पुनर्बलन सिद्धांत

पुनर्बलन सिद्धांत (Theory of Reinforcement)

यह सिद्धांत क्लार्क एस हल के द्वारा दिया गया।  इनके अनुसार आवश्यकता (Need) अधिगम का आधार है अथार्त आवश्यकता ही चालक (Drive) है। आवश्यकता पूरी होते ही चालक कम हो जाता है जिससे अधिगम की दर कम होने लगती है।

 

मिलर एवं डॉलार्ड का प्रयोग (Experiment of Miller & Dollard)

मिलर एवं डॉलार्ड ने छः वर्ष की एक लड़की पर प्रयोग किया जब लड़की भूखी थी तो उसे बताया गया की किताबों की अलमारी में एक किताब के नीचे कैंडी छिपी हुई है।

लड़की कैंडी को पाने के लिए किताबों को बाहर निकालना शुरू कर देती है। और लगभग 210 सेकंड के बाद वह सही किताब पा लेती जिसके नीचे कैंडी छुपी है।

पुनर्बलन सिद्धांत (Theory of Reinforcement)

इसके पश्चात उसे कमरे से बाहर भेज दिया जाता है। और उसी किताब के नीचे एक अन्य कैंडी को छिपा दिया जाता है। इस बार वह लड़की कैंडी को 86 सेकंड में ही ढूंढ लेती है।

 

इस प्रयोग को बार-बार दोहराने पर नौवें पुनरावृत्ति पर वह लड़की तुरंत 2 सेकंड में ही उस कैंडी उस पा लेती है।

 

कैंडी को पाना लड़की के लिए चालक (Drive) का प्रदर्शन है और पुस्तकों के नीचे कैंडी को ढूँढना उस चालक को कम करने के लिए की गयी अनुक्रिया (Response) है।

अंततः सही पुस्तक मिलने पर उसे अनुक्रिया के लिए पुरस्कार मिला जिसके कारण उसकी आदत बना गई।

 

 

क्लार्क एस हल के अनुसार

यदि थार्नडाइक के प्रयोग में भूखी बिल्ली को भोजन दे दिया जाए। तो वह उछल कूद करना बंद कर देती है। तथा उस पर बाह्य उद्दीपक का प्रभाव नहीं पड़ता है।

बिल्ली की आवश्यकता भोजन को बिल्ली के लिए चालक है। इसकी पूर्ति होते ही बिल्ली का अधिगम करना बंद हो जाता है।

क्लार्क एस हल ने उद्दीपक के बजाय आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि कोई भी जीव अपनी आवश्यकता पूरी करने के लिए जो क्रिया करता है। वह उसे आसानी से सीख लेता है।

यह भी पढ़े

 

पुनर्बलन सिद्धांत के अन्य (Other Names of Theory of Reinforcement)

  1. चालक न्यूनता सिद्धांत (Drive reduction theory)
  2. आवश्यकता की कमी पूर्ति का सिद्धांत (Need satisfaction theory)
  3. यथार्थ का सिद्धांत (The principle of reality)
  4. उद्दीपक-प्रतिक्रिया सिद्धांत (Stimulus-response theory)

 

स्किनर ने इसे आदर्श एवं सर्वश्रेष्ठ अधिगम सिद्धांत (Ideal and most elegant theory) कहा है।

 

पुनर्बलन सिद्धांत का शैक्षिक महत्व (Educational importance of reinforcement theory)

  1. यह सिद्धांत बालको में अधिगम के लिए प्रेरणा पर बल देता है।
  2. इस सिद्धांत के अनुसार पाठ्यक्रम का निर्माण बालको की आवश्यकता के अनुसार करना चाहिए।
  3. बालको की क्रिया तथा आवश्यकता में मध्य सम्बन्ध होना चाहिए।
  4. अधिगम बालको की आवश्यकता की पूर्ति करने वाला होना चाहिए।

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