
कोशिका झिल्ली (Cell Membrane in Hindi)
सामान्य परिचय
कोशिका झिल्ली एक चयनात्मक अर्ध पारगम्य सजीव झिल्ली है जो प्रत्येक जीवीत कोशिका के जीव द्रव्य(प्रोटोप्लाज्म) को घेर कर रखती है। कोशिका झिल्ली का निर्माण तीन परतों से मिलकर होता है, इसमें से बाहरी एवं भीतरी परतें प्रोटीन द्वारा तथा मध्य वाली परत का निर्माण फोस्फॉलिपिड द्वारा होता है। कोशिका झिल्ली कोशिका के आकार को बनाए रखती है एवं जीव द्रव्य की सुरक्षा करती है। अन्तर कोशिकीय विसरण एवं परासरण की क्रिया को नियंत्रित करने के साथ-साथ यह विभिन्न रचनाओं के निर्माण में भी सहायता करती है।
back to menu ↑कोशिका झिल्ली की झिल्ली लिपिड की सममिती
कोशिका झिल्ली में कई फॉस्फोलिपिड पाए जाते हैं। जिसकी सममिती निम्न प्रकार की होती है-
फॉस्फेटिडाइलसेरिन (PS)
यह फिजियोलॉजिक पीएच पर शुद्ध नकारात्मक चार्ज, लगभग प्लाज्मा झिल्ली की आंतरिक सतह पर उपस्थित, यह साइटोप्लाज्मिक(cytoplasmic), लिम्फोसाइटों की बाहरी सतह पर पीएस की उपस्थिति मैक्रोफेज द्वारा विनाश के लिए कोशिका को चिह्नित करता है। प्लेटलेट की बाहरी सतह पर इसकी उपस्थिति रक्त जमावट का संकेत होती है।
फॉस्फेटिडाइल कोलिन (PC)
यह दोनों सतह पर उपस्थित, फिजियोलॉजिक पीएच पर उदासीन, विशेषतया बाहरी सतह पर उपस्थित, एक्सोप्लाज्मिक(Exoplasmic)।
फॉस्फेटिडाइल इथेनोलेमाइन (PE)
फिजियोलॉजिक पीएच पर , दोनों सतह पर उपस्थित, लेकिन सतह पर अधिक। झिल्ली उभार और संलयन में उपयोगी।
फॉस्फेटिडिलिनोसिटोल (PI) –
फिजियोलॉजिक पीएच पर शुद्ध नकारात्मक चार्ज लगभग साइटोप्लाज्मिक(Cytoplasmic)
स्पिंगोमाइलीन(sphingomyelin)(SM)-
ज्यादातर बाहरी सतह पर उपस्थित ह, एक्सोप्लाज्मिक।
कोलेस्ट्रॉल (CL)-
बाहरी या आंतरिक सतह पर समान।
कोशिका झिल्ली के कार्य
कोशिकाझिल्ली विभिन्न पदार्थों के कोशिका के अन्दर से बाहर और बाहर से अन्दर आने जाने पर नियंत्रण रखती है | इसलिए कोशिका झिल्ली को चयनात्मक अर्ध पारगम्य झिल्ली (Selective Permeable Membrane) कहते हैं |
इसके कार्य निम्न हैं –
(क) एंडोसाइटोसिस (Endocytosis)
कोशिकाझिल्ली के सहारे कोशिका द्वारा पदार्थों का अंतर्ग्रहण (Ingestion) एंडोसाइटोसिस कहलाता है | यह दो प्रकार का होता है-
पिनोसाइटोसिस (Pinocytosis)
तरल पदार्थ के अंतर्ग्रहण को पिनोसाइटोसिस कहते हैं।
फेगोसाइटोसिस (Phagocytosis)
ठोस पदार्थ के अंतर्ग्रहण को फेगोसाइटोसिस कहते हैं।
back to menu ↑(ख) परासरण (Osmosis)
उच्च जलीय सांद्रता (Concentration) वाले भाग से निम्न जलीय सांद्रता वाले भाग की ओर जल का आंशिक रूप से अर्ध पारगम्य (Semi-Permeable) झिल्ली के सहारे प्रवाह परासरण कहलाता है |
back to menu ↑(ग) विसरण (Diffusion)
अधिक सघन (Condense) पदार्थ से कम सघन पदार्थ की ओर प्रवाह विसरण कहलाता है| यह प्रवाह तब तक होता रहता है जब तक दोनों पदार्थों की सघनता समान न हो जाये| विसरण की दर गैसीय पदार्थों में द्रव व तरल पदार्थों की तुलना में अधिक होती है |
back to menu ↑(ड) एक्सोसाइटोसिस (Exocytosis)
इस प्रक्रिया में पुटिका (Vesicle) झिल्ली कोशिका झिल्ली से संलयित होकर अपने पदार्थों को कोशिका के बाहर आस-पास के माध्यम में निकाल देती है | इसे “कोशिका वमन (Cell Vomiting)” कहते हैं | इस प्रक्रिया के द्वारा कोशिका अपशिष्ट पदार्थों को कोशिका के बाहर निकाल देती है |
जीवद्रव्य की प्रकृति के बारे में निम्न मत दिये गये-
कुपिका सिद्धांत (ALVEOLAR THEORY):
यह बुचली(BUTCHLLI द्वारा सुझाई गई थी। उनके अनुसार, जीवद्रव्य एक पायस है जिसमें कई निलंबित बूंदें या एल्वियोली या कुपिका होते हैं, जो हर जगह फैले रहते हैं।
कणिकामय या दानेदार सिद्धांत(GRANULAR THEORY):
इस सिद्धांत को ऑल्टमान द्वारा दिया गया था। इसके अनुसार, जीवद्रव्य में कई छोटे कण होते हैं, जैसा कि अमीबा में दिखाया गया है। ऑल्टन ने उन्हें ‘प्राथमिक जीव’, या बायोप्लास्ट (या cytoplasts) के रूप में पहचाना।
जालिका सिद्धांत(RECTICULAR THEORY):
इसके अनुसार जीवद्रव्य में तंतु के सघन जालक होते हैं।
तंतुमय सिद्धांत(FIBRILLAR THEORY):
इसको फ्लेमिंग ने दिया था उनके अनुसार, जीवद्रव्य में मैट्रिक्स (पीठिका) के भीतर धंसे तंतु शामिल हैं।
कोलाइडी सिद्धांत(COLLOIDAL THEORY):
जीवद्रव्य एक जटिल कोलाइडी तंत्र है इसकी कोलाइडी संरचना फ़िशर और हार्डी द्वारा सुझाई गई थी। इसमें अधिकांश मात्रा में जल शामिल है जिसमें जैविक महत्व के विभिन्न विलायकों जैसे ग्लूकोज, वसा अम्ल, एमिनो अम्ल, खनिज, विटामिन, हार्मोन और एंजाइम्स पाये जाते हैं।
जीवद्रव्य में जल परिक्षेपण प्रावस्था तथा कोलाइडी कण परिक्षेपित प्रावस्था का निरूपण करते हैं।
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प्राथमिक भित्ति बनी होती है
कोशिका भित्ति में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है
कोशिका भित्ति में वृद्धि होती है
मध्य पटलिका बनी होती है
सरल गर्त पाए जाते है
दो आसन्न पादप कोशिकाओं को आपस में जोड़ने का कार्य करते है
टोरस पाया जाता है
गर्त पाए जाते है
कवकों की कोशिका भित्ति बनी होती है
सेल्लुलोज के एक अणु का निर्माण होता है
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Mitochondria ki khoj kisne ki thi
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