संकर पूर्वज संकरण, बाह्य संकरण, परीक्षण संकरण

संकर पूर्वज संकरण, बाह्य संकरण एवं परीक्षण संकरण (Back Cross, Out Cross & Test Cross)

संकर पूर्वज संकरण (Back cross)

प्रथम पीढ़ी में प्राप्त पादपों (F1 संकर) का संकरण दोनों जनकों (अर्थात् समयुग्मकी प्रभावी / homozygous dominant एवं समयुग्मकी अप्रभावी / homozygous recessive) में से किसी एक के साथ संकरण करवाना संकर पूर्वज संकरण (Back cross) कहलाता है।

इस प्रकार के संकरण में , दो सम्भावनाएँ हो सकती है-

  1. F1 संकर (Tt) का समयुग्मकी प्रभावी (TT) के साथ संकरण
  2. F1 संकर (Tt) का समयुग्मजी अप्रभावी (tt) के साथ संकरण

 

उपरोक्त दोनों संकरण सम्मिलित रूप से संकर पूर्वज संकरण कहलाते है।

यह दो प्रकार का होता है –

  1. बाह्य संकरण (Out Cross)
  2. परीक्षण संकरण (Test Cross)

 

बाह्य संकरण (Out Cross)

यदि F1 पीढ़ी में प्राप्त पादपों का संकरण प्रभावी जनक (Dominant Parents)  के साथ किया जाता है, तो यह बाह्य संकरण (Out Cross) कहलाता है।

बाह्य संकरण फीनोटाइप अनुपात सभी समान प्राप्त होते हैं और जीनोटाइप अनुपात 1:1 प्राप्त होता है।

बाह्य संकरण (द्विसंकर संकरण के लिए) फीनोटाइप अनुपात सभी समान तथा जीनोटाइप अनुपात 1:1:1:1 प्राप्त होता है।

 

परीक्षण संकरण (Test Cross)

F1 पीढ़ी में प्राप्त संकर पादपों का संकरण का इसके समयुग्मकी अप्रभावी जनक / homozygous recessive (tt) के मध्य करवाया जाता है। परीक्षण संकरण (Test Cross) कहलाता है।

यह संकरण दिये गये प्रभावी F1 लक्षण प्ररूप समयुग्मकी (Homozygous) है, या विषमयुग्मकी (Heterozygous) इसे ज्ञात करने में सहायता करता है।

 

Dihybrid Cross in Hindi

 

 

F1 लम्बे पादप (Tt) एवं इसके समयुग्मकी अप्रभावी जनक / homozygous recessive parent (tt) के मध्य एकल संकर (Monohybrid) परीक्षण संकरण से 50% विषमयुग्मकी लम्बे / Heterozygous Tall (Tt) एवं 50% समयुग्मकी अप्रभावी / Homozygous recessive (tt) पादप उत्पन्न होगे। अर्थात् लक्षण प्रारूप एवं जीनप्रारूप (Phenotype & Genotype) दोनों के लिए 1:1 अनुपात प्राप्त होता है।

 

यदि दो गुणों के साथ परीक्षण संकरण अर्थात् द्विसंकर परीक्षण संकरण (Dihybrid test cross) करवाते हैं, तो 1:1:1:1 के अनुपात में 4 प्रकार के पादप प्राप्त होते हैं।

 

Back cross in Hindi

लक्षण प्रारूप (Phenotype) द्विसंकर संकरण की F2 पीढ़ी में पाये जाने वाले अनुपात के समान ही प्राप्त होता है।

इस प्रकार F1 पीले एवं गोल बीजों वाले पादप (YyRr) एवं इसके समयुग्मकी अप्रभावी जनक हरे एवं झुर्रीदार (yyrr) के मध्य एक द्विसंकर जमेज संकरण से निम्न संयोजन प्राप्त होंगे-

  1. 1 पीला, गोल (YyRr) जनक संयोजन (Parental type) — 25%
  2. 1 पीला झुर्रीदार (Yyrr) पुनःसंयोजन (Recombination) — 25%
  3. 1 हरा, गोल (yyRr) पुनःसंयोजन (Recombination) — 25%
  4. 1 हरा, झुर्रीदार (yyrr) जनक संयोजन Parental type — 25%

यदि यह अनुपात प्राप्त होता है, तो यह निश्चित हो जाता है, कि प्रभावी लक्षणप्रारूप युक्त F1 संकरण विषमयुग्मकी (Heterozygous) होता है।

जनक संयोजन /Parental type (50%) पुर्नसंयोजन (Recombination) की आवृत्ति (50%) के बराबर होते हैं।

Note – समयुग्मकी समयुग्मजी विषमयुग्मकी विषमयुग्मजी भी कहते है।

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बाहरी कड़ियां

 

ऑनलाइन लेक्चर वीडियो

 

Back Cross in Hindi, Out Crossin Hindi, Test Cross in Hindi

 

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