अनुलेखन की क्रियाविधी

Hello Biology Lovers, आज के हमारे ब्लॉग का शीर्षक है- अनुलेखन (Transcription in Hindi)



अनुलेखन (Transcription)



प्रोटीन के निर्माण के लिए डीएनए पर विशिष्ट अनुक्रम (Specific Sequence) पाए जाते हैं। प्रोटीन के निर्माण के लिए आरएनए की आवश्यकता होती है।

अतः DNA को टेम्पलेट (Templet) के रूप में उपयोग करके आरएनए का निर्माण किया जाता है, इस प्रक्रिया को अनुलेखन (Transcription) कहते हैं।

DNA से आनुवंशिक सुचनाओ का RNA में स्थानान्तरण अनुलेखन (Transcription) कहलाता है।

आइए अनुलेखन (Transcription) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त करते हैं। अ

नुलेखन (Transcription) की प्रक्रिया कोशिका के केंद्रक में होती है। यह प्रक्रिया कोशिका चक्र के G1 तथा G2 अवस्था में होती हैं।



अनुलेखन इकाई (Transcriptional Unit):-



DNA का वह खंड (Fragment)  जिसके अनुलेखन (Transcription) से केवल एक  आरएनए का निर्माण होता है। अनुलेखन इकाई (Transcriptional Unit) कहलाता  हैं।

अनुलेखन इकाई (Transcriptional Unit)  के तीन भाग होते हैं –

  1. प्रारंभन स्थल
  2. समापक स्थल
  3. संरचनात्मक जीन

प्रारंभन स्थल (Initation Site):-


DNA का वह क्षेत्र जहां से अनुलेखन (Transcription) की प्रक्रिया प्रारंभ होती है उसे प्रारंभन स्थल कहते हैं।

प्रारंभन स्थल के पहले प्रमोटर स्थल (Promotor)  होता है। प्रमोटर स्थल को उन्नायक भी कहा जाता है। इस स्थल में 20 से 200 न्यूक्लियोटाइड पाए जाते हैं।

सजीवों में दो प्रकार के प्रमोटर स्थल होते है-

TTGACA:-

प्रथम TTGACA स्थल होता है। इस स्थल से आरएनए पोलीमरेज़ एंजाइम का सिग्मा कारक ( σ Factor) जुड़ता है। इसमें 35 न्यूक्लियोटाइड पाए जाते हैं। इसको पहचान स्थल (Recognition Sequence) भी कह सकते है।

Pribnow Box:-

दूसरा Pribnow बॉक्स होता है। जिसमें TATAAT अनुक्रम होते हैं। इसी स्थान से आरएनए पोलीमरेज़ एंजाइम जुड़ता है। इसमें 10 न्यूक्लियोटाइड पाए जाते हैं। इसे TATA BOX तथा Hogness Box भी कहते है।


समापक स्थल (Terminator Site):-


समापक वह स्थल होता है, जहां अनुलेखन (Transcription) की प्रक्रिया समाप्त हो जाती है। यह टेम्पलेट रज्जुक के 3’ सिरे की ओर होता है।


संरचनात्मक जीन (Structural Gene):-


प्रारंभिक स्थल तथा समापक स्थल के बीच संरचनात्मक जीन होती है। इसमें RNA coding sequence होते है। इस संरचनात्मक जीन के 5’- 3’ रज्जुक को नॉन-टेम्पलेट (Templet) रज्जुक रज्जुक तथा 3’- 5’ रज्जुक को टेम्पलेट (Templet) रज्जुक कहते हैं।

टेम्पलेट (Templet) रज्जुक के अनुक्रम का उपयोग करके उसके पूरक अनुक्रम (Complementary Sequence) वाला आरएनए बनता है। टेम्पलेट (Templet) रज्जूक को नॉन कोडिंग रज्जुक भी कहते हैं, तथा नॉन-टेम्पलेट (Templet) रज्जुक को कोडिंग रज्जुक भी कहते है।



अनुलेखन की क्रियाविधी (Mechanism of Transcription):-



प्रारम्भन (Initiation):

जीन में प्रमोटर स्थल (promoter) ( अनुलेखन के लिए शुरुआती बिंदु) टेम्पलेट रज्जुक के 5’ सिरे की ओर पाया जाता है।

DNA के प्रमोटर स्थल की पहचान करके सिग्मा कारक ( σ Factor) उस से जुड़ जाता है और आरएनए पोलीमरेज़ एंजाइम DNA से जुड़कर उसकी कुंडलियों के नाइट्रोजन क्षार के मध्य पाए जाने वाले हाइड्रोजन बंध को तोड़ने का कार्य करता है।

DNA का 3’-‘5’’ रज्जुक (strain) Template कि तरह काम करता है एवं 5’-‘3’’ दिशा में RNA का सश्लेषण होता हैं।

 

दीर्घीकरण(Elongation):

जब दोनों रज्जुक (strain)  अलग हो जाते हैं। तो आरएनए पोलीमरेज़ DNA के प्रतिअर्थ रज्जुक(Non coding/ template रज्जुक) का उपयोग करके NTP (nucleoside triphosphate) ( इनको राइबोन्यूक्लियोटाइड ट्राई फास्फेट भी कहते है) जोडकर एक पूरक आरएनए रज्जुक (strain)  का  संश्लेषण करता है।

राइबोन्यूक्लियोटाइड ट्राई फॉस्फेट निम्न प्रकार के होते है –

  1. यूरिडीनट्राईफॉस्फेट (UTP)
  2. ग्वानोसिनट्राईफॉस्फेट (GTP)
  3. साइटोसिनट्राईफॉस्फेट (CTP)
  4. एडिनिनट्राईफॉस्फेट (ATP)

आरएनए पोलीमरेज़ राइबोन्यूक्लियोटाइड ट्राई फॉस्फेट का उपयोग करके उनको मोनो फॉस्फेट के रूप में जोड़ता है।

आरएनए पोलीमरेज़ DNA पोलीमरेज़ की तरह भी केवल 5’-3’ दिशा में कार्य करता है अतः यह 5’-3’ दिशा में ही RNA का संश्लेषण कर सकता है।

केवल टेम्पलेट (Templet) रज्जुक जो कि 3’-5’ दिशा में होता है पर ही नए आरएनए का संश्लेषण होता है।

समापन (Termination):

आरएनए पोलीमरेज़ जब जीन के समापन क्षेत्र (terminator)तक पहुंचता है। तो समापन कारक Rho factor DNA के रज्जुक से जुडता है तथा DNA, RNA व RNA Polymerase को पृथक कर देता है। इस प्रकार एक नए आरएनए का निर्माण होता है।

E.coli में समापन की प्रक्रिया Rho factor की अनुपस्थिति में होती है जिसे Rho Independent Termination भी कहते है।

(Transcription in Hindi)

Transcription in Hindi 

 



आरएनए पोलीमरेज़ की संरचना:-



RNA पोलीमरेज़ में  कुल 5’ पॉलीपेप्टाइड  इकाइयां होती है।  जिनमें दो  α, एक β, एक β’ तथा  एक सिग्मा कारक ( σ Factor)  होता है।

RNAपोलीमरेज़ की चार पॉलीपेप्टाइड  इकाइयां से मिलकर मिलकर कोड  एंजाइम (Core Enzyme)  का निर्माण करती है।

इस एंजाइम के साथ सिग्मा कारक ( σ Factor) के जुड़ने से होलोएंजाइम (Holoenzyme) बनता है।



आरएनए पोलीमरेज़ के प्रकार:-



RNA पोलीमरेज़ तीन प्रकार का होता है-

आरएनए पोलीमरेज़-I

यह केन्द्रिक में पाया जाता है, इसके द्वारा rRNA का निर्माण होता है

आरएनएपोलीमरेज़- II

यह केंद्रक में पाया जाता है इसके द्वारा mRNA का निर्माण होता है

आरएनए पोलीमरेज़- III

यह tRNA का निर्माण करता है

इसको आप RMT से याद कर सकते हो जहां यानी R- rRNA, M-mRNA, T-tRNA जो एक क्रम में है।

Transcription in Hindi

पश्च अनुलेखन रूपान्तरण (Post-Transcription Modification)


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1 Comment
  1. One mistake in this description

    Transcription me terminator end jo hota h wo template nhi coding strand ka 3′ end hota h

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