अधिगम का शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत
अधिगम का शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत (Classical Conditioning Theory of Learning)
इस सिद्धांत के प्रवर्तक पावलोव है। अनुबंधन (Conditioning) में किसी भी वस्तु अथवा परिस्थिति को उद्दीपन के रूप में काम में लिया जाता है। इस उद्दीपन के कारण अधिगमकर्ता (Learner) अनुक्रिया प्रकट करता है।
उद्दीपन (Stimulus) तथा अनुक्रिया (Response) के बीच सम्बन्ध ही अनुबंधन (Conditioning) है।
पावलोव का प्रयोग (Expriment of Pavlov)
मनोवैज्ञानिक पावलोव ने कुत्ते की लार ग्रंथि पर प्रयोग किया।
पावलोव ने कुत्ते को भोजन देने से पहले घंटी बजायी तथा यह प्रक्रिया कई दिनों तक दोहराई जैसे ही खाना देने के पहले घंटी बजाई जाती थी कुत्ते के मुँह में लार आने लगती ।
उन्होंने पाया कि कुत्ते को भोजन न देकर केवल घंटी ही बजाए जाए, तो भी कुत्ते के मुँह से लार टपकने लगती है।
कुत्ते की घंटी के प्रति इस प्रतिक्रिया को पावलोव ने सहज-संबंध क्रिया की संज्ञा दी।
निष्कर्ष (Conclusion)
पावलोव का प्रयोग के प्रयोग में भोजन स्वाभाविक उद्दीपक (Natural stimulant) है, जिसे अनअनुबन्धित उद्दीपन (Unconditioned Stimulus,UCS) कहा जाता है।
भोजन को देखने पर कुत्ते के मुँह में लार आना एक स्वाभाविक अनुक्रिया (Natural Response) है, जिसे अनअनुबन्धित अनुक्रिया (Unconditioned Response ,UCR) कहा गया है।
भोजन देने से पहले घंटी बजाना अनुबंधित उद्दीपक (Conditioned Stimulus ,CS) कहा है
अगर कुत्ते को भोजन न देकर केवल घंटी (अनुबंधित उद्दीपक CS) ही बजाई जाए तो लार आना अनुबंधित अथवा अस्वाभाविक अनुक्रिया (Conditioned Response, CS) है।
इस सिद्धांत को इस प्रकार समझ सकते है, की जैसे अध्यापक के आने (स्वाभाविक उद्दीपक) पर कक्षा में विद्यार्थी चुप हो जाते (स्वाभाविक अनुक्रिया) है। लेकिन यदि अध्यापक कक्षा में नहीं हो और मॉनिटर कक्षा में ये बोल के गुरुजी आ रहे है। तो विद्यार्थी चुप हो जाते है जो अनुबंधित अथवा अस्वाभाविक अनुक्रिया (Conditioned Response, CS) है।
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शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत के अन्य नाम (Other Names of Classical Conditioning)
- अनुबंधन सिद्धांत (Conditioning theory)
- अधिगम का प्राचीनतम सिद्धांत (The oldest theory of learning)
- अनुबंधन-अनुक्रिया सिद्धांत (Condition-response theory)
- संबंध-प्रतिक्रिया सिद्धांत (Conditioned- reflex theory
- प्रतिबद्ध-अनुक्रिया सिद्धांत (Committed-response theory)
लैड़ल के अनुसार
संबंध-प्रतिक्रिया (Conditioned reflex) में किसी काम के लिए स्वाभाविक उद्दीपक (Natural Response) के स्थान पर एक प्रभावहीन उद्दीपक (Ineffective Response) काम में लिया जाता है। जो स्वाभाविक उद्दीपक से सबंधित होने के कारण प्रभावी (effective) हो जाता है।
जॉन बी. वॉटसन द्वारा शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत का मानव पर प्रयोग (Experiment of Classical Conditioning Theory on Human by John B. Watson)
जॉन बी. वॉटसन ने पावलोव के प्रयोग को मनुष्य पर लागू किया 1921 ई. में वाटसन ने एक 11 महीने के शिशु अल्बर्ट का अध्ययन किया। वाटसन में अल्बर्ट को सफेद चूहे से डरने के लिए सफेद चूहे को तेज तथा डरी हुई आवाज के साथ फैंकते।
पहले अल्बर्ट के सामने चूहा आने पर डर का कोई संकेत नहीं दिखाता, लेकिन जब चूहे को तेज तथा डरी हुई आवाज (UCS) छोड़ा, तो अल्बर्ट चूहों से डरने लगा।
इस प्रयोग से यह कहा जा सकता है कि तेज आवाज (UCS) प्रेरित भय (UCR) के कारण बच्चे में चूहे से भय (CR) उत्त्पन्न हुआ।
शिक्षा में अनुबंधन सिद्धांत के अनुप्रयोग (Uses of Classical Conditioning Theory in Education)
- यह सिद्धांत सीखने की स्वाभाविक विधि पर आधारित है।
- अनुबंधन सिद्धांत पशु-पक्षियों में प्रशिक्षण में सहायता करता है।
- इस सिद्धांत के उपयोग से मंदबुद्धि बालकों में अधिगम को बढ़ाया जा सकता है।
- यह सिद्धांत बालकों में अच्छी आदतों के निर्माण में तथा बुरी आदत को छुड़ाने में सहायता करता है।
- शिक्षण में शिक्षण सहायक सामग्री का उपयोग इसी सिद्धांत के आधार पर किया जाता है।
Image Source for educational purpose – kidskunst.info
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