
अधिशोषण – परिभाषा, प्रकार एवं अनुप्रयोग (Adsorption Hindi)
इस लेख में अधिशोषण – परिभाषा, प्रकार एवं अनुप्रयोग (Adsorption Hindi) के बारे में जानेगे।
पृष्ठीय रसायन (Surface Chemistry)
रसायन विज्ञान की वह शाखा जिसमें पदार्थ के पृष्ठ या सतह (surface) की प्रकृति तथा उस पर होने वाले परिवर्तनों (changes) का अध्यन किया जाता है पृष्ठीय रसायन कहलाती है।
अधिशोषण (Adsorption)
पदार्थ का किसी ठोस या द्रव के स्थूल की अपेक्षा पृष्ठ पर संचित होना अधिशोषण कहलाता है।
ठोस के पृष्ठ पर आणविक सांद्रता ठोस के आंतरिक भाग में आणविक सांद्रता से अधिक होने की घटना को अधिशोषण कहते है।
अधिशोषण के कारण ठोस के पृष्ठ पर सांद्रता में परिवर्तन होता है
जैसे- गैस से भरे बर्तन में यदि चारकोल को डाला जाए तो गैस का दाब पहले शीघ्रता से कम होता है फिर धीरे-धीरे कम होता है जो यह दर्शाता है, कि चारकोल के सतह पर गैर अधिशोषित होती है।
उपरोक्त उदाहरण से पता चलता है कि अधिशोषण प्रारम्भ में तीव्र गति से तथा बाद में धीमी गति से होता है।
अधिशोषक (Adsorbent)
जिस ठोस या द्रव पदार्थ के पृष्ठ पर सांद्रता में परिवर्तन होता है उसे अधिशोषक कहते है। जैसे उपरोक्त उदाहरण में चारकोल अधिशोषक है। यह ठोस या द्रव होता है।
अधिशोष्य (Adsorbate)
वह पदार्थ जो अधिशोषक के पृष्ठ पर अधिशोषित होता है उसे अधिशोष्य कहते है। जैसे उपरोक्त उदाहरण में गैस अधिशोष्य है।
है। यह गैस अथवा विलियन में उपस्थित विलेय हो सकता है।
अवशोषण (Absorption)
अवशोषण वह प्रक्रम (Process) है जिसमें पदार्थ ठोस या द्रव में समान रूप से वितरित होता है। यह पदार्थ के आंतरिक भाग का प्रक्रम है जबकि अधिशोषण पदार्थ के पृष्ठीय भाग का प्रक्रम है। अवशोषण समान गति से होता है।
विशोषण
जब अधिशोष्य की सांद्रता अधिशोषक पर कम होने लगती है तो इसे विशोषण कहते है।
अधिशोषण एवं अवशोषण में अंतर (Different between Adsorption and Absorption)
- अधिशोषण केवल पृष्ठ पर होता है जबकि अवशोषण पदार्थ के आंतरिक भाग में समान रूप से होता है।
- Adsorption यानी अधिशोषण केवल पृष्ठीय प्रक्रम (Surface process) है जबकि अवशोषण पदार्थ के आंतरिक भाग का प्रक्रम है।
- अधिशोषण प्रारम्भ में तीव्र गति से तथा बाद में धीमी गति से होता है जबकि अवशोषण समान गति से होता है।
- अमोनिया (NH3) चारकोल द्वारा अधिशोषित होती है। जल द्वारा अवशोषित होती है।
- जलवाष्प सिलिका जेल द्वारा अधिशोषित होती है जबकि CaCl2 के द्वारा अवशोषित होती है।
- चारकोल द्वारा शक्कर के विलियन को रंगहीन बनाने की प्रक्रिया अधिशोषित है। जिसमें चारकोल पर शक्कर के रंगीन पदार्थ का अधिशोषित होता है।
अधिशोषण के प्रकार (Types of adsorption)
अधिशोषित दो प्रकार का होता है-
- भौतिक अधिशोषण
- रासायनिक अधिशोषण
भौतिक अधिशोषण (Physical adsorption or physiorption)
जब अधिशोष्य के कण अधिशोषक के पृष्ठ पर दुर्बल भौतिक बल जैसे वान्डर वाल बंध के द्वारा अधिशोषित होते है तो उसे भौतिक अधिशोषण कहते है।
दाब बढ़ाने पर या दाब कम करने पर इन बलों को तोड़ा जा सकता है। जैसे अभ्रक पर नाइट्रोजन का अवशोषण हुआ है। चारकोल पर अमोनिया का अधिशोषण।
रासायनिक अधिशोषण (Chemical adsorption or Chemorption)
जब अधिशोष्य के कण अधिशोषक के पृष्ठ पर प्रबल रासायनिक बलों के द्वारा अधिशोषित होते है तो उसे रासायनिक अधिशोषण कहते है।
जैसे-
- Ag, Au, Pt पर O2 का अधिशोषण
- टंगस्टन पर O2 तथा CO2 का अधिशोषण
- Ni पर H2 का अधिशोषण
क्रम संख्या | भौतिक अधिशोषण | रासायनिक अधिशोषण |
1. | अधिशोष्य तथा अधिशोषक के मध्य दुर्बल वांडर वाल बंध बनता है | अधिशोष्य तथा अधिशोषक के मध्य प्रबल रासायनिक बंध बनते है |
2. | यह उत्क्रमणीय प्रक्रम (reversible process) है | यह अनुत्क्रमणीय प्रक्रम (irreversible process) है |
3. | अधिशोषण की सीमा गैस के द्रवीकरण पर निर्भर करती है | अधिशोषण की सीमा गैस के द्रवीकरण पर निर्भर नहीं करती |
4. | यह बहुपरतीय अधिशोषण है | यह एकपरतीय अधिशोषण है |
5. | यह कम ताप पर होता है | यह उच्च ताप पर होता है |
6. | यह विशिष्ट नहीं होता यानी समस्त गैसे ठोस के पृष्ठ पर अधिशोषित होती है | यह विशिष्ट होता यानी यह जब ही संपन्न होता है जब अधिशोषिक तथा अधिशोष्य के मध्य रासायनिक बंध बने |
7. | अधिशोषण ऊष्मा का मान 20-40 KJmol-1 होता है | अधिशोषण ऊष्मा का मान 200-400 KJmol-1 होता है |
8. | चारकोल पर अमोनिया का अधिशोषण | Ni पर H2 का अधिशोषण |
अधिशोषण – परिभाषा, प्रकार एवं अनुप्रयोग (Adsorption Hindi) अधिशोषण – परिभाषा, प्रकार एवं अनुप्रयोग (Adsorption Hindi)
धनात्मक अधिशोषण (Positive adsorption)
ऋणात्मक अधिशोषण (Nagetive adsorption)
धनात्मक अधिशोषण (Positive adsorption)
जब किसी पदार्थ के पृष्ठ पर सांद्रता में वृद्धि होती है तो इस प्रकार का अधिशोषण धनात्मक अधिशोषण कहलाता है।
ऋणात्मक अधिशोषण (Nagetive adsorption)
यदि पदार्थ के पृष्ठ पर अधिशोष्य की सांद्रता आंतरिक भाग में सांद्रता से कम होती है। तो इस प्रकार के अधिशोषण को ऋणात्मक अधिशोषण कहते है।
अधिशोषण – परिभाषा, प्रकार एवं अनुप्रयोग (Adsorption Hindi)
अधिशोषण को प्रभावित करने वाले कारक (factor effecting adsorption)
गैस की प्रकृति (nature of gas)
अधिशोषण की सीमा गैस की प्रकृति पर निर्भर करती है। सरलता से द्रवित होने वाली गैसें HCl, Cl2, SO2, CO2, NH3 आदि स्थायी गैसों H2, O2, N2 आदि की अपेक्षा से अधिशोषित होती है। क्योंकि सरलता से द्रवित होने वाली गैसों का क्रांतिक ताप अधिक होता है।
वह न्यूनतम ताप जिस पर गैस का द्रवीकरण संभव नहीं है चाहे जितना अधिक दाब लगाया जाए उसे क्रांतिक ताप (Critical temperature) कहते है।
क्रांतिक ताप∝अधिशोषण की दर
अधिशोषक की प्रकृति (nature of adsorbent)
Adsorbent यानी अधिशोषक का पृष्ठीय क्षेत्रफल जितना अधिक होता है क्षमता उतनी ही अधिक होती है।
अधिशोषक का पृष्ठीय क्षेत्रफल∝अधिशोषण की क्षमता
दाब का प्रभाव (pressure)
अधिशोषक की प्रति इकाई द्रव्यमान द्वारा गैस की अधिशोषण की मात्रा गैस के दाब पर निर्भर करती है।
अधिशोषण की मात्रा, अधिशोष्य का भार तथा अधिशोषक का भार के अनुपात से ज्ञात कर सकते है।
निश्चित ताप पर अधिशोषण की मात्रा तथा गैस के दाब के मध्य आरेख को अधिशोषण समतापी वक्र (Adsorption isotherm) कहते है।
फ्रेण्डलिच / फ्रॉयंडलिक समतापी वक्र (Freundlich isotherm)
1909 में फ्रेण्डलिच / फ्रॉयंडलिक ने ठोस अधिशोषक के इकाई द्रव्यमान द्वारा अधिशोषित गैस की मात्रा (x/m) का दाब (p) के सम्बन्ध को एक वक्र द्वारा समझाया जिसे फ्रेण्डलिच / फ्रॉयंडलिक समतापी वक्र कहते है।
- कम दबाव पर, अधिशोषण की मात्रा दाब के समानुपाती होती है। अधिशोषित गैस की मात्रा (x/m) का दाब (p) के मध्य वक्र सरल रेखा में प्राप्त होता है।
- उच्च दाब पर, अधिशोषण की मात्रा दाब स्वतंत्र होती है। अतः
(P0= 1)
K=Constant
- दाब के मध्यवर्ती मान पर, अधिशोषण की मात्रा दाब के घातांक पर निर्भर करती है।
जहां n का मान एक पूर्णाक है।
इस समीकरण को फ्रेण्डलिच समतापी समीकरण (Freundlich isotherm equation) कहते है।
दोनों ओर का लघुगुणक लेने पर
Log (x/m) तथा log P के मध्य ग्राफ खींचने पर एक सीधी रेखा प्राप्त होती है, जिसका ढाल 1/n के बराबर होता है तथा अन्तःखण्ड log K के बराबर होता है।
अधिशोषण – परिभाषा, प्रकार एवं अनुप्रयोग (Adsorption Hindi)
लैंगम्यूर समतापी वक्र (Langmuir isotherm)
लैंगम्यूर ने फ्रेण्डलिच समतापी वक्र का विस्तृत रूप प्रदान किया जिसे लैंगम्यूर समतापी वक्र कहते है। इसके अनुसार-
माना कि दाब p पर अधिशोषक के 1cm2 क्षेत्रफल सतह पर θ अंश भाग पर ही अधिशोष्य गैस का अधिशोषण होता है अतः 1- θ भाग अधिशोषण नहीं करता।
तो अधिशोषण की दर गैस के दाब तथा पृष्ठ क्षेत्रफल (1- θ) के समानुपाती होती है।
अधिशोष्य गैस के कुछ अणुओं का विशोषण होता है तो
साम्यावस्था पर
अधिशोषक की वह सतह जिस पर अधिशोषण हुआ है (θ) अधिशोष्य गैस की मात्रा (x/m) के बराबर होता है अतः
इस संबंध को लैंगम्यूर समीकरण (Langmuir isotherm equation) कहते है
यह समीकरण को उच्च दाब पर लागू नहीं होती
4. ताप का प्रभाव (Temperature)
अधिशोषण ऊष्माक्षेपी प्रक्रम है, इसलिए ताप में वृद्धि अधिशोषण की मात्रा को कम कर देती है, तथा ताप में कमी अधिशोषण की मात्रा को बढ़ा देती है।
ऊष्माक्षेपी प्रक्रम होने के कारण, ऊष्मा की वह मात्रा जो ठोस पर एक मोल गैस या जल वाष्प के अधिशोषण से उत्सर्जित होती है, अधिशोषण उष्मा कहलाती है ।
5. अधिशोषक का सक्रियण (Activation of adsorbent)
किसी अधिशोषक की अधिशोषण क्षमता में वृद्धि करना निम्न प्रकार से की जा सकती है-
- अधिशोषक को छोट-छोटे कणों में विभाजित करके
- इसको को अति तप्त जल वाष्प के साथ गर्म करके
- धात्विक अधिशोषक को यांत्रिक रगड़ प्रदान करके
अधिशोषण के अनुप्रयोग (uses of adsorption)
- चारकोल द्वारा शक्कर के विलियन को रंगहीन बनाने में।
- चारकोल का उपयोग गैस मास्क में होता है जो अधिशोषण के द्वारा वायु में उपस्थित जहरीली गैसों जैसे CH4, CO को हटा देता है।
- सिलिका जेल द्वारा वायु की नमी को अधिशोषित करने में।
- कपड़ो की रँगाई में।
- रेजिन द्वारा कठोर जल के लवणों को अधिशोषित करके मृदु करने में।
- निर्वात में उपस्थित कुछ वायु के अंश को चारकोल द्वारा अवशोषित करने में।
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[…] है जो बीजांडकाय से पोषक पदार्थ का अवशोषण करती तथा परागनलिका को बीजाण्ड की ओर […]
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