टीकाकरण तथा टीके के प्रकार
टीकाकरण तथा टीके के प्रकार (Vaccination and Types of Vaccine in Hindi)
टीकाकरण (Vaccination)
टीकाकरण में किसी रोगजनक (Pathogen) को निष्क्रिय करके अथवा उसके किसी भाग को शरीर में प्रवेश करवा कर उस रोगजनक (Pathogen) के विरुद्ध प्रतिरक्षा (Immunity) उत्पन्न की जाती है।
जब किसी निष्क्रिय रोगजनक (Pathogen) अथवा उसके किसी भाग को शरीर में प्रवेश करवाया जाता है, तो शरीर में स्मृति कोशिकाओं (Memory Cells) का निर्माण हो जाता है। यह स्मृति कोशिकाएं उस रोगजनक (Pathogen) से दोबारा संक्रमण (Infection) होने पर अत्यधिक संख्या में वृद्धि करके उस रोगजनक (Pathogen) के विरुद्ध प्रतिरक्षी (Antibody) का निर्माण करती है। जो रोगजनक (Pathogen) को नष्ट करवाकर हमारे शरीर की सुरक्षा करते हैं।
सर्वप्रथम एडवर्ड जेनर (Edward Jenner) ने काऊ पॉक्स (Cow Pox) यानी चेचक के विरुद्ध टीके का आविष्कार किया। उनको टीकाकरण का जनक (Father of Vaccination) तथा प्रतिरक्षा विज्ञान का जनक (Father of Immunology) कहा जाता है।
आइए अब हम अध्ययन करते हैं, कि टीके कितने प्रकार के होते हैं।
टीके के प्रकार (Types of Vaccine)
टीके को मुख्यतः तीन भागों में विभक्त किया जाता है परन्तु वर्तमान में पांच प्रकार के टिके प्रचलित है-
- जीवित दुर्बलित टीके (Live Attenuated Vaccine)
- निष्क्रिय जीव टीके या मरे हुए जीवो के टीके (Killed Vaccine)
- आविष टीके (Toxoid Vaccine)
- संयुग्मी टीके (Conjugated Vaccine)
- अभियांत्रिकी टीके (Engineered Vaccine)
जीवित दुर्बलित टीके (Live Attenuated Vaccine)
किसी रोगजनक (Pathogen) जैसे वायरस या जीवाणु को उत्तक संवर्धन (Culture Medium) अथवा जंतुओं के भ्रुण में कई पीढ़ियों तक संवर्धित करवाया जाता है, जिसके कारण वह रोगजनक (Pathogen) केवल उसी संवर्धन माध्यम में वृद्धि कर सकता है।
यह मानव में वृद्धि नहीं कर पाता। इसे मानव में प्रवेश करवा देते हैं, तो मानव में स्मृति कोशिकाओं (Memory Cells) का निर्माण हो जाता है। यह कोशिकाएं उस रोगजनक (Pathogen) से हमारी सुरक्षा करते हैं। जैसे खसरा, मम्प्स, रोटावायरस, ओरल पोलियो वैक्सीन आदि
निष्क्रिय जीव टीके या मरे हुए जीवो के टीके (Killed Vaccine)
इस प्रकार के टीकाकरण में रोगजनक (Pathogen) को तापमान, रसायन, पराबैंगनी किरणों आदि के द्वारा निष्क्रिय कर दिया जाता है। और उसे शरीर में प्रवेश करवाया जाता है।
यह निष्क्रिय होने के कारण शरीर में वृद्धि नहीं कर पाते परंतु इनके विरूद्ध शरीर में स्मृति कोशिकाएं (Memory Cells) बन जाती है। जो सक्रिय या जीवित रोगजनक (Pathogen) से प्रतिरक्षा प्रदान करती है। जैसे टाइफाइड, हैजा, रेबीज, पोलियो इंजेक्शन आदि
आविष टीके (Toxoid Vaccine)
कुछ जीवाणु शरीर में प्रवेश करके हानिकारक रसायनों का निर्माण करते हैं जिनको आविष या टॉक्सिक पदार्थ (Toxic Substances) कहते हैं। जैसे क्लॉस्ट्रीडियम की टिटेनोस्पोस्मिन नामक न्यूरोटोक्सीन का स्राव करता है। अतः इन रोगजनक (Pathogen) के विरुद्ध टीकाकरण के लिए उस आविष या टॉक्सिन को हानिरहित बनाकर शरीर में प्रवेश करवा दिया जाता है।
जिसके विरोध शरीर में स्मृति कोशिकाएं (Memory Cells) बन जाती है जो प्रतिरक्षा प्रदान करती है।
टीके के अन्य प्रकार
संयुग्मी टीके (Conjugated Vaccine)
इस प्रकार के टीके में अलग-अलग रोगजनकों के आवरण को एक-एक साथ मिलाकर शरीर में प्रवेश करवा कर उनके विरुद्ध प्रतिरक्षा प्रदान की जाती है। इसलिए किया जाता है कि यदि कोई रोगजनक (Pathogen) के विरुद्ध प्रतिरक्षा तंत्र दुर्बल प्रतिक्रिया दर्शाता है तो उसको प्रबल प्रतिक्रिया दर्शाने वाले रोगजनक (Pathogen) के साथ जोड़कर शरीर में प्रवेश करवाया जाता है जैसे निमोनिया तथा मैनिंजाइटिस का टीका
इकाई टीके (Unit Vaccine)
इसमें किसी रोगजनक (Pathogen) के केवल एक हिस्से को शरीर में प्रवेश करवा कर उनके विरुद्ध प्रत्यक्षा प्रदान की जाती है। जैसे परट्यूसिस वैक्सीन तथा इनफ्लुएंजा वैक्सीन
अभियांत्रिकी टीके (Engineered Vaccine)
पुनर्योजन तकनीक (रिकांबिनेन्ट टेक्नोलॉजी) के द्वारा किसी रोगजनक (Pathogen) के एंटीजन को यीस्ट या जीवाणु में प्रवेश करवा कर उनके विरुद्ध टीके का निर्माण किया जाता है।
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- टीकाकरण का जनक कौन है?
- टिके कितने प्रकार के होते है?
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