संघ सीलेन्ट्रेटा या नाइडेरिया
संघ सीलेन्ट्रेटा या नाइडेरिया (Phylum Coelenterata or Cnidaria in Hindi)
सीलेन्ट्रेटा में आंत्र ही शरीर की एक मात्र गुहा होती है इसलिए इनको सीलेन्ट्रेटा कहा जाता है। (coel-cavity, enteron-intestine)
सन् 1847 ईस्वी में ल्यूकर्ट ने सीलेन्ट्रेटा (coel-cavity, enteron-intestine) संघ की स्थापना की। हेरचेक ने 1878 में इस संघ का नाम नाइडेरिया (Gr. knide-nettle) रखा। क्योंकि इनमें दंश कोशिकाए पायी जाती है, जिनको नाइडोब्लास्ट या निमेटोब्लास्ट कहते है। इस संघ के जीवों की उत्पत्ति प्री-कैम्ब्रियन काल में हुई।
संघ सीलेन्ट्रेटा या नाइडेरिया (Phylum Coelenterata or Cnidaria) के सामान्य लक्षण
- इस संघ के सभी सदस्य समुद्री होते है यानि अलवनीय जल में पाये जाते है। अपवाद- हाइड्रा।
- ये जंतु बहुकोशिकीय (multicellular), अरीय सममित (radial symmetry), द्विकोरिक (diploblastic) तथा प्रोटोस्टोमिया (Protostomia) होते है। इनमें उत्तक स्तर का शारीरिक संगठन होता है।
- 3. ये जंतु एकल (solitary), निवही (colonial) , स्थानबद्ध (sedentary) या स्वतंत्र (free swimming) होते है।
- इनके शरीर के मध्य में मुख्य गुहा पाई जाती है जिसे सिलेन्ट्रोन या जठर-वाहिनी गुहा (gastro-vascular cavity) कहते है। जो शीर्ष पर मुख में होता है जो मुख व गुदा दोनों प्रकार का कार्य करता है।
- मुख के चारों ओर स्पर्शक (tentacles) पाए जाते है जो शिकार पकड़ने व गमन में सहायक होते है। इनकी देहभित्ति में दंश कोशिकाएँ (nematocytes) पायी जाती है , जो आत्मरक्षा करने, आधार से चिपकने तथा भोजन पकड़ने में सहायता करता है।
- इनमें अंग-तंत्रों का अभाव होता है तथा इनमें बाह्य-कोशिकीय (extracellular) व अन्तकोशिकीय (intracellular) पाचन होता है।
- इनमें द्विरुपता (dimorphism) या बहुरूपता (polymorphism) होते है। इनके दो रूप पॉलिप (polyp) तथा मेड्यूसा (medusa) पाए जाते है पॉलिप बेलनाकार, स्थानबद्ध तथा अलैंगिक जनन करके मेड्यूसा उत्पन्न करते है जबकि मेड्यूसा छत्र आकार, स्वतंत्र तथा लैंगिक जनन करके पॉलिप उत्पन्न करते है।
- पॉलिप व मेड्यूसा में पीढ़ी एकान्तरण (altermation of generation) पाया जाता है। जिसे मेटाजेनेसिस कहते है।
- इसके सदस्य एकलिंगी तथा द्विलिंगी होते है इनमें अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा तथा लैंगिक जनन युग्मक संलयन द्वारा होता है। इनके जनद सरल व नलिकाविहीन होते है।
- परिवर्ध अप्रत्यक्ष प्रकार का होता है अर्थात लार्वा अवस्था पाई जाती है। इनके लार्वा को प्लैनुला कहते है।
संघ सीलेन्ट्रेटा या नाइडेरिया (Phylum Coelenterata or Cnidaria) संघ सीलेन्ट्रेटा या नाइडेरिया ( Phylum Coelenterata or Cnidaria)
संघ सीलेन्ट्रेटा का वर्गीकरण (Classification of Phylum Coelenterata)
सीलेन्ट्रेटा या नाइडेरिया के चार वर्गों में बांटा गया हैं-
1 हाइड्रोजोआ (Hydrozoa)
2 स्काइफोजोआ (Scyphozoa)
3 क्यूबोजोआ (Cubozoa)
4 एन्थोजोआ (Anthozoa)
वर्ग हाइड्रोजोआ (Hydrozoa)
[Hydro – जल, Zoa- जंतु]
A इसमें केवल पॉलिप ही होता है, व मेड्यूसा अनुपस्थित होता है।
B इनमें स्टोमोडियम (stomodeum) अनुपस्थित होता है। स्टोमोडियम (stomodeum) जठर-संवाही गुहा (gastro-vascular cavity) का एक्टोडर्म द्वारा निर्मित अग्र भाग है।
C इनमें दंश कोशिकाए (sting cells) नहीं पायी जाती।
D कुछ हाइड्रोजोआ में मेड्यूसा पाया जाता है। मेड्यूसा में वीलम (Velum) पायी जाती है, इस प्रकार के मेड्यूसा को क्रेस्पीडोट (craspedote) कहते है।
वर्ग हाइड्रोजोआ (Hydrozoa) को चार गण में बांटा गया हैं-
1 Hydroida
उदहारण – हाइड्रा, ओबेलिया, ट्युबुलेरिया, पिन्नेरिया, मिलिपोरा (Fire coral), गोनियोनिमस, वेलेला (Little sail)
2 Trachylina
ट्रेकिलिना
3 Actinulida
उदहारण- ओटोहाइड्रा, हेलेमोहाइड्रा
4 Siphanophora
उदहारण- फाइसेलिया (portuguese man of war), नेक्टेलिया, एगेल्मा
वर्ग साइफोजोआ (Scyphozoa)
[Scypho- कप या प्याला zoa- जन्तु]
A. इनकी आकृति प्याले या छतरी के समान होती है इनको जैलीफिश भी कहते है।
B. इसमें पॉलिप व मेड्यूसा दोनों होता है।
C. इनमें स्टोमोडियम (stomodeum) अनुपस्थित होता है।
D. इनमें दंश कोशिकाए (sting cells) पायी जाती।
E. मेड्यूसा में वीलम (Velum) नहीं पायी जाती है, इस प्रकार के मेड्यूसा को एक्रेस्पीडोट (acraspedote) कहते है।
वर्ग साइफोजोआ (Scyphozoa) को चार गण में बांटा गया हैं-
1 Stauromedusae
उदहारण – क्रेटिरोलोफस, ल्युसरनेरिया
2 Coronatae
उदहारण – पेरीफाइला, एटोला
3 Semaeostomae
उदहारण – ओरेलिया (Common jelly fish), सायनिया (sun jelly)
4 Rhizostomae
उदहारण – राइजोस्टोमा (बहुमुखी)
वर्ग क्यूबोजोआ (Cubozoa)
[Cubo- घन, zoa- जन्तु]
A इनकी आकृति छतरी के समान होती है लेकिन इनका छत्रक घनाकार होता है।
B इसमें पॉलिप व मेड्यूसा दोनों होता है।
C इनमें स्टोमोडियम (stomodeum) उपस्थित होता है।
D इनमें दंश कोशिकाए (sting cells) पायी जाती।
उदाहरण – काइरोनेक्स (box jelly fish), केरिब्डिया
E ये अत्यंत विषेले होते इसलिए इनको समुंद्री तैतेया (Sea Waps)
वर्ग एन्थोजोआ (Anthozoa)
[Antho – पुष्प zoa- जन्तु]
A इनकी आकृति पुष्प के समान होती है इसलिए इनको समुंद्री एनीमोन (Sea anemone) कहते है।
B इसमें पॉलिप व मेड्यूसा दोनों होता है।
C इनमें स्टोमोडियम (stomodeum) उपस्थित होता है।
D इनमें दंश कोशिकाए (sting cells) पायी जाती।
E ये CaCO3 से बने कंकाल का निर्माण करते है जिनको प्रवाल भित्ति (Coral reef) कहते है।
F ये नाइडेरिया के सबसे बड़ा वर्ग है।
उदाहरण – ट्युबीपोरा (pipe coral), एल्सायोनियम (dead man’s finger), गोर्गोनिया (sea fan), कोरेलियम (red coral लाल मूंगा), लेप्टोगोर्गीय (sea whip), पेनेटयुला (sea pen), एडमासिया (Sea anemone), मैडरिन (brain coral), हेलिओपोरा (blue coral नीला मूंगा)
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