
एकबीजपत्री एवं द्विबीजपत्री तने की आंतरिक संरचना (Anatomy of Monocot and Dicot Stem)
एकबीजपत्री तने की आंतरिक संरचना (Internal Structure of Monocot Stem)
back to menu ↑बाह्यत्वचा (Epidermis)
यह स्तंभ की सबसे बाहरी परत है। यह एकल स्तरीय होती है। जिस पर क्यूटिकल का आवरण पाया जाता है।
बाह्यत्वचा पर कहीं-कहीं पर रंध्र पाए जाते हैं। बाह्यत्वचा पर बहुकोशिकीय चपटे रोम होते हैं। इनकी कोशिकाओं के बीच अंतर कोशिकीय अवकाश (Intercellular Space) नहीं पाया जाता। इनमें हरित लवक अनुपस्थित होता है।
हाइपोडर्मिस (Hypodermis)
यह बाह्यत्वचा के नीचे स्थित होती है। यह दो से चार स्तर का बना होता है। यह लिग्निन युक्त दृढोतक से बना होता है।
back to menu ↑भरण उत्तक (Ground Tissue)
एकबीजपत्री तने में भरण उत्तर वल्कुट, एण्डोडर्मिस, परिरंभ और मज्जा में विभक्त नहीं होता। भरण उत्तक की कोशिकाएं केंद्र में बड़ी व परिधि की ओर क्रमशः छोटी होती जाती है।
संवहन उत्तक (Vascular System)
एकबीजपत्री तने में संवहनपूल भरण उत्तक में बिखरे हुए रहते हैं। यह तने के परिधि की ओर संख्या में अधिक तथा पास-पास होते हैं। जबकि केंद्र की ओर संख्या में कम व दूर-दूर होते हैं।
एकबीजपत्री तने में संवहनपूल संयुक्त (Conjoint), संपार्श्विक (Collateral), अंतआदिदारूक (Endarch), बहीफ्लोएमी तथा बंद (Closed) यानि अवर्धी प्रकार के होते हैं।
इनमें जाइलम V या Y आकृति बनाता है। जिसमें दो मेटाजाइलम वाहिकाएं भुजाएं तथा एक या दो प्रोटोजाइलम आधार बनाती है।
कुछ प्रोटोजाइलम की वाहिकाओं (Vessels) व मृदूतकी कोशिकाओं (Parenchyma) के विघटित होने से बीच में गुहा बन जाती है। जिसे जलधारी गुहा (Water-containing cavity) कहते हैं।
फ्लोएम में चालनी नलिका (Sieve tube) व सह कोशिकाएँ (Campanion cell) पाई जाती है। परंतु फ्लोएम मृदूतक अनुपस्थित होता है।
द्विबीजपत्री तने की आंतरिक संरचना ( Internal Structure of Dicot Stem)
back to menu ↑बाह्यत्वचा (Epidermis)
यह तने की सबसे बाहरी एकल कोशिकीय परत है। इसमें अंतरा कोशिकीय अवकाश नहीं पाए जाते। इनकी कोशिकाएं लंबी तथा चपटी होती है। इनके ऊपर क्यूटिकल का आवरण पाया जाता है। बाह्यत्वचा पर रंध्र तथा रोम पाए जाते हैं। इनकी कोशिकाओं में हरित लवक नहीं पाया जाता।
back to menu ↑हाइपोडर्मिस (Hypodermis)
बाह्यत्वचा के नीचे हाइपोडर्मिस स्थित होता है। इनकी तीन से चार परते पाई जाती है। इसमें अन्तरा कोशिकिय अवकाश नहीं पाया जाता इनमें हरित लवक पाया जाता है। इनकी कोशिकाएं स्थूलकोणोंतक होती है।
back to menu ↑ back to menu ↑वल्कुट (Cortex)
यह हाइपोडर्मिस तथा एंडोडर्मिस के बीच पाया जाता है। यह मृदुतकी कोशिकाओं से बना होता है। उनकी कोशिकाओं के बीच अंतर कोशिकीय स्थल पाए जाते हैं। कोशिकाएं गोलाकार होती है। इनकी कोशिकाओं द्वारा खाद्य पदार्थ व जल का संचय होता है।
back to menu ↑एंडोडर्मिस (Endodermis)
यह ढोलक के आकार की कोशिकाओं का बना है। इनमें अंतरा कोशिकीय अवकाश नहीं पाए जाते है। कोशिकाओं में मण्ड उपस्थित होते हैं। इनके कारण इनको मण्ड आच्छद (Starch Seath) कहते हैं। यह एंडोडर्मिस तथा संवहन पुल के मध्य पाया जाता है।
दृढ़ोतकी व मृदुतकी कोशिकाओं के एकांतर क्रम में व्यवस्थित होते हैं। यह दृढ़ोतकी होकर कठोर बास्ट का निर्माण करता है।
संवहन पूल (Vascular System)
द्विबीजपत्री तने में संवहन पूल एक वलय में उपस्थित होते हैं। यह संयुक्त (Conjoint), संपार्श्विक (Collateral) अंतआदिदारूक (Endarch) व खुले (Open) प्रकार के होते हैं। इनमें सबसे बाहर की ओर फ्लोएम बीच में एधा (Cambium) तथा सबसे अंदर की ओर जाइलम होता है।
back to menu ↑मज्जा एवं मज्जा किरणें (Pith and Pith Rays)
द्विबीजपत्री तने के केंद्र में मृदूतकी कोशिकाओं का बना मज्जा पाया जाता है। इसमें अंतर कोशिकीय अवकाश स्थित होते है।
back to menu ↑ऑनलाइन टेस्ट
बिखरे हुए संवहन बंडल पाए जाते
द्विबीजपत्री जड़ तथा द्विबीजपत्री तने में भिन्नता होती है-
निम्न में से किसमें फ्लोएम पेरेनकाइमा अनुपस्थित होता है-
तने में संवहन बंडल होता है
कोलेनकाइमा से बनी हाइपोडर्मिस का पाया जाना विशेषता है
मंड आच्छद या बंडल शिथ पाया जाता है-
द्विबीजपत्री तने की संरचना का सही क्रम है
एकबीजपत्री तने में हाइपोडर्मिस होती है
निम्न में से कौनसा एकबीजपत्री तने में नहीं पाया जाता
निम्न से कौनसी एकबीजपत्री तने की विशेषता है
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