झुंझुनू से सम्बंधित जनरल नॉलेज

झुंझुनू से सम्बंधित जनरल नॉलेज (General Knowledge About Jhunjhunu)

झुंझुनू राजधानी दिल्ली के पास सटा हुआ एक जिला है।इसको झुझा नामक जाट द्वारा बसाया गया। परंतु इनका वास्तविक संस्थापक राव शेखा को माना जाता है। ऐसा भी कहा जाता हा की कहा जाता है कि नवाब कायम खां के बेटे मुहम्मद खां ने झुंझुनूं में अपना राज्‍य बनाया।यह भित्ति चित्र वाली हवेली तथा उद्योगपतियों के लिए प्रसिद्ध है।

भारत में सर्वप्रथम बायोमैट्रिक योजना की शुरुआत झुंझुनू से ही हुई थी।

झुंझुनू के प्रसिद्ध स्थल

इस जिले में स्थित प्रसिद्ध स्थल निम्न प्रकार है-

लोहागर्ल

यह झुंझुनू से लगभग 60 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ी पर स्थित तीर्थ स्थल है। यहां पर सूर्य कुंड व मालकेतु मंदिर स्थित है। यहां की 24 कोसी परिक्रमा प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है, कि महाभारत के बाद में अपनी नर हत्याओं के पाप से मुक्ति पाने के लिए पांडवों ने यहां पर प्रस्तुत होकर प्रायश्चित किया था और महर्षि परशुराम ने भी अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए यहां पर वैष्णव यज्ञ किया था।

 

मंडावा

यह झुंझुनू से 25 किलोमीटर दूर पश्चिम की ओर स्थित है। यह पुरानी हवेली पर भित्ति चित्र के लिए प्रसिद्ध स्थल है। यहां पर 1756 ईसवी में ठाकुर नवल सिंह द्वारा दुर्ग बनाया गया।

नवलगढ़

यह झुंझुनू जिले की एक तहसील है। जिसको शेखावाटी की स्वर्ण नगरी कहा जाता है। यह विभिन्न प्रकार की हवेलियों जैसे पौदार की हवेली, भगोरिया की हवेली, पाटोदिया की हवेली, भक्तों की हवेली, चोखानी हवेली आदि के लिए प्रसिद्ध है।

पिलानी

यह झुंझुनू में स्थित है पिलानी में केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान (Central Electronics Engineering Research,) विद्या विहार व पंचवटी परिसर स्थित है।

बिडला म्यूजियम

झुंझुनू के पिलानी तहसील में बिडला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (Birla Institute of Technology and Science) स्थित है। जिसमें देश का प्रथम उद्योग एवं तकनीकी म्यूजियम बिरला म्यूजियम स्थित है।

 

डूंडलोद

यहाँ राजस्थान राज्य का पहला व देश का पाँचवा द डन्की सैन्चुअरी (The donkey sanctuary) नाम को गधों का गर्दभ अभयारण स्थापित है। स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना एक कुआं स्थित है। इसके चारों ओर बारादरी, ऊंची मीनारें तथा चौकोर चबूतरा स्थित है।

नरहड़

झुंझुनू जिले के इस कस्बे में शक्करवार पीर बाबा की दरगाह स्थित है। यहां पर जन्म कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मेला लगता है। शक्कर बार बाबा को बांगड़ का धनी कहा जाता है।

बिसाऊ

यह भी विभिन्न प्रकार की हवेलियों जैसे नाथूराम पौदार की हवेली, सेट हरिराम बनारसीलाल की हवेली, सेठ जयदयाल केडिया की हवेली, सींगोतिया की हवेली आदि के लिए प्रसिद्ध है।

महेनसर

झुंझुनू जिले के इस गांव में सहजराम पोदार की सोने की दुकान पर भित्ति चित्र सोने की पॉलिश के कारण प्रसिद्ध है। यहां पर तोलाराम मसखरा का महफिल खाना भी स्थित है। यह कस्बा हेरिटेज शराब के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है।कुछ सालों पहले ही यहां पर बनाए गए बांध के टूटने के कारण यह चर्चा में आया था।

मुकुंदगढ़

इसकी स्थापना ठाकुर मुकंद सिंह ने की थी। यहां पर जानकी वल्लभ मंदिर, श्री गोपीनाथ मंदिर स्थित है

खेतड़ी

झुंझुनू जिले की तहसील ताम्रनगरी के नाम से जाना जाता है। यहां पर हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (Hindustan Copper Limited) स्थित है। खेतड़ी में चांदमारी में खाने स्थित है यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के द्वारा अमेरिका की कंपनी वेस्टर्न नेप इंजीनियरिंग कंपनी की सहायता से यहां पर हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की स्थापना की गई।

अजीत सागर तालाब

यह महाराजा अजीत सिंह के द्वारा निर्मित खेतड़ी में अब तालाब है। स्वामी विवेकानंद शिकागो धर्म सम्मेलन जाने से पूर्व खेतड़ी के शासक अजीत सिंह से मिले उनको विवेकानंद नाम खेतड़ी के शासक अजीत सिंह के द्वारा ही दिया गया।

खेतड़ी महल

झुंझुनू के खेतड़ी में 5 मंजिला मुकुट के समान एक महल स्थित है। जिसका निर्माण खेतड़ी के राजा भोपाल सिंह के द्वारा किया गया। इसको शेखावाटी का हवामहल तथा राजस्थान का दूसरा हवा महल कहा जाता है।

रघुनाथ चूण्डावत जी का मन्दिर

खेतड़ी में स्थित इस मंदिर का निर्माण राजा बख्तावर की पत्नी रानी चूण्डावत ने करवाया था। इसमें राम तथा लक्ष्मण की मुछों वाली मूर्तियाँ है।

भोपालगढ़

यहां पर रामकृष्ण मिशन का मठ स्थित है। जिसका निर्माण फतेह सिंह की रानी चुंडावत के द्वारा करवाया गया था।

सोनारी

यह खेतड़ी के पास स्थित एक कस्बा है जहां पर खुदाई के दौरान लोहे के एस बने हैं मिले हैं लोहे बनाने की प्राचीनतम भट्टी मिली है।

नुआ

इस कस्बे में हवेली की खुदाई के दौरान मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के समय में ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर से जारी किए गए एक रुपए मूल्य के चांदी के हजारों सिक्के मिले हैं।

टीबा बसई

इस स्थल पर बाबा रामेश्वर दास का मंदिर स्थित है। जिसमें धर्म ग्रंथ के पवित्र श्लोक व गीता दीवारों पर अंकित है।

गोरीर

राजस्थान राज्य का पहला 100 किलोवाट क्षमता वाला सौर ऊर्जा संयंत्र यहां पर स्थापित किया गया है। जिसकी स्थापना राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड (Rajasthan Electronics & Instruments Limited) के द्वारा की गई।

उदयपुरवाटी

उदयपुरवाटी झुंझुनू जिले में स्थित है। यहां पर जोगीदास की छतरी प्रसिद्ध है। इस पर चित्रकारी देवा नामक चित्रकार द्वारा की गई।

झुंझुनू से सम्बंधित जनरल नॉलेज (General Knowledge About Jhunjhunu)

झुंझुनू जिले के अन्य स्थल

  • सतरंगी तालाब
  • पन्नालाल शाह का तालाब
  • शम्स तालाब
  • बिडला तालाब
  • कमरुद्दीन शाह की दरगाह
  • टिबड़े वाला की हवेली
  • ईश्वर दास मोदी की हवेली
  • मनसा माता का मंदिर
  • अजीत सागर तालाब
  • राधा कृष्ण मंदिर
  • पीर बाबा की मस्जिद

 

झुंझुनूं जिले में विधानसभाएँ

इस जिले में सात है, विधानसभाएँ जो निम्‍न है—

  1. झुन्झुनू
  2. पिलानी
  3. सूरजगढ़
  4. मंडावा
  5. नवलगढ़
  6. उदयपुरवाटी
  7. खेतड़ी
झुंझुनू से सम्बंधित जनरल नॉलेज (General Knowledge About Jhunjhunu)

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बाहरी कड़ियाँ

https://jhunjhunu.rajasthan.gov.in/

https://en.wikipedia.org/wiki/Jhunjhunu

 

 

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