कोशिका भित्ति (Cell Wall) एवं कोशिका झिल्ली (Cell Membrane)

पादप कोशिका भित्ति (Plant Cell wall)

परिचय (Introduction)

प्रोकैरियोटिक और पादप कोशिका दृढ़ कोशिका भित्ति से घिरे होते हैं। पेपर, वस्त्र,रेशे (कपास, सन, हेम्प), लकड़ी का कोयला, लकड़ी, और अन्य लकड़ी के उत्पादों कोशिका भित्ति से प्राप्त होते हैं।

 

कोशिका भित्ति की संरचना (Structure of Cell Wall)

कोशिका भित्ति तीन प्रकार की (मध्य पट्टिका, प्राथमिक भित्ति और द्वितीयक भित्ति) होती हैं। कुछ पादपो के लिए तृतीयक कोशिका की भित्ति को भी परिभाषित किया जाता है।

1. मध्य पट्टिका (Middle Lamella):

  • यह फ्रैगमोप्लास्ट से कोशिका विभाजन के दौरान बनने वाली पहली परत है यह कोशिका की सबसे बाहरी परत होती हैं।
  • यह दो आसन्न कोशिकाओं के मध्य होती हैं।
  • यह कैल्शियम तथा मेगनीसियम पेक्टिन और प्रोटीन से बनी होती हैं।

2. प्राथमिक भित्ति (Primary Wall):

  • यह पेक्टिन, सेल्युलोज, हेमिसेल्यूलोज और प्रोटीन से बनी होती हैं।
  • यह मध्य लामेला के बाद बनती हैं।
  • सभी वनस्पति कोशिकाओं में एक मध्य पट्टिका और प्राथमिक भित्ति होती हैं।

3.द्वितीयक भित्ति (Secondary Wall):

  • कोशिका की वृद्धि बंद होने के बाद यह बनती है।
  • यह अत्यंत कठोर होती है।
  • यह सेल्युलोज, हेमिसेल्यूलोज और लिग्निन से बनी होती है। इनका निर्माण लिग्निन का जमाव होने से होता है।

4. तृतीयक भित्ति (Tertiary Wall):

  • यह कोशिका भित्ति की सबसे आन्तरिक परत हैं। यह केवल कुछ जिम्नोस्पर्म पादपों के जायलम की वाहिका में पाई जाती है। यह जाइलान नामक कार्बोहाइड्रेट की बनी होती है।

कोशिका भित्ति की परासरंचना (Ultra Structure of Cell Wall)

कोशिकाभित्ति में फ़ाइब्रिल (तंतु या रेशक) और मैट्रिक्स शामिल हैं

(1) तंतु/रेशक (Fibril)-

  • लगभग 3000 ग्लूकोज अणुओं से एक सेल्यूलोज अणु बनता हैं।
  • 100 सेलूलोज़ अणु एक मिसेल बनाते हैं।
  • 20 मिसेल एक सूक्ष्म फाइब्रिल बनाते हैं।
  • 250 माइक्रो-फाइब्रिल 250 Ǻ व्यास के सेलूलोज़ का मैक्रो-फाइब्रिल बनाते हैं।
  • रेशक प्राथमिक भित्ति में धुरी के उर्ध्व और द्वितीयक भित्ति में समानांतर पाये जाते है।

(2) मैट्रिक्स (Matrix)-

  • यह Cell Wall  का आधारी भाग हैं।
  • इसमें हेमिसेल्यूलोज, पेक्टिन, ग्लाइकोप्रोटीन, लिपिड और पानी होते हैं।
  • यह रेशक के रिक्त स्थान के बीच पायी जाती हैं।

कोशिका भित्ति का कार्य (Functions of Cell Wall)

  1. कोशिका आकार को बनाए रखना और आकार का निर्धारिण करना।
  2. पानी के दबाव के कारण कोशिका झिल्ली टूटना से रोकता है (स्फीती दाब)।
  3. कोशिका को यांत्रिक सहारा प्रदान करना।
  4. कोशिका भित्ति में जैव रासायनिक गतिविधि कोशिका व कोशिका के मध्य संचार में योगदान करती हैं।
  5. कीड़े और रोगजनकों से यांत्रिक सुरक्षा प्रदान करता।

 

 

प्लाज्मा झिल्ली लिपिड असमिति (Assymetry of Plasma Membrane)

फॉस्फेटिडाइलसेरिन (PS)

फिजियोलॉजिक पीएच पर शुद्ध नकारात्मक चार्ज, लगभग प्लाज्मा झिल्ली की आंतरिक सतह पर उपस्थित, साइटोप्लाज्मिक(cytoplasmic), लिम्फोसाइटों की बाहरी सतह पर पीएस की उपस्थिति मैक्रोफेज द्वारा विनाश के लिए कोशिका को चिह्नित करता है। प्लेटलेट की बाहरी सतह पर इसकी उपस्थिति रक्त जमावट का संकेत होती है।
फॉस्फेटिडाइलकोलिन (PC)

दोनों सतह पर उपस्थित, फिजियोलॉजिक पीएच पर उदासीन, विशेषतया बाहरी सतह पर उपस्थित, एक्सोप्लाज्मिक(Exoplasmic)।
फॉस्फेटिडाइलइथेनोलेमाइन (PE) 

फिजियोलॉजिक पीएच पर , दोनों सतह पर उपस्थित, लेकिन सतह पर अधिक। झिल्ली उभार और संलयन में उपयोगी।
स्फाटाइडिलिनोजिटोल (PI)

फिजियोलॉजिक पीएच पर शुद्ध नकारात्मक चार्ज लगभग साइटोप्लाज्मिक(Cytoplasmic)।
स्पिंगोमाइलीन(sphingomyelin)(SM) 

ज्यादातर बाहरी सतह पर उपस्थित ह, एक्सोप्लाज्मिक।
कोलेस्ट्रॉल (CL)

बाहरी या आंतरिक सतह पर समान

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Hamid Ali