
सीकर से सम्बंधित जनरल नॉलेज (General Knowledge about Sikar)
सीकर शेखावाटी क्षेत्र का एक जिला है। जिसकी स्थापना दौलत सिंह ने वीरभान के बास नामक स्थान पर की इसका वर्तमान स्वरूप राजा शिव सिंह के द्वारा दिया गया। इसको शेखावाटी का हृदय कहा जाता है।
सीकर जिले के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल
फतेहपुर दुर्ग
यह सीकर जिले के फतेहपुर तहसील में स्थित है। इसका निर्माण फतेह खां कायमखानी के द्वारा 1453 ईस्वी में करवाया गया।
कायमखानी को ददेरवा के चौहान व गोगा जी के वंशज माने जाते हैं।
फतेहपुर तहसील हवेलियों पर भित्ति चित्र के लिए प्रसिद्ध है।
लक्ष्मणगढ़ दुर्ग
यह सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ तहसील में स्थित है। इसका निर्माण रावराजा लक्ष्मण सिंह के द्वारा 1805 में बेड नामक पहाड़ी पर करवाया गया। वर्तमान में यह निजी हाथों में है।
शाकंभरी
इसका निर्माण चौहान राजा दुर्लभराज के भतीजे व शिवहरि के पुत्र सिद्धराज ने करवाया था। यह सीकर से 60 किलोमीटर दूर स्थित है। इसमें शाकंभरी तथा काली माता की प्रतिमाएं स्थित है।
सीकर से सम्बंधित जनरल नॉलेज (General Knowledge about Sikar)
सीकर जिले के प्रमुख ऐतिहासिक मंदिर
जीण माता का मंदिर
सीकर जिले के रेवासा गांव में तीन पहाड़ियों के मध्य जीण माता का मंदिर स्थित है। यहां पर चैत्र व अश्विन मास के नवरात्रि में विशाल मेला लगता है।
हर्ष महादेव का मंदिर
इसका निर्माण 1973 ईस्वी में विग्रहराज जित्व के द्वारा किया गया यह सीकर से लगभग 14 किलोमीटर दूर हर्ष की पहाड़ियों पर स्थित है इसमें ब्रह्मा व विष्णु को शिवलिंग का आदि और अंत बताया गया है
खाटू श्याम जी का मंदिर
सीकर जिले के दातारामगढ़ तहसील में खाटू गांव में कृष्ण जी का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। इसकी स्थापना अजमेर के राजा अजीत सिंह के पुत्र अभय सिंह के द्वारा की गई। यहां फाल्गुन व कार्तिक माह में विशाल मेला लगता है।
सप्त गौमाता मंदिर
यह रेवासा गांव में रेवासा धाम में स्थित है। यह भारत का चौथा तथा राजस्थान का पहला गौ माता मंदिर है। इसमें काले पत्थर की आकर्षक मूर्ति स्थित है।
सीकर जिले के प्रमुख स्थल
फतेहपुर
यहां पर जाजोबा कृषि फार्म स्थित है। सीकर जिले के फतेहपुर तहसील में राज्य का प्रथम कृषि विज्ञान केंद्र स्थित है।
शाह वली मोहम्मद चिश्ती की दरगाह
सीकर जिले के देवराला गांव में शाह वली मोहम्मद चिश्ती की दरगाह स्थित है।
पाटोदा
यह लुगड़ी के लिए प्रसिद्ध है।
रामगढ़
यह फतेहपुर तहसील के पास स्थित है यहां पर गोयंका हवेली खेमका हवेली तथा रुइया हवेली स्थित है।
यहां पर राठी की हवेली, चार चौक हवेली तथा केडिया हवेली पर्यटक स्थल है।
खंडेला
यह गोटा उद्योग के लिए प्रसिद्ध है।
कोछोर
यहां पर खारे पानी की झील स्थित है।
सरगोठ
जिले के इस गांव में जैविक आंवला निर्माण करने वाली ऑर्गेनिक फैक्ट्री स्थित है। जो राज्य का पहला फल उद्यान है।
बानी वाला री ढाणी
यहां पर तांबा अयस्क के भंडार स्थित है।
बलखेन
यह गांव भेड़ और बकरी पालन उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर देश का सबसे बड़ा बकरी पालन फार्म स्थित है।गणेश्वर
यहां पर हड़प्पा कालीन, पूर्व हड़प्पा कालीन तथा ताम्र युगीन अवशेष प्राप्त हुए हैं। यह सीकर जिले के नीम का थाना तहसील में कांतली नदी के उद्गम पर स्थित है। इसको ताम्र युगीन सभ्यताओं की जननी कहा जाता है। यहां पर उत्खनन का कार्य आर. सी. अग्रवाल तथा विजय कुमार द्वारा किया गया।
गुरारा
यहां पर चांदी के पंचमार्क सिक्के मिले हैं।
प्रीतमपुरी झील
यह सीकर जिले के नीम का थाना तहसील में श्रीमाधोपुर के कावट गांव से 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
रायपुर बाँध
सीकर जिले में स्थित बांध है।
अमृत नाथ आश्रम
फतेहपुर तहसील में नाथों का आश्रम स्थित है जिसको अमृत नाथ जी का आश्रम कहा जाता है।
रघुनाथगढ़
यह सीकर में स्थित उत्तरी अरावली की सबसे ऊंची चोटी है। इसकी ऊंचाई 1055 मीटर है।
अम्ब्रेला प्रोजेक्ट
सीकर जिले को फ्लोराइड मुक्त जल प्रदान करने के लिए यूनिसेफ की सहायता से यह प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है।
शेखावाटी विश्वविद्यालय
इसकी स्थापना हाल ही में 2012-13 में हुई है।
अन्य
चोकला भेड़
शेखावाटी की स्थानीय चोकला भेड़ ऊन के लिए प्रसिद्ध है इसको भारत का मेरिनो कहा जाता है।
डूँगरजी व जवाहर जी
गरीबों के लोक देवता कहते हैं। ये चाचा-भतीजा थे। इनके नाम क्रमशः बलजी तथा भूरजी था। ये कछवाहा वंश के थे। ये सीकर के पाटोदा गाँव के निवासी थे ये लूटपाट करके लूटे हुए धन को गरीबों में बांटते थे। इन्होंने आहुवा की सैनिक छावनी को भी लूटा था।
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बाहरी कड़ियाँ
https://sikar.rajasthan.gov.in/content/raj/sikar/en/home.html