ऊर्जा के स्रोतों के लिए कई संसाधन बनाए हैं।

राजस्थान के थर्मल पावर संसाधन

इस संसाधन का प्रयोग थर्मल पावर प्लांट के कोयल के ईंधन मैं किया जाता है। वैसे आपको जानकारी के लिए बता दे राज्य में कोयले की गुणवत्ता व मात्र बहुत ही अत्यधिक खराब है इसमें कार्बन का प्रतिशत महज 30 से 35 के आस पास ही रहता है जो उच्च सल्फर सामग्री वाली तृतीयक युग का लिग्नाइट कोयला में पाया जाता है। इस लिग्नाइट कोयले से उपयुक्त बिजली नहीं बनाई सकती। इस कारण राजस्थान को बिजली उत्पादन के लिए बाहर से कोयले का आयात करना पड़ता है।

ऊर्जा संसाधनों के विकास के लिए देश में निम्न कदम भी उठाए गए हैं

हर 14 दिसंबर को ऊर्जा संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाना निश्चित है

भारत का प्रथम जल विद्युत गृह 1897 में दार्जिलिंग में शुरू किया गया था।

1920 में कर्नाटक के कावेरी नदी के शिव समुद्र पर एक नया विद्युत गृह स्थापित किया गया था।

स्वतंत्रता के बाद 1948 में भारत में विद्युत आपूर्ति अधिनियम 1948 को लागू किया गया था।

राजस्थान में ऊर्जा के क्षेत्र में हुए प्रमुख कार्य

सन 1975 में राष्ट्रीय जल विद्युत ऊर्जा निगम की स्थापना की गई थी। इसी के अंतर्गत राजस्थान ऊर्जा विकास अभिकरण 21 जनवरी 1985 को बनाया गया था। वर्ष 2002 में राज्य ऊर्जा विकास अभिकरण का विलय राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम में कर दिया गया था। इस विलय का प्रमुख कारण गरीब तबके के लोगों तक बिजली पहुंचाना था। वहीं कुटीर राजस्थान में कुटी ज्योति योजना भी प्रारंभ की गई थी।

ऊर्जा के संसाधनों का कई वर्गों में वर्गीकरण भी किया गया है।  ऊर्जा के संसाधनों में सौर ऊर्जा व पवन ऊर्जा महत्वपूर्ण है।

राजस्थान में सौर ऊर्जा

राजस्थान में सौर ऊर्जा के लिए 19 अप्रैल 2011 में एक सौर नीति की घोषणा की गई थी इसके लिए (एमएनआरआई) नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय की ओर से सौर ऊर्जा के लिए 142 गीगावॉट बिजली की उत्पादन की मात्रा रखी गई थी। 2019 तक राजस्थान में सौर ऊर्जा से 3074 मेगावाट का एक सौर ऊर्जा संयंत्र चालू किया गया हैं।

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान को कई उपलब्धियां प्राप्त है। देश में शोर नीति की घोषणा करने वाला राजस्थान पहला प्रदेश है।

राजस्थान में पहला सौर ऊर्जा फ्रिज जोधपुर के बालेसर में स्थापित किया गया था।

राजस्थान में पवन ऊर्जा

पवन ऊर्जा के लिए राजस्थान सरकार ने 2012 पवन ऊर्जा के लिए नीतिगत घोषणा की थी। राजस्थान में पवन ऊर्जा से बिजली कैसे बनाई जाती है इसका प्रमुख कारण देश को राजस्थान ने ही बताया था। राजस्थान में पवन ऊर्जा के लिए 4310.50 मेगावाट का सयंत्र स्थापित किया गया हैं।

इन्हें भी पढ़े

  1. राजस्थान में मृदा संसाधन (Soil Resources in Rajasthan)
  2. राजस्थान की प्रमुख सिंचाई परियोजनाएँ (Major irrigation projects of Rajasthan)
  3. राजस्थान में शिक्षा (Education in rajasthan)
  4. राजस्थान में पशु सम्पदाएँ (Animal Estates in Rajasthan)
  5. राजस्थान में कृषि (Agriculture in Rajasthan)
  6. राजस्थान में पर्यटन उद्योग (Tourism Industry in Rajasthan)

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