अलवर से सम्बन्धित GK

अलवर से सम्बन्धित GK  alwar gk in hindi

अलवर पूर्वी राजस्थान का एक जिला है। इसकी स्थापना राव प्रतापसिंह ने 1770 ईस्वी में की थी।

इसे पूर्वी राजस्थान का कश्मीर, राजस्थान का स्कॉटलैंड, राजस्थान का सिंह द्वार अथवा राजस्थान का पूर्वी द्वार आदि नामों से भी पुकारा जाता है। यह औद्योगिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण जिला है।

प्राचीन काल में यह मत्स्य जनपद का भाग था। जिसकी राजधानी विराटनगर थी।


अलवर जिले की विधानसभा (Legislative Assembly of Alwar District)

अलवर जिले में कुल 11 विधानसभा हैं। जिनके नाम निम्नलिखित है-

  1. तिजारा
  2. मुंडावर
  3. किशनगढ़ बास
  4. बहरोड
  5. बानसूर
  6. अलवर शहर
  7. कठूमर
  8. रामगढ़- लक्ष्मणगढ़
  9. थानागाजी
  10. अलवर ग्रामीण
  11. राजगढ़

अलवर के प्रमुख दुर्ग, किले एवं ऐतिहासिक स्थल (Major forts and historical sites of Alwar)

बाला दुर्ग

इस किले को हसन खान मेवाती ने सन 1928 में बनवाया था। यहां मुगल बादशाह बाबर एक रात के लिए ठहरे थे।

नीमराना दुर्ग

लगभग 3 एकड़ पहाड़ी पर बना  है। इसका निर्माण सन 1464 में करवाया गया था इसमें पांच मंजिल होने के कारण यह किला पंचमहल के नाम से भी जाना जाता है। वर्तमान में इसे होटल का रूप दे दिया गया है।

भानगढ़

यह अलवर की तहसील राजगढ़ में स्थित है। इसका निर्माण सन 1664 में माधव सिंह द्वारा करवाया गया। इसमें गोपीनाथ का मंदिर स्थित है। यह डरावने किले के लिए प्रसिद्ध है। इसमें संध्या के पश्चात प्रवेश नहीं मिलता।

अजबगढ़

सन 1635  में अजब सिंह राजावत ने इसका निर्माण करवाया था। यह भानगढ़ से 5 किलोमीटर दूरी अरावली पर्वतमाला की घाटियों में स्थित है। इसमें सोम सागर तालाब, झीलझील देह झील, जयसागर बांध स्थित हैं।

कांकणबाड़ी किला

यह किला भी राजगढ़ तहसील में सरिस्का वन क्षेत्र में स्थित है। इसमें औरंगजेब ने अपने भाई दाराशिकोह को कैद करके रखा था।

विजयमंदिर महल

यह महाराजा जयसिंह के द्वारा 1917 -18  में बनवाया गया यह अलवर शहर से 11 किलोमीटर दूर स्थित है।

फतेहजंग गुंबद

1547 में नवाब फतेहजंग खा की याद में बनाया गया था।

होप सर्कस

इसको कैलाश बुर्ज भी कहते है। इसका निर्माण  1939-40 ईस्वी में करवाया गया था। जब वायसराय लार्ड लिनलिथगो की पुत्री मिस होप अलवर आयी तब यह बनाया गया था।

पुर्जनविहार

यह बगीचे का निर्माण सन 1868 में महाराजा से श्योधान सिंह द्वारा करवाया गया तथा 1885 में महराजा मंगल सिंह द्वारा पुनः निर्माण करवाया गया। यह कंपनी गार्डन के नाम से प्रसिद्ध था यह शिमला स्थित है।

शिमला

अलवर के पुर्जनविहार में महाराजा मंगल सिंह द्वारा 1885 में इसका निर्माण करवाया गया था। इसकी गहराई 25 फुट, लम्बाई 380 फुट और चौड़ाई 288 फुट है।

ईटाराणा की कोठी

इसका निर्माण महाराजा जयसिंह ने करवाया था। जाली-झरोखे, छतरियों, मेहराब, तोरण के जैसे टोडे आदि के लिए प्रसिद्ध है।

मुसी महारानी की छतरी

80 खंभों वाली इस छतरी का निर्माण सन 1815 में महाराजा विनय सिंह ने मूसी महारानी व बख्तावर सिंह की स्मृति में करवाया था।

सरिस्का पैलेस

महाराजा जयसिंह ने महल सरिस्का पैलेस बनवाया जो अब होटल में तब्दील कर दिया गया है ये ड्यूक ऑफ़ एडिनबर्ग के लिए सन 1902 में बनाया गया था।

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अलवर से सम्बन्धित GK  alwar gk in hindi


अलवर के प्रमुख मन्दिर, छतरियाँ एवं मकबरे (Major temples, chhatris and mausoleums of Alwar)

नारायणी माता का मंदिर

यह नाईयों की कुल देवी माता का मंदिर है। जो राजगढ़ तहसील की बरवा डूंगरी में स्थित है।

भृतहरि

यह कंनफटे नाथों का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जो उज्जैन के राजाओं की तपोस्थली है।

पांडूपोल

यहाँ पाडवों ने अज्ञातवास गुजारा था। यहाँ पर सोये हुए (शयन मुद्रा) हनुमानजी का विशाल मन्दिर है। ये मान्यता है कि यहाँ भीम ने पहाड़ में गधा मारकर रास्ता बनाया था।

अलाउद्दीन आलमशाह का मकबरा

यह तिजारा में स्थित है यहां स्थित गुंबद सिकंदर लोदी के भाई अलाउद्दीन लोदी द्वारा बनाया गया था।

रूपवास मंदिर

अलवर के इस मंदिर में बढलिया नवमी को हरसाल रथयात्रा निकलती है। जिसमें जगन्नाथ जी की प्रतिमा को इंद्रविमान रथ पर निकाला जाता है। यहाँ जगन्नाथ जी का लखी मेला आषाढ़ सुदी अष्टमी से तेरस तक भरता है। साथ ही यहां एकादशी को वरमाला उत्सव का भी आयोजन होता है।

तिजारा

यहां आठवें जैन तीर्थंकर भगवान चंद्रप्रभु का विशाल मंदिर है।

नीलकंठ मन्दिर

यह शिवजी का मंदिर है। इसका निर्माण राजा अजयपाल द्वारा करवाया गया था। यह बर्डगुर्जरों नरेशों का प्रसिद्ध मंदिर है।

तालवृक्ष

यह अलवर से लगभग 35 किलोमीटर दूर ऋषि मांडव्य की तपोस्थली है।

 


अलवर जिले की प्रमुख झीले, तालाब एवं बांध (Major lakes, ponds and dams in Alwar district)

सिलीसेढ़ झील

यह दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर स्थित है। इसको राजस्थान का नंदनकानन भी कहा जाता है। इस झील के किनारे अलवर के महाराजा विनय सिंह ने अपनी रानी शीला के लिए महल बनाया था।  जिसे होटल सिलीसेढ़ लेक पैलेस बना दिया गया है।

जयसमंद बांध

अलवर से लगभग 9 किलोमीटर दूर स्थित है इसका निर्माण महाराजा जयसिंह द्वारा  करवाया गया था।

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अलवर के प्रमुख व्यापारिक कस्बे एवं स्थान (Major economic towns and places of Alwar)

जिला अलवर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल है। इसलिए यह व्यापारिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण जिला है। यहां के महत्वपूर्ण व्यापारिक कस्बे निम्नलिखित है-

भिवाड़ी

RIICO (Rajasthan State Industrial Development and Investment Corporatio) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड के सहयोग से ग्रेटर भिवाड़ी योजना प्रारंभ की है। यहाँ उतरी भारत का सबसे बड़ा पावर स्टेशन बनाया जाएगा। भिवाड़ी में नोटों की स्याही बनाने का कारखाना है।

खुशखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र

यह भिवाड़ी में स्थित एक सिटी है। जो सिलिकॉन सिटी के रूप में सेज (विशेष आर्थिक क्षेत्र) के द्वारा विकसित की जा रही है।

special economic zone (SEZ)

जीव जगत, Jeev Jagat, The Living World,

जीव विज्ञान के नोट्स – Click here

टपूकड़

इस स्थान पर होंडा कम्पनी की दूसरी यूनिट और प्रथम एकीकृत औद्योगिक पार्क है।

तिजारा

जिला अलवर का यह क्षेत्र सिलिकॉन उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। यहां देश का पहला एयरो स्पोर्ट्स गांव जरौली में स्थापित किया जा रहा है। इस गांव का विकास केंद्रीय नागरिक उड्डयन, युवा व खेल मामलात मंत्रालय और एयरो क्लब ऑफ इंडिया के द्वारा किया जा रहा है।

सिलिकॉन इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड ने सिलिकॉन उत्पादन के लिए प्लांट स्थापित किया है।

खो दरीबा

अलवर की तहसील राजगढ़ में खो दरीबा खान है, जो तांबे के लिए प्रसिद्ध है। यह क्षेत्र संगमरमर के लिय जाना जाता है।

बहरोड़

यह पशु मेला लगता है। जो मुर्रा नस्ल की भैंस के लिए प्रसिद्ध है।

थानागाजी

यह स्थान लाल पत्थरों की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है।

नीमराणा

नीमराना का झबराना नामक स्थान स्लेटी पत्थर के लिए प्रसिद्ध है।

राजगढ़ एवं पुरवा

यहाँ से लौह अयस्क प्राप्त होते है।

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सरिस्का अभ्यारण्य (Sariska Reserve)

ये अभ्यारण्य दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर अलवर से 35 किलोमीटर दूर सरिस्का नाम के गांव के पास स्थित है जो  1990 में राष्ट्रीय उद्यान (National Park) घोषित किया गया था और इसको 27 अगस्त 1982 को बाघ परियोजना के अंतर्गत शामिल किया गया है।

यह 800 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ अभ्यारण्य है हरे कबूतरों के लिए प्रसिद्ध अभ्यारण है। इसमें सांभर, बाघ, चीतल, चिंकारा, नीलगाय, जंगली सूअर आदि  वन्य जीव पाए जाते हैं। इस राष्ट्रिय पार्क को बाघों की मांद भी कहते है।

 

अलवर में प्रथम

  1. भारत का पहला इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (Integrated Traffic Management Institute) अलवर जिले में खुलेगा।
  2. माचिस बनाने के सर्वाधिक कारखाने
  3. राजस्थान का एकमात्र ‘शूकर प्रजनन केंद्र / सूअर प्रजनन केंद्र‘ अलवर में स्थित है।
  4. राजस्थान की प्रथम प्याज मंडी अलवर जिले में स्थित है।
  5. अलवर जिले के चंदोली स्थान पर भारत के प्रथम माइनॉरिटी साइबर विलेज (Minority Cyber Village) की स्थापना की गयी है।
  6. देश का प्रथम राष्ट्रीय उत्पादन एवं निवेश केंद्र अलवर में।

इन्हें भी पढ़े

  1. राजस्थान में कृषि (Agriculture in Rajasthan)
  2. जयपुर से जुडी जनरल नॉलेज
  3. राजस्थान में पर्यटन उद्योग (Tourism Industry in Rajasthan)
  4. बीकानेर से सम्बंधित जनरल नॉलेज
  5. राजस्थान के राष्ट्रीय राजमार्ग (National highway of Rajasthan)
  6. झुंझुनू से सम्बंधित जनरल नॉलेज

 


बाहरी कड़ियाँ

  1. वेबसाइट कैसे बनाते हैं उसकी जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करें – https://aliseotools.com
  2. http://www.tourism.rajasthan.gov.in/alwar.html
  3. Image source foe educational purpose https://alwar.rajasthan.gov.in

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