ब्रायोफाइट (Bryophyte) पादपो का सामान्य परिचय एवं जीवन चक्र

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ब्रायोफाइट , ब्रायोफाइटा, Bryophyta in Hindi

  ब्रायोफाइट सामूहिक शब्द है जो Mosses,Hornworts और Liverwort के लिए उपयोग किया जाता हैं।

  1. ब्रायोफाइट का अध्ययन ब्रायोलॉजी कहलाता हैं।
  2. ब्रायोफाइट्स शब्द का उपयोग Braun द्वारा दिया गया ।
  3. ब्रायोफाइट्स शब्द  Bryon – Moss तथा Phyton- Plant से बना हैं।
  • ब्रायोफाइट में आसान और सबसे आदिम स्थलीय पादप शामिल हैं। इनमें सत्य संवहनी प्रणाली की कमी होती हैं। इसलिए गैर-संवहनी पादप कहलाता हैं।
  1. यह स्थलीय पादप है लेकिन निषेचन के लिए जल की आवश्यकता होती हैं। यह पादप जगत का उभयचर कहलाता हैं।
  2. ये नम तथा छायादार आवास में पाया जाता हैं।
  3. इनमें पीढी एकान्तरण (Alternation of generation) पाया जाता हैं।

ब्रायोफाइटा की संरचना / प्लांटबॉडी

1. ब्रायोफाइट  का पादर शरीर शैवाल की तुलना में अधिक विभेदित है। यह thallus होती है और rhizoids ( जड़ की तरह संरचना) द्वारा आधार से जुड़ा रहता है।
2. इसमें सत्य जड़ तना व पत्तियों की कमी होती है इनमें जड़ जैसी पत्ती जैसी या तना जैसी सरचना होती हैं
3. ब्रायोफाइट का मुख्य प्लांट बॉडी अगुिणत हेल्पोइड है।जो युग्मक पैदा करता है, इसलिए इसे युग्मकोदभिद (Gametphyte) कहा जाता है।

ब्रायोफाइटा के लैंगिक अंग

A. ब्रायोफाइट्स में लैंगिक अंग बहुकोशिकीय होते है नर लैगिक अंग को एन्थेरिडियम कहा जाता है
B. ये biflagellate antherozoids का उत्पादन करते हैं।
C.आर्केगोनियम नामक लैंगिक अंग फ्लास्क के आकार का होता है और एक अंडे का उत्पादन करता है।

निषेचन और विकास

A.एंथेरोजोइड पानी में छोड़ दिया जाता है जहां वे आर्केओनियम के संपर्क में आते हैं।
B.एंथेरोज़ाइडअंडे के साथ जुड़कर युग्मनज बनाता हैं। युग्मनज विभाजित होतर एक बहुकोशिकीय शरीर का उत्पादन करते हैं जिसे स्पोरोफाइट कहा जाता है।
C. बिजाणुदभिद (Sporophyte) मुक्तजीवी नहीं होता यह प्रकाश संश्लेषी गेमेटोफाईट से जुड़ा हुआ है और इसे पोषण प्राप्त है (स्पोरोफाइट परजीवी या गेमेटोफाइट पर निर्भर है)
D. स्पोरोफाइट के कुछ कोशिकाओं में अर्धसूत्रीविभाजन के द्वारा बीजाणु उत्पन्न होते है। ये बीजाणु गमेटोफाइट उत्पादन करते हैं।

ब्रायोफाइट का आर्थिक महत्व

1. कुछ स्तनधारियों, पक्षियों और अन्य जानवरों के लिए भोजन प्रदान करते हैं।
2. स्फेग्नम की प्रजाति पिट प्रदान करती हैं जो लंबे समय से ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है
3. स्फेग्नम में पानी धारण करने की उनकी क्षमता के कारण जीवित सामग्री के परिवहन के लिए पैकिंग सामग्री के रूप में इनका उपयोग किया जाता हैं।
4.लाईकेन मूल-अनवेषक होते है पारिस्थितिक अनुक्रमण में इनका महत्व हैं। ये उच्च श्रेणी पादपो के विकास के लिए चट्टानों को विघटित करके उगने उपयुक्त बनाते हैं।
5.ये मृदा अपरदन को रोकते है और मिट्टी की कटाव को कम करते हैं।

 

ब्रायोफाइट के प्रकार

ब्रायोफाइट्स को लिवरवर्ट मोस तथा होर्नवर्ट में बाटाँ गया है

लिवरवर्ट (Liverworts)  (हेपेटिकाेप्सिडा)

लिवरवर्ट का पादप काय थैलस प्रकार का होता है। थैलस पृष्टाधार प्रकार का होता है और आधार से चिपका रहता है। ​छोटे पति जैसी उपांग दो पंक्तियों में तने-जैसी संरचना पर पाई जाती हैं।

अलैंगिक प्रजनन– थैलस के विखंडन के द्वारा या जैमी नामक विशेष संरचनाओं के द्वारा इनमें अलैंगिक जनन होता हैं। Gemmae हरे, बहुकोशिकीय, अलैंगिक कली हैं, जो छोटे पात्रो में विकसित होतीहैं जिन्हें जैमा कप कहते हैं। ये अपने जनक के शरीर से अलग हो जाते हैं और अंकुरित होकर नए पादप का निर्माण करती हैं।

लैंगिक प्रजनन – स्पोरोफाइट पाद सिटा और कैप्सूल में विभेदित होता है अर्धसूत्रीविभाजन के बाद, कैप्सूल के भीतर बिजाणु का उत्पादन होता है ये बिजाणु मुक्तजीवी युग्मकोदभिद बनाते हैं।

उदाहरण- मार्कन्शिया

ब्रायोफाइट , ब्रायोफाइटा, Bryophyta in Hindi

मोस  (Moss)    (ब्रायोप्सिडा)

मोस के जीवन चक्र का प्रमुख चरण युग्मकोदभिद होता है जिसमें दो चरणों होते हैं।
पहला चरण प्रोटोनैमा चरण है, जो एक बीजाणु से सीधे विकसित होता है यह एक रेंगने वाला, हरा, शाखित और तन्तुमय चरण है।
दूसरा चरण पत्तेदार चरण है, जो पार्श्व कलीयाँ के रूप में प्रोटोनैमा से विकसित होता हैं। ये बहुकोशिकीय एवं शाखित मूलाभास Rhizoids के माध्यम से मिट्टी से जुड़ी हैं। इस चरण में लैंगिक अंग होते हैं।

कायिक जनन – प्रोटोनैमा में विखंडन से और मुकूलन से लैंगिक जनन लैंगिक अंगों एथेरिडिया और आर्चीगोनिया के द्वारा जो पत्तेदार प्ररोह के शीर्ष पर उत्पादित होते हैं।

निषेचन-इसके लिए जल की आवश्यकता होती हैं।

पश्च निषेचन – युग्मनज एक स्पोरोफाइट में विकसित होता है, जिसमें एक पाद, सिटा और कैप्सूल होता है।

उदा।, फ्युनेरिया, पॉलीट्रिकम और स्फेग्नम

 

हॉर्नवर्ट्स (Hornworts)   (एन्थोसिरोटोप्सिडा)

हॉर्नवर्ट्स में अनियमित पालियो या शाखाएं युक्त थैलली होता है, जिनमें से ऊतक को अंगों में विभेदिकरण नहीं होता है। थैलस के नीचे कि ओर खाँचो में सायनोबैक्टीरिया होते हैं।

हॉर्नवॉर्ट की केवल एक प्रजाति आइसलैंड, कैरोलिना फिएकेरॉस (फिएओकेरस कैरोलिनियंस) में मिली है। इसका वितरण भूतापीय क्षेत्रों तक ही सीमित है।

उदाहरण एन्थोसिरोस फियोसिरोस डन्डरोसिरोस मेगासिरोसर

Keywords –

  1. ब्रायोफाइटा के दो प्रमुख लक्षण
  2. ब्रायोफाइटा के सामान्य लक्षण एवं वर्गीकरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
  3. मार्केन्शिया का जीवन चक्र Hindi
  4. ब्रायोफाइटा नोट्स
  5. ब्रायोफाइटा में कायिक जनन
  6. हिंदी में ब्रायोफाइट्स में sporophyte के विकास
  7. ब्रायोफाइटा का आर्थिक महत्व

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2 Comments
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  1. Nice but brayopahyta ke mukhya lakshan bhut kam hai

  2. Yes or bhi algae bryophyta fungi licen. Ka PDF file send kare email pe
    Good explaine he

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