कार्बन के कार्बाइड यौगिक
कार्बन के कार्बाइड यौगिक (Carbide Compounds of Carbon)
कार्बन अपने से कम विद्युत ऋणता वाले तत्वों से अभिक्रिया कर द्विअंगी यौगिक (binary compound) बनाता है। ये यौगिक कार्बाइड कहलाते (Carbide Compounds) हैं।
जैसे –
- कैल्सियम कार्बाइड (CaC2)
- बोरॉन कार्बाइड (B4C3)
- सिलिकन कार्बाइड (SiC) → कार्बोरंडम (Carborundum)
- लिथियम कार्बाइड (Li2C2)
- ऐलुमिनियम कार्बाइड (Al4C3)
- टंगस्टन कार्बाइड (WC और W2C)
- आयरन कार्बाइड (Fe3C) → सीमेंटाइट (cementite)
- क्रोमियम कार्बाइड (CrC2)
- मैग्नीज कार्बाइड (MnC)
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कार्बाइड यौगिक के प्रकार (Types of carbide compounds)
कार्बाइड मुख्यत: चार प्रकार के होते हैं
(i) आयनिक कार्बाइड (Ionic carbide)
आवर्त सारणी (periodic table) के पहले, दुसरे एंव तीसरे वर्ग में बोरॉन को छोड़कर अन्य तत्वों के साथ कार्बन जुड़कर होकर आयनिक कार्बाइड (Ionic carbide) बनाता है। उदाहरणार्थ – Li2C2, CaC2, Al4C3 आदि ।
(ii) सहसंयोजी कार्बाइड (Covalent carbide)
सिलिकन तथा बोरॉन के कार्बन सहसंयोजी बंध (Covalent bond) बनाकर सहसंयोजी कार्बाइड (Covalent carbide) बनाता है। जैसे सिलिकन कार्बाइड (SiC) एंव बोरॉन कार्बाइड (B4C3)
(iii) धात्विक कार्बाइड (Metallic carbide)
आवर्त सारणी (periodic table) के चौथे, पाँचवे तथा छ्टे वर्ग (Group) की संक्रमण धातुएं (Transition metals) कार्बन से क्रिया करके जो कार्बाइड बनाती है उन्हें धात्विक कार्बाइड (Metallic carbide) कहते हैं। जैसे – टंगस्टन कार्बाइड (WC और W2C)
(iv) अंतराली कार्बाइड (Interstitial Carbide)
आयरन कार्बाइड (Fe3C), क्रोमियम कार्बाइड (CrC2), तथा मैग्नीज कार्बाइड (MnC) आदि कार्बाइड अंतराली कार्बाइड होते हैं क्योंकि इन धातुओं के जालक में उपस्थित रिक्त स्थान (interstitial) में कार्बन प्रवेश कर लेता है, इसीलिए ये अंतराली कार्बाइड (Interstitial Carbide) कहलाते है ।
कार्बाइड यौगिक के उपयोग (Uses of Carbide Compounds)
(i) कैल्सियम कार्बाइड (CaC2) से ऐसिटीलिन (Acetylene, C2H2) गैस प्राप्त होती है इसलिए इसका उपयोग वैल्डिंग (Welding) करने हेतु किया जाता है।
(ii) बोरॉन कार्बाइड (B4C3) अत्यधिक कठोर होता है। इसका उपयोग हीरे को काटने तथा तराशने, रॉकेट में छेद बनाने, इलेक्ट्रोड बनाने तथा लैम्प फिलामेन्ट बनाने में होता है।
(iii) सिलिकन कार्बाइड (SiC) अत्यन्त कठोर पदार्थ है। इसे कार्बोरंडम (Carborundum) भी कहते है। इसका उपयोग धातुओं में धार बनाने के लिये तथा उन्हें पिसने के लिये किया जाता है।
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